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एक मिशन में धोनी, अफरीदी और संगकारा

१८ जून २०१०

एशिया कप खेल रही टीमों के कप्तान बच्चों के लिए बल्लेबाजी करने उतरे. दाम्बुला में यूनीसेफ के एक कार्यक्रम में महेंद्र सिंह धोनी, शाहिद अफरीदी, कुमार संगकारा और शाकिब अल हसन बचपन और बच्चों को बचाओ का नारा देते नजर आए.

तस्वीर: AP

बच्चों की सेहत को लेकर मां बाप की जागरूकता पर जोर देते हुए टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपना उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, ''मेरे माता पिता ने मेरी अच्छी देखभाल की. मुझे पोलियो ड्रॉप पिलाईं, इसीलिए मैं यहां हूं. बच्चे हमारा भविष्य हैं और हमें उनका और उनकी मां की सेहत का ध्यान रखना होगा.''

पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी ने अपने देश में बच्चियों की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान में हमें यह पक्का करना है कि लड़कियां स्कूल जाएं, पोलियो भी एक बड़ी समस्या है.'' भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिकेट के धर्म की तरह देखा जाता है.

तस्वीर: AP

बचपन बचाओ के नारे के लिए यूनीसेफ अब क्रिकेटरों का सहारा भी ले रहा है. यूनीसेफ के मुताबिक दक्षिण एशिया के 41 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इस गंभीर समस्या के चलते भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हर साल 30 लाख बच्चों की मौत हो जाती है.

संयुक्त राष्ट्र की शाखा को उम्मीद हैं कि क्रिकेट सितारे लोगों को जागरूक करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा भी इससे सहमत हैं. गुरुवार को संगकारा ने कहा, ''हम क्रिकेटर होने के अलावा किसी के बेटे, किसी के भाई और किसी के पति हैं. समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियां हैं. यह ज़रूरी है कि सरकार कई बातों पर ध्यान दे ताकि बच्चे स्कूल जा सकें.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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