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एशियाई दरवाजे पर आर्थिक मंदी

८ अक्टूबर २०१२

विश्व बैंक का कहना है कि आने वाले दिनों में पूर्व एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आएगी. इसकी वजह चीन की अर्थव्यवस्था में आई सबसे बड़ी गिरावट है. भारत भी मंदी की इस मार से बच नहीं पाएगा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

विश्व बैंक का कहना है कि आने वाले दिनों में पूर्व एशियाई देशों की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आएगी. इसकी वजह चीन की अर्थव्यवस्था में आई सबसे बड़ी गिरावट है. भारत भी मंदी की इस मार से बच नहीं पाएगा.

कुछ समय पहले ही विश्व बैंक ने भारत की विकास दर के बारे में रिपोर्ट पेश की है. इसमें कहा गया है कि भारत की विकास दर 2012-13 में 6.9 प्रतिशत होगी. कमजोर आर्थिक विकास के लिए विश्व बैंक ने नीतिगत अनिश्चितताओं, आर्थिक घाटे और महंगाई को जिम्मेदार ठहराया. रिपोर्ट इसी साल जून महीने में पेश हुई है.

अब इसी तरह का अनुमान पूर्वी एशियाई और प्रशांत इलाके के देशों के बारे में जारी किया गया है. बैंक का कहना है कि आने वाले समय में चीन, थाइलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया जैसे देशों की आर्थिक रफ्तार काफी धीमी हो जाएगी. विश्व बैंक के मुताबिक इसके लिए चीन की आर्थिक गिरावट मुख्य रूप से जिम्मेदार है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन की विकास दर 7.2 प्रतिशत होगी, जो पिछले 13 साल में सबसे कम है. पिछले साल चीन की आर्थिक विकास की दर 9.3 प्रतिशत थी. 1999 के बाद ये विकास का सबसे निचला स्तर है.

तस्वीर: AP

पूर्वी एशिया और प्रशांत सागर इलाके में विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री बर्ट हॉफमन का कहना है, "हमारा कहना यही है कि चीन की अर्थवव्यवस्था में गिरावट आएगी. इसकी वजह दोहरी मार है. एक तो चीन के निर्यात में कमी आएगी दूसरा घरेलू मांग में कमी की वजह से इसमें गिरावट आएगी."

रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष इसी सप्ताह के आखिर में एक बैठक करने वाले हैं. दुनिया की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इस बैठक में विचार विमर्श करेंगे. बैंक के अनुमान के मुताबिक 2001 के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट होगी. यहां तक कि 2009 में आई आर्थिक मंदी से भी ये खतरनाक होगी. विश्व बैंक का कहना है कि इसके लिए यूरो संकट और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की समस्याएं भी जिम्मेदार हैं. यूरोपीय सेंट्रल बैंक यूरो संकट से क्षेत्र को उबारने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए बांड खरीदने का कार्यक्रम शुरू किया गया है. विश्व बैंक का कहना है कि इसके बाद भी स्थिति खराब ही होगी. हालांकि एशिया प्रशांत इलाके की विश्व बैंक की उपाध्यक्ष पामेला कॉक्स का कहना है कि गिरावट के बाद भी यहां की अर्थव्यवस्था दुनिया के दूसरे हिस्से के मुकाबले मजबूत रहेगी.

वीडी/एजेए (एएफपी)

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