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एक सदी बाद मिला राजा

२९ जनवरी २०१३

नीदरलैंड्स की रानी ने गद्दी छोड़ने का फैसला किया है. जल्द ही वह अपने बेटे को सिंहासन की जिम्मेदारी सौंपेंगी. 123 साल बाद देश को एक राजा मिलने जा रहा है.

तस्वीर: Reuters

नीदरलैंड्स की रानी क्वीन बेआट्रिक्स गुरुवार को अपना 75वां और रानी के तौर पर आखिरी जन्मदिन मनाएंगी. सोमवार को टीवी पर उन्होंने इस बात की घोषणा की कि वह 30 अप्रैल को रानी का पद छोड़ देंगी. उसी दिन एम्सटर्डम में उनके बड़े बेटे प्रिंस एलेक्सेंडर को राजा बनाया जाएगा. पिछली तीन पीढ़ियों से नीदरलैंड्स में रानियों का ही राज रहा है. आखिरी राजा थे विलेम तीसरे जिनकी 1890 में मौत हुई.

ब्रिटेन के राजघराने से उलट नीदरलैंड्स में अगली पीढ़ी को वक्त रहते ही गद्दी सौंप देने का चलन है. ब्रिटेन में राजा या रानी की मौत से पहले ऐसा नहीं किया जाता. ब्रिटेन में क्वीन एलिजाबेथ पिछले 60 साल से रानी की गद्दी पर रही हैं, जबकि क्वीन बेआट्रिक्स ने तीन ही दशकों में इसे बेटे के हवाले करने का फैसला ले लिया है.

टीवी संदेश देती क्वीन बेआट्रिक्सतस्वीर: Reuters

जिम्मेदारी के लिए तैयार

नीदरलैंड्स के होने वाले राजा विलेम एलेक्सेंडर 45 साल के हैं और काफी समय से उन्हें लेकर भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनका भविष्य ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स जैसा होगा जो बुढ़ापे में भी राजकुमार ही कहलाएंगे. लेकिन रानी बेआट्रिक्स ने इन अटकलों को खत्म करते हुए कहा है, "मैं इसलिए पीछे नहीं हट रही हूं कि मेरे लिए काम का बोझ बहुत ज्यादा हो गया है, बल्कि इसलिए कि मुझे यकीन है कि अब देश की जिम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंप देनी चाहिए." महारानी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि राजकुमार विलेम और उनकी पत्नी मैक्सिमा अब इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं.

नीदरलैंड्स का राजघराना खुले विचारों के लिए जाना जाता है. राजकुमार विलेम ने अर्जेंटीना की एक आम महिला से शादी की, जिसका राजघराने से कोई संबंध नहीं था. हर शाही शादी की तरह यहां भी यह सवाल उठा था कि क्या मैक्सिमा राजघराने के रहन सहन के अनुसार खुद को ढाल पाएंगी. लेकिन अब आलम यह है कि वह नीदरलैंड्स के लोगों में अपने पति से भी ज्यादा लोकप्रिय हैं. लोगों को इस बात की खुशी तो है ही कि विलेम राजा बनने जा रहे हैं, उस से भी ज्यादा वे इस बात को ले कर उत्साहित हैं कि मैक्सिमा का भी दर्जा बढ़ जाएगा.

राजकुमार विलेम और उनकी पत्नी मैक्सिमा के साथतस्वीर: picture-alliance/dpa

कैसा है राजघराना

विलेम और मैक्सिमा की शादी में राजघराने की ओर से कोई रुकावट नहीं आई क्योंकि रानी बेआट्रिक्स ने खुद भी अपना वर स्वयं ही चुना था. उन्होंने जर्मन मूल के राजदूत क्लाउस फॉन आम्सबेर्ग से शादी की. इसकी वजह से न सर्फ राजघराना बल्कि नीदरलैंड्स की आम जनता भी उनसे नाराज थी. उनका विवाह 1966 में हुआ. उस वक्त तक दूसरे विश्व युद्ध के घाव पूरी तरह भरे भी नहीं थे. हिटलर की सेना ने नीदरलैंड्स पर कब्जा किया था और बेआट्रिक्स के होने वाले पति उसका हिस्सा थे. क्लाउस फॉन आम्सबेर्ग को लोगों की नाराजगी का लम्बे समय तक सामना करना पड़ा. स्वीकारे न जाने के कारण उनके निजी जीवन पर भी असर पड़ा और इसलिए 80 के दशक में वह अवसाद के शिकार भी रहे.

क्वीन बेआट्रिक्स की कहानी केवल यहीं विवादों से नहीं घिरी रही. उससे पहले 70 के दशक में उनके पिता पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे. उस वक्त राजकुमारी बेआट्रिक्स ने साफ कह दिया कि यदि संसद उनके पिता के खिलाफ कोई कदम उठाने के बारे में सोचती है तो वह राजसिंहासन नहीं संभालेंगी. 1980 में उनकी मां क्वीन यूलियाना ने उन्हें गद्दी सौंपी. उससे पहले 1948 में उनकी नानी क्वीन विल्हेमिना ने उनकी मां को नीदरलैंड्स की रानी बनाया.

123 साल बाद अब भले ही देश को राजा मिल रहा हो, लेकिन अगली पीढ़ी फिर रानी को ही देखेगी. राजकुमार विलेम एलेक्सेंडर की तीन बेटियां हैं. रानी की गद्दी उनकी सबसे बड़ी बेटी को मिलेगी. राजकुमार विलेम बीयर पीने के, तेज कारों की सवारी करने के और पार्टियों के शौकीन हैं. शादी से पहले अखबारों में उनकी तस्वीरें लड़कियों के साथ छपना आम बात थी. उनका एक छोटा भाई भी है. प्रिंस फ्रीजो पिछले साल से स्कीइंग के दौरान हुई दुर्घटना के बाद से कोमा में हैं.

आईबी/ ओएसजे (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)

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