हैम्बर्ग एयरपोर्ट में टैक्सी वे के आखिरी छोर पर रहने वाली मधुमक्खियां सिर्फ शहद ही नहीं देती, बल्कि वो विमानों से पर्यावरण पर हो रहे असर को भी बताती हैं. इसे बायोमॉनीटरिंग कहा जाता है.
यूरोप की विमान निर्माता कंपनी एयरबस के पर्यावरण संरक्षण अधिकारी फोल्कर हाजे कहते हैं, "हमें साइट मैनेजमेंट का पूरा सपोर्ट रहता है क्योंकि वे जानते हैं कि पर्यावरण एयरबस के लिए कितना अहम मुद्दा है. ये मधुमक्खियां प्रकृति पर हमारे असर का पता करने में अहम भूमिका निभाती हैं."
एबरहार्ड शेडलिष पहले एयरबस के इलेक्ट्रिशियन थे, अब वे मधुमक्खियों की देखभाल करते हैं. छत्तों से मिलने वाले पराग, मोम और शहद की हर साल लैब में जांच की जाती है. फिलहाल एयरपोर्ट की मधुमक्खियों को कोई परेशानी नहीं.
शेडलिष नतीजों से उत्साहित हैं, "मैं अच्छी किस्मत कहूंगा क्योंकि हम हमेशा, पिछले साल भी पराग के मामले में कानूनी सीमा में रहे."
शहद की क्वालिटी से आस पास, प्रकृति में हो रहे बदलावों का पता चलता है. हैम्बर्ग एयरपोर्ट फिलहाल काफी साथ सुथरा है. यानी ग्राहक और एयरबस कर्मचारी एयरपोर्ट से आने वाले 600 बोतल शहद का आनंद बेझिझक उठा सकते हैं.
कीड़े मकोड़े कभी तो परेशान करते हैं, कभी नुकसान पहुंचाते हैं और कभी बीमार कर देते हैं. लेकिन अधिकतर कीड़े बहुत काम के होते हैं. उनके कारण हमें खाना मिलता है. धरती साफ रहती है और वे हमें खतरे से भी आगाह करते हैं.
तस्वीर: Robert R. Jacksonतरह तरह की मकड़ियां. वैसे तो कीड़ा नहीं हैं लेकिन फिर भी बहुत फायदेमंद हैं. वे कई नुकसानदायक कीड़ों को खा जाती हैं खासकर मच्छरों, मक्खियों और खटमलों को.
तस्वीर: C.M./Fotoliaकीड़े पत्तियां खाते हैं और काटने वाली मक्खी मच्छर भी. वे फल फूलों, सब्जियों के परागण में मदद करते हैं और अक्सर कचरा भी साफ करते हैं.
तस्वीर: Iryna Novytskyफायदा पहुंचाने वाले कीड़ों में सबसे पहला नाम मधुमक्खियों का आता है. वे शहद बनाती हैं और उनके कारण कई फूलों, फलों, सब्जियों में परागण संभव हो पाता है. दुनिया भर में ये कीड़े खतरे में हैं. चीन के कुछ इलाकों में तो ये खत्म हो चुकी हैं. कारण है पौधों पर छिड़की जाने वाली दवाइयां.
तस्वीर: picture-alliance/dpaरंग बिरंगा यह कीड़ा शायद हम इसलिए पसंद करते हैं कि ये पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े खा जाता है. एक मादा गुबरैला एक दिन में करीब 50 कीड़े खा जाती है और जीवन भर में हजारों.
तस्वीर: Fotolia/ K.-U. Häßlerकीड़े और खराब पत्ते खाने के कारण यह फसलों को कीड़े लगने से भी बचाते हैं. ये उन किसानों के बहुत काम आते हैं जो बिना केमिकल के नुकसानदायक कीड़ों से फसलों को बचाना चाहते हैं. .
तस्वीर: cc/by/sa/Martin Eberleस्कॉर्पियन बर्रे भले ही इंसान के लिए नुकसानदायक नहीं हों लेकिन कुछ कीड़ो को ये खत्म कर देते हैं. ये अक्सर पतंगों, गुबरैले के अंदर घुस कर अंडे देते हैं. इसमें से निकलने वाला लार्वा कीड़ों को अंदर से खा कर बाहर आ जाता है.
तस्वीर: cc/by/sa/Panoxग्राउंड बीटल कहे जाने वाले ये कीड़े उनका शिकार करते हैं जिन्हें हम नहीं चाहते. जैसे लकड़ी में पनपने वाले कीड़े, घोंघा, इल्ली को खा जाते हैं. आलू में होने वाले जिद्दी कीड़ों की भी इनके आगे कुछ नहीं चलती. वे दुनिया भर में पाए जाते हैं और कहीं कहीं इन्हें संरक्षित भी किया गया है.
तस्वीर: cc/by/sa/Soebeये भी एक तरह का बीटल है. पहली नजर में ये रेंगने वाले कीड़े जैसा दिखता है लेकिन इनके पंख छिपे हुए होते हैं. दुनया भर में इसकी 50 हजार प्रजातियां पाई जाती हैं. जानवरों को ये बार्क बीटल अच्छे लगते हैं.
तस्वीर: cc/by/sa/Hedwig Storchइन भौंरों को देख कर डर लगता है लेकिन इनका जहर सामान्य ततैये से बहुत कम होता है. बड़े भौंरे पेड़ों का रस चूसते हैं लेकिन छोटे भौंरे सभी तरह के मांस पर जिंदा रहते हैं. एक दिन में ये आधा किलो तक कीड़े खा जाते हैं.
तस्वीर: cc/by/sa/Flugwapsch62मकड़ियों से डरें नहीं. उन्हें जिंदा रहने, खुश हों कि वे घर में हैं.
तस्वीर: Robert R. Jackson
बेन्यामिन आइसेल/ओएसजे