एचआईवी के चपेट में अमेरिकी जवानी
२८ नवम्बर २०१२यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की रिपोर्ट वर्ल्ड एड्स डे से ठीक पहले आई है. रिपोर्ट के मुताबिक 13-24 साल के 26 फीसदी युवा एचआईवी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. सीडीसी के निदेशक डॉक्टर थोमस फ्रीडन कहते हैं, "एचआईवी के बारे में इतनी जानकारी होने और बीते 30 साल में इससे बचने की तमाम कोशिशों के बावजूद यह देखना निराशाजनक है कि युवा इतनी तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं."
आंकड़ों के मुताबिक हर महीने अमेरिका में 1,000 युवा एचआईवी वायरस का शिकार हो रहे हैं. एचआईवी से पीड़ित आधे ज्यादा लोगों को तो यह भी पता नहीं है कि उनके भीतर विषाणु घुस चुका है. फ्रीडन के मुताबिक समय पर इलाज न हुआ तो इनमें से कई रोगियों को एड्स हो जाएगा और उनके जल्दी मरने की संभावना बढ़ जाएगी.
सीडीसी में एचआईवी और एड्स सेंटर के निदेशक डॉक्टर केविन फेंटन कहते हैं, "ये आंकड़े चिंताजनक हैं." 2010 में 12,000 युवा एचआईवी संक्रमण की चपेट में आए. इनमें से 72 फीसदी युवा थे. रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों से यौन संबंध बनाने वाले 39 फीसदी युवाओं एचआईवी का शिकार हुए हैं. फेंटन कहते हैं, "हम इस बारे में चिंतित हैं कि युवाओं में और खासतौर पर अश्वेत समलैंगिकों या बाइसेक्सुअल पुरुषों के एचआईवी संक्रमण में क्या हो रहा है."
अधिकारियों को लग रहा था कि बीते कुछ सालों से एचआईवी वायरस का संक्रमण स्थिर हुआ है, लेकिन इन आंकड़ों ने उन्हें चौंका दिया है. फेंटन के मुताबिक डर इस बात का हैं कि समलैंगिक या बाईसेक्सुअल युवा इसके खतरों को समझ भी नहीं पा रहे हैं. युवा कई लोगों के संपर्क में आ रहे हैं और अनजाने में वायरस फैला रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक अक्सर बच्चे ड्रग्स और अल्कोहल आजमाते हैं और फिर कई किशोर असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं.
युवा कई कारणों की वजह से एचआईवी जांच से परहेज करते हैं. सीडीसी के मुताबिक हाई स्कूल जाने वालों में सिर्फ 13 फीसदी छात्र एचआईवी टेस्ट कराते हैं. सेक्स में अति सक्रिय 22 फीसदी छात्र ही अपनी जांच कराते हैं. 18 से 24 साल के नव वयस्कों में भी जागरुकता बहुत ज्यादा नहीं है. इस उम्र वर्ग के सिर्फ 35 फीसदी युवा एचआईवी का टेस्ट कराते हैं.
सीडीसी को लग रहा है कि एचआईवी को लेकर अब भी किशोरों में काफी अज्ञानता है. किशोरों को लगता है कि नर समलैंगिक यौन संबंधों में कॉन्डोम की जरूरत नहीं होती. यह गलत धारणा है. अमेरिकी अधिकारी अब यह जानना चाहते हैं कि एचआईवी संक्रमित युवाओं के सामाजिक व्यवहार की जानकारी जुटाई जाए, ताकि स्कूलों में बच्चों को एचआईवी के प्रति ज्यादा कारगर ढंग से जागरुक किया जा सके.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स)