एक साल हो गया जब सऊदी अरब समेत कई खाड़ी देशों ने अचानक कतर से रिश्ते तोड़ लिए. कतर का कहना है कि एक साल से चल रही तनातनी के बावजूद वह कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत हुआ है.
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कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी का कहना है कि उनका देश विवाद को सुलझाने के लिए खुले दिल से बात करने को तैयार है. लेकिन बीते एक साल में छोटा सा खाड़ी देश कतर जितना मजबूत होकर उभरा रहा, वैसा पहले कभी नहीं था. साथ ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे 'काल्पनिक जीत' के दावे कर रहे हैं.
अल-थानी ने ट्विटर पर लिखा, "एक साल हो गया है और कतर और उसके लोग अब ज्यादा मजबूत हुए हैं. काल्पनिक जीतों और कतर को अलग थलग करने की बहुत बातें होती हैं, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है क्योंकि कतर एक अंतरराष्ट्रीय साझादीर के तौर पर उभरा है जिस पर भरोसा किया जा सकता है."
जानिए क्यों इतना खास है कतर
आखिर क्यों इतना खास है कतर
आबादी और क्षेत्रफल से हिसाब से कतर बहुत छोटा सा देश है. लेकिन उसकी वजह से पूरी अरब दनिया में हलचल मची है. सऊदी अरब समेत कई अरब देशों ने उससे संबंध तोड़ लिए. जानते हैं क्यों अहम है कतर.
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तेल और गैस
कतर कभी अरब दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक था. लेकिन वह इस क्षेत्र के सबसे अमीर देशों में शामिल है. इसकी वजह उसके यहां मिले तेल और गैस के बड़े भंडार.
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हिस्सेदारी
दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में कतर की हिस्सेदारी है. इनमें लंदन का नामी डिपार्टमेंटल स्टोर हैरड्स, लग्जरी उत्पाद बनाने वाली फ्रांस की कंपनी एलवीएमएच मोएत एनसी लुई वितौं और पैरी सां जर्मेन फुटबॉल क्लब भी शामिल है.
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राजनीतिक महत्वाकांक्षा
कतर ने जहां सूडान के दारफूर में शांति प्रयासों में मध्यस्थ की भूमिका अदा की, वहीं फलस्तीनी गुटों में भी वह बीच बचाव करता रहा है. अफगान तालिबान से शांतिवार्ता में भी कतर ही मध्यस्थ है.
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अल जजीरा
कतर की सरकार ने 1996 में अल जजीरा के नाम से एक टेलीविजन नेटवर्क बनाया जिसने अरब दुनिया में खबरों की कवरेज और प्रसारण के तौर तरीकों को ही बदल दिया. दुनिया के दूसरे हिस्सों में अल जजीरा ने अपनी जगह बनायी है.
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कतर एयरवेज
कतर की सरकारी एयरलाइंस कतर एयरवेज दुनिया की चुनिंदा एयरलाइंस में शुमार होती है. इसके बेड़े में 192 विमान हैं और यह दुनिया के 151 शहरों को जोड़ती है.
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वर्ल्ड कप
कतर में 2022 के फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन होगा. अरब दुनिया का वह पहला देश है जो इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है. हालांकि इस आयोजन के निर्माण कार्यों में विदेशी कामगारों के शोषण की खबरें भी लगातार मीडिया में रहती हैं.
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जनसंख्या
कतर अरब दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 11,437 वर्ग किलोमीटर है. कतर की आबादी लगभग 25 लाख है, जिनमें से 90 प्रतिशत विदेशी हैं.
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1971 में अलग देश
कतर 55 साल ब्रिटेन के संरक्षण में रहा है. 1971 में जब उसने संयुक्त अरब अमीरात का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया तो एक अलग देश के तौर पर वह अस्तित्व में आया.
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शाही परिवार
कतर में 19वीं सदी के मध्य से ही अल-थानी परिवार का शासन है. कतर के मौजूदा अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने 2013 में अपने पिता शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के गद्दी छोड़ने के बाद सत्ता संभाली.
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मतभेदों की खाई
सऊदी अरब समेत सात देशों ने कतर से रिश्ते तोड़ लिए हैं, जिससे पहले ही कई संकटों से जूझ रहे मध्य पू्र्व में एक नया विवाद शुरू हो गया है. कतर पर आतंकवादी गुटों का समर्थन करने के आरोप लग रहे हैं जिनसे वह इनकार करता है.
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5 जून 2017 को सऊदी अरब के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने अचानक कतर से अपने संबंध तोड़ लिए थे और उस पर आतंकवाद और ईरान का समर्थन करने का आरोप लगाया था.
जल्द ही कतर को पता चला कि सऊदी अरब से लगने वाले उसके बॉर्डर को बंद कर दिया गया है, उसकी एयरलाइंस को पड़ोसी देशों के वायुक्षेत्र में उड़ने से रोक दिया गया और साथ ही इन चारों देशों में रहने वाले कतर के लोगों को वहां से निकला दिया गया.
