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एमएच17 हादसे की जांच पर रूसी वीटो

३० जुलाई २०१५

रूस ने एमएच 17 विमान हादसे की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत बनाने के प्रस्ताव को यूएन सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया. मलेशियन एयरलायंस के इस विमान को जुलाई 2014 में यूक्रेन के ऊपर मार गिराया गया था.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Szenes

17 जुलाई 2014 को नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम से क्वालालंपुर जा रहे एमएच 17 विमान को पूर्वी यूक्रेन की हवाई सीमा में मार गिराया गया था. इसे गिराने के लिए जिम्मेदार लोगों तक पहुंचने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय अदालत की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया गया. 15 सदस्यीय परिषद के 11 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया, जिनमें यूक्रेन, मलेशिया, नीदरलैंड, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया शामिल थे. चीन, अंगोला और वेनेजुएला वोटिंग में अनुपस्थित रहे.

नियमानुसार किसी प्रस्ताव को पास होने के लिए कम से कम नौ वोटों की जरूरत होती है, बशर्ते स्थायी सदस्यों रूस, अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस में से कोई इसके विरूद्ध वोट ना करे. इस प्रस्ताव के समर्थन में तो नौ से अधिक मत पड़े, लेकिन रूस के इसके खिलाफ वीटो करने के कारण प्रस्ताव पास नहीं हो सका. दूसरे स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव का समर्थन किया.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने रूस के कदम को "क्रूर" बताया, तो वहीं यूएन में अमेरिकी राजदूत सैमैंथा पावर ने कहा कि वह इस वोट से "आहत और बेहद निराश" हैं. विमान हादसे की जांच नीदरलैंड के नेतृत्व में चल रही है. ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, मलेशिया और यूक्रेन जांच में सक्रिय भूमिका में हैं. एमएच 17 दुर्घटना में मारे गए कुल 298 लोगों में से ज्यादातर यात्री और विमान चालक दल के सदस्य नीदरलैंड के ही थे.

रूस के इस कदम की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही थी. एक हफ्ते पहले ही रूस ने मामले की "पूर्ण, विस्तृत, पारदर्शी और स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच" का एक वैकल्पिक प्रस्ताव पेश किया था जिसमें किसी अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत का प्रस्ताव नहीं था. रूसी ड्राफ्ट में इस बात पर जोर था कि "हवाई घटना से जुड़े लोगों को न्याय दिलाने के लिए इसके सही कारणों का पता लगाया जाना बेहद जरूरी है."

पश्चिमी देशों और यूक्रेन ने हादसे के पीछे रूस-समर्थक अलगाववादियों का हाथ होने का संदेह जताया था. रूस इससे इंकार करता आया है और उसका मानना है कि एमएच 17 को गिराने में यूक्रेनी मिसाइल या मिलिट्री जेट का इस्तेमाल हुआ था.

दूसरी ओर, मार्च 2014 में लापता हुए मलेशियन एयरलाइंस के ही दूसरे यात्री विमान एमएच 370 के मलबे के हिंद महासागर में पाए जाने की खबर है. विमान पर सवार 239 लोगों के साथ एमएच 370 अचानक लापता हो गया था. विमान के मलबे की जांच के लिए मलेशिया ने एक खास टीम भेजी है जो जांच करेगी कि मलबा एमएच 370 का है या नहीं.

आरआर/एमजे (एएफपी)

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