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एड्स से बचने के लिए सेफ सेक्स इमोजी

१ दिसम्बर २०१५

कंडोम बनाने वाली कंपनी ड्यूरेक्स ने इमोटिकॉन बनाने वाली कंपनी यूनीकोड से दुनिया का पहला सेफ सेक्स इमोजी बनाने की अपील की है. ड्यूरेक्स का दावा है कि इससे एड्स पर रोक लगाने में मदद मिल सकेगी.

Symbolbild Emoticon Umarmung
तस्वीर: Yael Weiss/Fotolia.com

स्मार्टफोन के जमाने में युवा व्हॉट्सऐप जैसे मेसेजिंग ऐप पर अधिकतम समय बिताते हैं और टेक्स्ट ही बातचीत का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है. 16 से 25 की उम्र के लोगों पर किए गए ड्यूरेक्स के एक शोध के अनुसार 80 फीसदी युवा इमोटिकॉन या इमोजी की मदद से अपनी बात बेहतर रूप से समझा पाते हैं. वे शब्दों की जगह इन छोटे से कार्टूननुमा चेहरों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं और अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं. इसी शोध में पाया गया है कि 84 युवा सेक्स की बात करते समय इमोजी का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. इसी को देखते हुए कंपनी अब "कंडोम इमोजी" की मांग कर रही है. #CondomEmoji के साथ ड्यूरेक्स ने कई वीडियो जारी किए हैं जिनमें इस इमोटिकॉन की जरूरत को समझाया गया है. वीडियो दिखाते हैं कि कैसे तस्वीरों ने भाषा की जगह ले ली है.

एड्स आज भी दुनिया भर के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है. खास कर अफ्रीकी देशों में इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में जागरूकता की जरूरत है. आंकड़े दिखाते हैं कि यूरोप और अमेरिका में भी एड्स पर काफी काम करने की जरूरत है. ऐसे में ड्यूरेक्स की पहल अफ्रीका में कम लेकिन विकसित देशों में, जहां स्मार्टफोन का काफी इस्तेमाल होता है, लाभकारी साबित हो सकती है.

दुनिया भर में करीब 3.7 करोड़ लोग एचआईवी संक्रमित हैं. इनमें 26 लाख बच्चे भी शामिल हैं. पिछले 15 साल में एड्स से मरने वाले किशोरों की संख्या तीन गुना हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे कई तरह के प्रोजेक्टों के बावजूद आज भी लोगों को एचआईवी संक्रमण और एड्स के बीच अंतर की समझ नहीं है. दुनिया भर में किशोरों की मौत का यह दूसरा सबसे बड़ा कारण है. सब सहारा अफ्रीका में हर दस मामलों में से सात बच्चियों के मामले हैं.

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