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एयर इंडिया की हड़ताल पड़ी साढ़े तीन अरब की

२ जून २०१२

26 दिनों से चल रही एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल से कंपनी को लगभग साढ़े तीन अरब रुपयों का घाटा हुआ है. कंपनी के प्रमुख रोहित नंदन ने कहा, अगर पायलट वापस काम पर नहीं आए तो एयरलाइन्स के अस्तित्व को खतरा हो सकता है.

तस्वीर: AP

8 मई से लेकर अब तक 200 पायलटों ने ड्यूटी पर आने से मना कर दिया है. एयर इंडिया के अधिकारियों ने 101 पायलटों को नौकरी से निकाल दिया है.

इस वक्त कंपनी 10 करोड़ रुपए रोजाना खो रही है. लेकिन अब भी कई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट रद्द करनी पड़ी हैं. साल का यह वक्त एयरलाइंस के लिए खास तौर पर अच्छा होता है क्योंकि भारत से बहुत लोग यूरोप और अमेरिका घूमने जाते हैं. मुंबई में एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से डीपीए समाचार एजेंसी ने कहा है कि एयर इंडिया की इस हड़ताल से कुल मिलाकर घाटा 400 करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है.

एयर इंडिया पहले से ही घाटे में चल रही है. प्रमुख रोहित नंदन ने कहा, "अगर एयरलाइंस को जिंदा रखना है तो पायलटों को वापस आना होगा. उन्हें इस हड़ताल के कंपनी पर असर के बारे में सोचना चाहिए." हाल ही में भारत सरकार ने कंपनी के लिए छह करोड़ रुपयों की राहत राशि का एलान किया था. लेकिन इस राहत राशि को कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर रखा गया है.

शुक्रवार को सरकार ने एयर इंडिया के लिए कुछ बदलाव लाने के फैसले किए जिनमें एयर इंडिया में कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी और काम के वक्त को सामान्य करने की बात कही गई है. इन सुधारों को धर्माधिकारी रिपोर्ट के प्रस्तावों के आधार पर किया गया है, हालांकि पायलटों का कहना है कि यह रिपोर्ट एयर इंडिया के पूर्व कर्मचारियों के हक में हैं. उधर, उड्डयन मंत्री अजीत सिंह का कहना है कि सरकार एयरलाइंस को 30,000 करोड़ रुपए दे रही है और सरकार आगे से कंपनी की कोई मदद नहीं करेगी. 2007 में एयर इंडिया इंडियन एयरलाइंस के साथ मिला दी गई थी. एयर इंडिया के पायलट विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाने के लिए इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को प्रशिक्षण देने के खिलाफ है. दोनों कंपनियों के मिलाए जाने के बाद भी कर्मचारियों के बीच के मतभेदों को कंपनी और सरकार अब तक नहीं सुलझा पाई है.

26 दिन से पायलट हड़ताल परतस्वीर: Reuters

रिपोर्टः एमजी/एएम (पीटीआई, डीपीए)

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