केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार करने के चंद घंटों बाद ही तेलुगु देशम पार्टी ने एनडीए से नाता तोड़ने के संकेत दिए. टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की कि मोदी सरकार में टीडीपी के दोनों मंत्री अशोक गजपति और वाईएस चौधरी गुरुवार को इस्तीफा देंगे. हालांकि नायडू ने कहा है कि वह केंद्र की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं जाहिर है कि उन्होंने गठबंधन में रहने के विकल्प अभी खुले रखे हैं.
बीजेपी और कम्युनिस्ट पार्टियों को छोड़ दें तो भारतीय लोकतंत्र की प्रमुख पार्टियां वंशवाद के सहारे चल रही हैं. एक नजर ऐसी ही पार्टियों और विरासत में नेतागिरी पाने वाले नेताओं पर.
तस्वीर: Reuters/A.Daveपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी से पार्टी की बागडोर संभाली. सोनिया ने 19 साल तक पार्टी का नेतृत्व किया. हालांकि बहुत से लोग राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हैं. पार्टी को लगातार वंशवाद के आरोपों को भी झेलना पड़ता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaमुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव बेटा होने के कारण पद पर आए. लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पिता के तिकड़म के विपरीत स्वच्छ और भविष्योन्मुखी प्रशासन देने की कोशिश की है.
तस्वीर: Prabhakar Mani Tewariबिहार के मुख्यमंत्री माता-पिता की संतान तेजस्वी यादव बिहार के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. नीतीश सरकार से अलग होने के बाद बिहार सरकार और बीजेपी पर खूब हमलावर रहते हैं. पिता लालू यादव भ्रष्टाचार के दोषी होने के कारण चुनाव लड़ नहीं सकते.
तस्वीर: UNI Photoजम्मू-कश्मीर की मौजूदा मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री सैयद मुफ्ती की बेटी हैं और पिता द्वारा बनाए गए राजनीतिक साम्राज्य को संभालने और पुख्ता करने की कोशिश में हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Bhatउमर अब्दु्ल्लाह दादा शेख अब्दुल्लाह और पिता फारूक अब्दुल्लाह की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं. वे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं और पिछला चुनाव हारने के बाद वे प्रांत में विपक्ष के नेता हैं.
तस्वीर: Imago/Hindustan Timesसुप्रिया सूले प्रमुख मराठा नेता शरद पवार की बेटी हैं और सांसद हैं. पिछले चुनाव तक पिता स्वयं सक्रिय राजनीति में थे, इसलिए अभी तक सुप्रिया को राजनीतिक प्रशासनिक अनुभव पाने का मौका नहीं मिला है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Raveendranद्रमुक नेता और तमिलनाडु के कई बार मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि ने अपने बेटे स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी चुना है. 63 साल के स्टालिन पार्टी की युवा इकाई के प्रमुख हैं और युवा नेता माने जाते हैं.
तस्वीर: UNIअनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं. उनके पिता प्रेम कुमार धूमल भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के प्रमुख भी रह चुके हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Hussainअशोक चव्हाण महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वह राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनके पिता शंकर राव चव्हाण ने भी दो बार बतौर मुख्यमंत्री राज्य की बागडोर संभाली थी.
तस्वीर: APप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं और सांसद हैं. बिहार में रामविलास पासवान की दलित राजनीति को चमकाना और उसे आधुनिक चेहरा देना उनकी जिम्मेदारी है.
तस्वीर: UNIवे देश के उपप्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे देवी लाल की खानदानी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला भी मुख्यमंत्री थे, लेकिन अब भ्रष्टाचार के लिए जेल काट रहे हैं.
तस्वीर: Imago/Zuma Pressपिता प्रकाश सिंह बादल ने खानदानी राजनीति की नींव रखी. पिता बादल की सरकार में उनके बेटे सुखबीर पंजाब के उपमुख्यमंत्री रहे. बादल की राजनीतिक पूंजी को बचाना का भार उन पर है.
तस्वीर: Imago/Hindustan Times बुधवार देर रात पार्टी विधायकों की बैठक में नायडू ने यह फैसला किया. उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से बात करने की कोशिश की ताकि शिष्टाचार के नाते उन्हें गठबंधन छोड़ने के फैसले से अवगत करा सकूं लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. पता नहीं मैंने कौन सी गलती कर दी." उन्होंने मोदी सरकार पर केंद्र-राज्य के रिश्तों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "केंद्र हमारे लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. लेकिन राज्य के हित हमारे लिए सबसे अहम हैं." मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि केंद्र ने राज्य के साथ अन्याय किया है.
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी के दो मंत्री गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने जा रहे हैं. दोनों मंत्री राज्य की विधानसभा में वित्त मंत्री वाई रामकृष्णनुडू के 2018-19 का बजट पेश करने से पहले इस्तीफा देंगे. कमिनेनी श्रीनिवास और पी मणिक्याला राव ने अमरावती में शुरू हुई मंत्रिमंडल की बैठक से दूरी बना ली है. इस बैठक में बजट को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाएगी. श्रीनिवास ने कहा कि वह और राव अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नायडू को सौंपेंगे और विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद इसका ऐलान करेंगे.
अशोक कुमार