उम्मीद थी कि नजदीकी सहयोगी रहे इन देशों के बीच मतभेदों को जल्द दूर कर लिया जाएगा. लेकिन अब भी यह विवाद बना हुआ है. कतर इस विवाद को अपनी संप्रभुता पर हमला मानता है. उसका कहना है कि उसे स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की सजा दी जा रही है.
कुवैत और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं. सितंबर उनके बीच बातचीत कराने की एक अस्थायी योजना तैयार की गई है.
अल-थानी का कहना है कि उनकी तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं. हालांकि उन्होंने कतर की सरकारी मदद से चलने वाले अल जजीरा चैनल से बातचीत में कहा कि कतर रूसी एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदने से पीछे नहीं हटेगा. सऊदी नेताओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से हस्तेक्षप कर इस डील को रुकवाने का आग्रह किया था. ऐसे में, इस डील के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ने के आसार हैं.
कौन हैं कतर के अमीर
कौन हैं कतर के अमीर?
कतर के वर्तमान और देश के आठवें अमीर हैं शेख तमीम बिन हमद अल थानी. 2013 में अपने पिता के बाद सत्ता संभालने वाले शेख थानी ने केवल 33 साल की उम्र में गद्दी संभाली. आइए जानें कतर के अमीर के बारे में कुछ और बातें.
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सबसे युवा अमीर
कतर के इतिहास में सबसे कम उम्र में अमीर बनने वालों में शेख तमीम का नाम शामिल है. उनके पिता शेख हमद बिन खलीफा अल थानी ने दो दशकों तक शासन किया था.
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बड़े भाई हटे
सातवें अमीर शेख खलीफा अल थानी ने 2003 में ही अपने चौथे बेटे को अपना उत्तराधिकारी बनाया, जब उनके बड़े बेटे खुद किनारे हट गये.
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ब्रिटिश शिक्षा
शेख तमीम ने ब्रिटेन में पढ़ाई की. यूके के शेरबॉर्न स्कूल, हैरो स्कूल और फिर रॉयल मिलिट्री एकेडमी से वे सन 1998 में ग्रेजुएट होकर निकले.
कतर नेशनल ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष, कतर की सेना के उप प्रमुख और 2022 के कतर फीफा विश्व कप की आयोजन समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं शेख तमीम. तस्वीर में फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर के साथ शेख हमद.
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स्वागत हुआ
सऊदी अरब, यूएई जैसे देशों के शेखों ने 2013 में शेख तमीम को कतर की गद्दी संभालने के मौके पर बधाइयां भेजीं और अपने देशों के साथ भाईचारा बनाये रखने की उम्मीद जतायी.
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गद्दी का खेल
शेख तमीम के पिता और कतर के सातवें अमीर शेख हमद बड़े अनोखे तरीके से गद्दी पर बैठे. 1995 में जब उनके पिता और छठे अमीर विदेश गये थे, पीछे से उन्होंने खुद को नया अमीर घोषित कर दिया.
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अर्थव्यवस्था और अमीर
कतर में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार हैं जो अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं. सन 1995 के 8 अरब डॉलर से बढ़कर कतर की अर्थव्यवस्था 2010 में 174 अरब डॉलर की हो गयी.
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अरब नीति और अमीर
शेख हमद के काल में कतर ने व्यावहारिक नीति अपनाते हुए कई देशों से संबंध बनाये. फलस्तीन के आंतरिक विभाजन जैसे कई क्षेत्रीय मुद्दों पर मध्यस्थ की भूमिका में रहा. सीरियाई विपक्ष का भी समर्थन किया.
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विदेश नीति और अमीर
कई दशकों से कतर के मिलिट्री बेस से युद्धक विमान उड़ाने वाले अमेरिका से शेख हमद ने करीबी संबंध विकसित किये. दूसरी तरफ कतर ने बाकी अरब देशों से अलग रुख रखते हुए ईरान से भी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये.
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अरब परिवार में झगड़ा
2014 में खाड़ी सहयोग परिषद में विवाद छिड़ा. सऊदी अरब, यूएई और बहरीन ने "आतंकी संगठन" मुस्लिम ब्रदरहुड का समर्थन करने के लिए शेख तमीम की आलोचना की. नाराज देशों ने कतर ने राजनयिक वापस लौटा दिये. कई महीनों बाद जाकर सुलह हुई.
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संबंधों पर भारी 2017
2017 की शुरुआत से ही नये विवाद भी शुरू हुए. कतर न्यूज एजेंसी पर हैकर्स का हमला हुआ और शेख तमीम के हवाले से अमेरिकी विदेश नीति की निंदा करते हुए कुछ बयान लीक कर दिये गये. इससे नाराज कई अरब देशों ने कतर से संबंध तोड़ लिए.
