'एक बच्चा नीति खत्म करे चीन'
१ नवम्बर २०१२चाइना डेवलमपेंट रिसर्च फाउंडेशन (सीडीआरएफ) का कहना है कि 30 साल पुरानी एक बच्चा नीति को बंद किया जाना चाहिए. फाउंडेशन के मुताबिक इस नीति की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है. नौजवानों की संख्या कम हो रही है और सामाजिक ताना बाना भी बिखर रहा है. लैंगिक भेदभाव की समस्याएं भी आ रही हैं.
अपनी रिपोर्ट में सीडीआरएफ ने कहा, "जनसंख्या के ढांचे में दिक्कत है. गुणवत्ता और बंटवारे की दिक्कत साफ तौर पर दिखाई पड़ने लगी है और भविष्य में चीनी सामाजिक व आर्थिक तरक्की पर इसका जोरदार असर पड़ेगा." फाउंडेशन की रिपोर्ट चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने छापी है.
रिपोर्ट कहती है, "चीन ने इस नीति के लिए बहुत ज्यादा राजनीतिक और सामाजिक कीमत चुकाई है, नतीजा ये रहा कि सामाजिक विवाद और उच्च प्रशासनिक खर्च के साथ अप्रत्यक्ष तौर पर लंबे समय के लिए लैंगिक असंतुलन भी हो गया है."
रिपोर्ट कहती है कि नीतियों को बदलने का वक्त आ गया है. दंपति को 2015 से दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. फाउंडेशन की मांग है कि 2020 से तो बच्चे पैदा करने पर किसी तरह की रोक टोक नहीं होनी चाहिए.
दक्षिणी चीन की गुआनडोंग सरकार ने बीजिंग से एक बच्चा नीति में नरमी देने की मांग भी कर डाली है. जुलाई में मांगी गई इजाजत को जनसंख्या व परिवार नियोजन आयोग ने खारिज कर दिया.
चीन दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, लेकिन कड़ी नीति की वजह से चीन की जनसंख्या वृद्धि स्थिर सी हो गई है. चीन की आबादी 1.33 अरब है. भारत जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का दूसरा बड़ा देश है, वहां जनसंख्या 1.24 अरब है, जो 1.4 फीसदी की वार्षिक के दर से बढ़ रही है.
ओएसजे/एएम (एएफपी)