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एनएसए पर लगाम का सुझाव

१९ दिसम्बर २०१३

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा दुनिया भर में कहीं जाएं, हर राज्याध्यक्ष उनसे एनएसए की जासूसी की शिकायत करता है. लेकिन देश के अंदर इसे पूरी तरह रोकना शायद ही संभव है, हालांकि एक पैनल ने इसके लिए दर्जनों सुझाव दिए हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया भर में अरबों फोन कॉल और इंटरनेट की जासूसी करने वाली अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए की ताकतों को सीमित करने की मांग तकनीकी कंपनियां तो कर ही रही हैं, अब राष्ट्रपति ओबामा द्वारा गठित एक पैनल ने भी इसका समर्थन किया है. लेकिन एनएसए की जासूसी को पूरी तरह बंद करने का विकल्प अभी बहुत दूर है.

कुछ महीने पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एडवर्ड स्नोडन ने एनएसए की करतूतों का खुलासा किया था. इसके बाद बनाए गए पैनल ने एनएसए की जासूसी को सीमित करने के लिए खास कदम उठाने की बात कही है. इसमें विदेशी नेताओं पर जासूसी से लेकर जमा किए गए डाटा को रखने को लेकर ठोस सुझाव शामिल हैं.

डाटा की जरूरत नहीं

एनएसए टीम के साथ राष्ट्रपति ओबामातस्वीर: Pete Souza/The White House/Getty Images

व्हाइट हाउस में आतंकवाद निरोधक सलाहकार रहे रिचर्ड क्लार्क ने कहा, "हमें नहीं लगता है कि सरकार को यह डाटा रखने की जरूरत है." एनएसए द्वारा जमा किए गए डाटा को मेटाडाटा के नाम से जाना जाता है. पैनल की रिपोर्ट में लिखा है, "सवाल यह नहीं है कि सरकार को यह अधिकार देकर हम कितना सुरक्षित हैं, बल्कि यह है कि क्या इस अतिरिक्त सुरक्षा के लिए हम अपनी निजता, आजादी और जनता के विश्वास को दांव पर लगा रहे हैं." रिपोर्ट के लेखकों का मानना है कि मेटाडाटा जमा करके अमेरिकी सुरक्षा कुछ बहुत ज्यादा बढ़ी नहीं है और बहुत ही कम मामलों में जरूरी जानकारी मिली है.

मिसाल के तौर पर, "ऐसी कोई घटना नहीं है जब एनएसए ने पूरे भरोसे से कहा हो कि टेलिफोन मेटाडाटा प्रोग्राम के बिना चीजें अलग होतीं. साथ ही प्रोग्राम के बारे में अब सबको पता है और इसकी जरूरत और कम हो गई है." पैनल ने कुल 46 सुझाव दिए हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इनमें से कितने सुझाव मंजूर करेंगे. उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह एनएसए को काबू में करने की कोशिश करेंगे.

जासूसी खत्म नहीं होगी

स्नोडन ने किया एनएसए का खुलासातस्वीर: picture-alliance/dpa

उधर एनएसए अधिकारियों ने अपने मेटाडाटा कार्यक्रम का बचाव करते हुए कहा है कि विदेशों में आतंकवादी साजिशों का पता लगाने और इन साजिशों में अमेरिकी साझेदारों का पता लगाने में उनका यह कार्यक्रम काम आता है. एनएसए के प्रमुख कीथ अलेक्जैंडर ने कहा है कि अमेरिका पर खतरा बढ़ता जा रहा है और इस तरह के कार्यक्रम को खत्म करना देश को संकट में डालना होगा. लेकिन पूर्व सीआईए प्रमुख और पैनल के सदस्य माइकल मोरल ने कहा है कि बदलाव के सुझावों से देश की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

पैनल ने विदेशी नेताओं पर जासूसी को भी लेकर कुछ शर्तें रखी हैं. उन्होंने कहा है कि विदेशी नेताओं पर जांच से पहले पांच टेस्ट किए जाने होंगे. स्नोडन के खुलासे से पता चला कि अमेरिका ने जर्मन चांसलर मैर्केल और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ पर भी जासूसी की थी. इससे निराश होकर ब्राजील ने साढ़े चार अरब डॉलर का विमान डील अब स्विस कंपनी साब को सौंप दिया है. पैनल ने कहा कि अमेरिका को और देशों के साथ जासूसी के लिए खास समझौते करने चाहिए. जर्मनी ने अमेरिका को पहले ही इस तरह का नो स्पाईंग समझौता करने का प्रस्ताव दिया है.

एमजी/एमजे(रॉयटर्स, एएफपी)

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