मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आरोप लगाया है कि रूस के हवाई हमलों में सीरिया के सैकड़ों बेकसूर नागरिक मारे गए हैं. एमनेस्टी ने रूस पर आरोप लगाकर अपनी आलोचना को न्योता भी दिया.
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रूस बीते तीन महीने से सीरिया में इस्लामिक स्टेट और राष्ट्रपति बशर अल असद के विद्रोहियों पर हवाई हमले कर रहा है. लंदन से चलने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रूस के हमलों की निंदा की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के मध्यपूर्व व उत्तर अफ्रीका के निदेशक फिलिप लूथर के मुताबिक, "ऐसा लगता है जैसे कुछ रिहाइशी इलाकों में, जहां सैन्य मौजूदगी का कोई सबूत नहीं था वहां भी सीधे नागरिकों और आम जनजीवन से जुड़ी चीजों पर हमला किया गया, अस्पतालों को भी निशाना बनाया गया, इसके चलते नागरिकों को मौत हुई, वे घायल हुए."
एमनेस्टी ने कुछ हमलों को युद्ध अपराध जैसा बताया है, "सबूत बता रहे हैं कि एक मस्जिद और एक जगह अस्पताल पर हुए हमले में नागरिक नुकसान को छुपाने के लिए रूसी प्रशासन ने झूठ बोला. इस बात के भी सबूत हैं कि रूस ने आबादी वाले रिहाइशी इलाकों में अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिबंधित क्लस्टर बमों और अनगाइडेड बमों का भी इस्तेमाल किया."
रिपोर्ट में होम्स, इदलिब और अलेप्पो प्रांतों में सितंबर से नवंबर के बीच हुए हुए हमलों का जिक्र किया गया है. एमनेस्टी का कहना है कि इन इलाकों में कम से कम 200 आम लोग मारे गए. रिपोर्ट में मॉस्को पर आरोप लगाया गया है, "उन्होंने दावा किया कि वे सिर्फ 'आतंकवादियों' को निशाना बना रहे हैं. लेकिन कुछ हमलों में आम लोगों की मौत के बारे में आईं रिपोर्टों पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी, उन्होंने इससे इनकार किया. आगे भी जब ऐसी रिपोर्टें आईं तो वे चुप रहे."
एमनेस्टी के मुताबिक अदलिब के अरिहा में हुए तीन मिसाइल हमलों में 49 लोग मारे गए. रूस के एक और संदिग्ध हमले में 32 बच्चों और 11 महिलाओं समेत 46 लोग मारे गए. सीरिया के मानवाधिकार संगठन के मुताबिक 22 दिसंबर तक रूस के हवाई हमलों में 2,132 लोग मारे गए, जिनमें 710 आम नागरिक हैं. मार्च 2011 में सीरिया में संकट शुरू हुआ, जिसमें अब तक 2,50,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. देश के कुछ इलाकों पर अब इस्लामिक स्टेट का कब्जा है.
दमिश्क का आरोप है कि पश्चिम ने सीरियाई राष्ट्रपति असद को सत्ता से हटाने के लिए विद्रोहियों को हथियार दिए जो आखिरकार आतंकवादियों के हाथ लग गए. इस बीच इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट पर अमेरिका और उसके सहयोगी भी हमला कर रहे हैं. एमनेस्टी पर आरोप लगते हैं कि वह पश्चिमी देशों की वैसी आलोचना नहीं करता, जैसी बाकी देशों की करता है. ऐसे आरोपों के बीच संस्था का कहना है कि वह अमेरिकी और उसके सहयोगियों के हमलों की भी जांच कर रहे हैं.
ओएसजे/एमजे (एएफपी)
सीरिया में शक्ति प्रदर्शन
यूरोप शरणार्थी संकट और आतंकी हमलों की आशंका से जूझ रहा है तो सीरिया में विश्व और स्थानीय ताकतें शक्ति प्रदर्शन में लगी हैं. तुर्की का रूसी बमवर्षक को गिराना इसी प्रहसन का हिस्सा है.
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रूस का एसयू-24 विमान नीचे से उड़ते हुए बमबारी कर सकता है. तुर्की की सेना ने ऐसे ही रूसी बमवर्षक को सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाकर गिरा दिया. विमान तुर्क सीमा से चार किलोमीटर दूर सीरिया के अंदर गिरा.
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तुर्की ने 24 नवंबर को रूस का एक बमवर्षक मार गिराया. तुर्की का आरोप है कि उसने रूसी लड़ाकू विमान को दस बार चेतावनी दी जिसे पाइलट ने नजरअंदाज कर दिया. उसके बाद तुर्की ने हमले की प्रक्रिया को सक्रिय किया.
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विदेशी विमान के तुर्की की सीमा के 20 किलोमीटर के अंदर आने पर उन्हें चेतावनी दी जाती है. आठ किलोमीटर करीब आने पर एफ-16 को तैयार कर दिया जाता है. सीमा के हनन पर विदेशी विमान को गिरा दिया जाता है.
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रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने तुर्की की कड़ी आलोचना की है और उसे आतंकवाद का समर्थक बताया है. पुतिन ने विदेश मंत्रालय द्वारा नागरिकों को तुर्की की यात्रा पर न जाने की सलाह का समर्थन किया है. उन्होंने इसे आवश्यक कदम बताया.
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रूस और तुर्की के रिश्तों में खटास का आर्थिक असर भी होगा. हर साल करीब 33 लाख रूसी तुर्की जाते हैं. विदेश मंत्री लावरोव की चेतावनी के बाद विमान कंपनी एयरोफ्लोत का शेयर भाव भी गिरा है जो रूसी पर्यटकों को तुर्की ले जाता है. अंताल्या में क्रेमलिन पैलेस होटल.
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रूसी बमवर्षक तुर्की-सीरिया सीमा पर सीरिया के उस इलाके में गिरा जहां तुर्क मूल के तुर्कमान जाति के लोग रहते हैं. वे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का विरोध कर रहे हैं. तुर्की उन्हें समर्थन देता है. रूस का कहना है कि वह आईएस के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है.
मार गिराए गए विमान में दो पाइलट थे. वे हमले के बाद इजेक्ट हो गए. उनमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरे पाइलट को रूसी और सीरियाई स्पेशल फोर्स ने रात की कार्रवाई के बाद बचा लिया. वह लताकिया में रूसी हवाई चौकी पर सुरक्षित पहुंच गया है.
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रूसी विमान को गिराए जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति एरदोवान और प्रधानमंत्री दावोतोग्लू अपनी हवाई सीमा की रक्षा के तुर्की के अधिकार पर जोर दे रहे हैं. उन्हें अमेरिका सहित नाटो के दूसरे सदस्यों का समर्थन भी मिला है.
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पेरिस पर आतंकी हमले के बाद रूस और पश्चिमी देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहमति के संकेत दिख रहे थे. पुतिन और एरदोवान अंताल्या में मिले थे. लेकिन तुर्की द्वारा रूसी बमवर्षक को गिराए जाने के बाद इस बात की उम्मीद कम हुई है कि सीरिया में सहमति संभव होगी.
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जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने मॉस्को और अंकारा से समझदारी की अपील की है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस घटना का असर सीरिया समस्या के समाधान के लिए हाल ही में शुरू हुई बातचीत पर नहीं पड़ेगा.