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कतर में भारतीय
कतर की 25 लाख की कुल आबादी में करीब 88 फीसदी लोग भारत, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों से पहुंचे प्रवासी कामगार ही हैं. यहां भारत के करीब 650,000 मजदूर काम करते हैं और कतर का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं.
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कतर दुनिया में अपना सैन्य प्रोफाइल भी बढ़ाना चाहता है. कतर के रक्षा मंत्री खालिद बिन मोहम्मद अल-अथियाह ने कहा है कि उनका देश नाटो में शामिल होना चाहता है. उन्होंने कतर की एक रक्षा पत्रिका से बातचीत में कहा, "अगर नाटो के साथ हमारी साझेदारी विकसित होती है और हमारा विजन स्पष्ट है, तो हमारी महत्वाकांक्षा पूर्ण सदस्यता है."
कूटनीतिक संकट के बावजूद, कतर में बहुत से लोग पिछले एक साल के घटनाक्रम को जीत के तौर पर देखते हैं. पांच जून को कतर के कई अखबारों ने इस तरह की सुर्खियां लगाईं, "विजयी कतर एकजुट है" और "कतर चमक रहा है, उसके खिलाफ कलंकित मुहिम नाकाम हुई." कई टैक्सी कंपनियों ने लोगों को मुफ्त में सवारी का ऑफर दिया तो कई लोगों ने 5 जून को सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की.
इस बीच कतर की राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी ने एक अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पिछले एक साल में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के द्वारा कतरी लोगों के मानवाधिकार हनन के चार हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं.
रिपोर्ट कहती है कि कतरी लोगों को बिना वजह गिरफ्तार किया गया और उनके आने जाने पर भी पाबंदियां लगाई गईं. सऊदी गठबंधन की तरफ से इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है.
अगस्त में दुनिया भर के मुस्लिम श्रद्धालु हज यात्रा के लिए सऊदी अरब के मक्का जाएंगे. सऊदी सरकार ने पिछले दिनों कहा कि उमरे की इच्छा रखने वाले कतरी लोगों का स्वागत किया है. लेकिन साथ ही उसने कतर के अधिकारियों पर "नकारात्मक नजरिया" रखने का आरोप भी लगाया.
कूटनीतिक विवाद शुरू होने के बाद से ही कतर सऊदी अरब पर आरोप लगाता रहा है कि वह हज समेत मक्का की धार्मिक स्थलों की यात्राओं का राजनीतिकरण कर रहा है. हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. जो मुसलमान सक्षम हैं, उनके लिए जीवन में एक बार हज यात्रा लाजिमी मानी जाती है.
एके/ओएसजे (एएफपी)
किस देश पर टूटेगा कुदरत का कहर
किस देश पर सबसे ज्यादा टूटेगा कुदरत का कहर
सालाना वर्ल्ड रिस्क रिपोर्ट बताती है कि 171 देशों में से किस पर कुदरत की मार सबसे ज्यादा गिर सकती है. कतर सबसे सुरक्षित देश है यानी 171वें नंबर पर. वनुआतु सबसे ज्यादा खतरनाक स्तर पर है. भारत का रैंक 78 है.
पहला खुलासा
बीते दशकों में कुदरती कहर की घटनाएं बढ़ी हैं. 1980-82 में ऐसी 400 घटनाएं हुईं जिनमें 50 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. 2012-15 में 900 घटनाएं दर्ज हुईं और 300 अरब डॉलर स्वाहा हो गए.
तस्वीर: UN Photo/Mark Garten
दूसरा खुलासा
रिपोर्ट बताती है कि बांग्लादेश और नीदरलैंड्स दोनों ही पर कुदरती कहर का खतरा बराबर है लेकिन बांग्लादेश नंबर 5 पर है जबकि नीदरलैंड्स 49 पर. ऐसा इसलिए है क्योंकि मूलभूत ढांचा बांग्लादेश में तैयार नहीं है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Swarup
तीसरा खुलासा
रिपोर्ट में 9 चीजों को ढांचागत जरूरतों में सबसे अहम बताया गया है. ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएं, जल सप्लाई, खाना, वित्त, बीमा, प्रशासन की हालत और मीडिया और संस्कृति सब कुछ मिलकर एक सुरक्षित देश बनाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/R. Goldmann
चौथा खुलासा
अगर इन्फ्रास्ट्रक्चर सही नहीं होगा तो लोग ज्यादा खतरे में होंगे. 2008 के सिचुआन भूकंप में 5000 छात्र सिर्फ इसलिए मारे गए क्योंकि उनके स्कूल का निर्माण घटिया था.
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पांचवां खुलासा
अफ्रीकी देश जैसे टोगो, बेनिन और नाइजीरिया बाढ़, अकाल और बढ़ते समुद्री जलस्तर आदि के कारण बेहद खतरनाक जोन में हैं. वहां विपदा की स्थिति में ढांचागत तैयारी भी खराब है.