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एपेक देशों का मुक्त व्यापार रोडमैप तय

एमजे/ओएसजे (एपी, एएफपी)११ नवम्बर २०१४

एशिया प्रशांत के नेताओं ने इलाके में मुक्त व्यापार क्षेत्र एफटाप बनाने के चीनी रोडमैप का समर्थन किया है. बीजिंग शिखर सम्मेलन के अंत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसे मुक्त व्यापार की दिशा में औपचारिक शुरुआत बताया है.

तस्वीर: Reuters/G. Chai Hin

व्यापार और वित्तीय संधियों के जरिए चीन इस शिखर सम्मेलन का इस्तेमाल इलाके में अपनी भूमिका को बढ़ाने में कर रहा है. शिखर सम्मेलन की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति ने एपेक के 21 सदस्य देशों के बीच निकट आर्थिक संबंधों के लिए रोडमैप में प्रगति की मांग की. इन देशों में दुनिया की 40 फीसदी आबादी रहती है और वहां दुनिया का 60 फीसदी आर्थिक उत्पादन होता है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में शी जिनपिंग ने एपेक के नेताओं से कहा, "लक्ष्य, दिशा और रोडमैप को जल्द से जल्द स्पष्ट कीजिए, संभावनाओं को हकीकत बनने दीजिए और प्रशांत महासागर के दोनों ओर के इलाके को खुला और एक दूसरे से जुड़ा बनाइए."

ओबामा पुतिन मुलाकाततस्वीर: Reuters//Press service of the president of the Russian Federation/RIA Novosti

एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन एपेक का शिखर सम्मेलन शी जिनपिंग के राष्ट्रपति बनने के बाद बीजिंग में होने वाला पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है. जापान, दक्षिण कोरिया और जापान भी इसके सदस्य हैं. वैश्विक नेताओं की उपस्थिति बीजिंग के लिए व्यापक वैश्विक भूमिका की लॉबी करने का मौका थी. इस मौके पर चीन ने दक्षिण कोरिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा की. सोमवार को नियामकों ने हॉन्ग कॉन्ग और शंघाई के स्टॉक एक्सचेंजों को जोड़कर चीनी शेयर बाजार को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने की भी घोषणा की. इसके पहले चीन ने एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच कारोबारी रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए 40 अरब डॉलर का कोष बनाने की घोषणा की थी.

शिखर भेंट में चीन ने अपने क्षेत्रीय मुक्त व्यापार क्षेत्र के विचार को आगे बढ़ाया. इसके विपरीत अमेरिका इलाके में चीन के बिना एक मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने की कोशिश कर रहा है. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने इस पर जोर दिया कि वॉशिंगटन बीजिंग की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक हैसियत से खतरा महसूस नहीं करता. एपेक के मुक्त व्यापार क्षेत्र की पहल ऐसे समय में आई है जब ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप टीपीपी की अमेरिकी पहल रुकी पड़ी है. अमेरिका के मुख्य व्यापारिक प्रतिनिधि माइकल फ्रोमैन ने कहा है कि दोनों संधियां एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बीजिंग से चीन अमेरिकी निवेश संधि और आईटी में बाधाओं को कम करने की संधि को पूरा करने की मांग की.

शी जिनपिंग और शिंजो आबेतस्वीर: Reuters

टीपीपी में अमेरिका और जापान के अलावा 10 और देश शामिल हैं लेकिन चीन को इससे बाहर रखा गया है. इसके सदस्य देश ज्यादातर सामानों पर सीमाशुल्क कम करने या हटाने पर विचार कर रहे हैं जो चीन को चोट पहुंचा सकता है. बीजिंग के अर्थशास्त्री ली वाई का कहना है कि चीनी पहल टीपीपी से बाहर रखे जाने का सीधा जवाब है. हुआवाई जैसी कंपनियों पर अमेरिका में रोक का हवाला देते हुए ली कहते हैं कि अमेरिका मुक्त व्यापार से पीछे हट रहा है और संरक्षणवाद की ओर बढ़ रहा है.

यह पहला मौका है जब चीन ने बहुराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने में नेतृत्व की पहल की है. चीन अमेरिका के वर्चस्व वाले आर्थिक और सुरक्षा संगठनों में बड़ी भूमिका चाहता है, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक सत्ता होने की उसकी हैसियत के अनुरूप हो. दक्षिण कोरिया से लेकर ऑस्ट्रेलिया जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में उसका बढ़ता आर्थिक वजन अमेरिका के प्रभाव में सेंध लगा सकता है. सोमवार को शी जिन पिंग ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात की जिसे पूर्वी चीनी सागर के द्वीपों पर दो साल से चल रहे तनाव को कम करने का संकेत माना जा रहा है.

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