अमीर खाड़ी देशों की तरफ से एशियन गेम्स में अफ्रीकी मूल के एथलीटों का हिस्सा लेना एशियाई खिलाड़ियों के लिए हताशा का माहौल पैदा कर रहा है. कद और काठी की वजह से अफ्रीकी मूल के एथलीट एशियाई पर भारी पड़ रहे हैं.
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पुरुषों की 100 मीटर रेस के रजत पदक विजेता सू बिंगत्यान कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह अनुचित है क्योंकि वे लंबे हैं और उनके कदम लंबे होते हैं. वे ज्यादातर ताकतवर और गठीले होते हैं. शारीरिक रूप से हम नुकसान में हैं." कतर के फेमी उगुनोड से सू बिंगत्यान 100 मीटर रेस हार गए, फेमी का जन्म नाइजीरिया में हुआ है. रविवार को पुरुषों की 100 मीटर रेस में फेमी ने 9.93 सेकेंड के साथ रिकॉर्ड जीत हासिल की. जापान और दक्षिण कोरिया के धावक भी अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं. हालांकि एशियाई खेलों के कर्ताधर्ता विदेशी खिलाड़ियों की भीड़ पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं.
एशियन गेम्स के पहले दो दिन में अफ्रीकी मूल के प्रतियोगी 7 रेसों में 5 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. वहीं एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) ने भी चिंता जताई है कि एशियाई देशों के झंडे तले खेलने वाले अफ्रीकी मूल के एथलीटों से स्थानीय प्रतिभाएं हतोत्साहित हो सकती हैं. बहरीन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के निवास नियमों को पूरा करने वाले अफ्रीकी मूल के एथलीटों ने अब तक इंचियोन एशियाई खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में कई पदक जीते हैं. ओसीए के उपाध्यक्ष वेई जिझोंग के मुताबिक, "हमें एशिया से बाहर अन्य किसी देश या क्षेत्र के एथलीटों को नजरअंदाज करने पर काम करना है. वे लोग एथलीटों को खरीद रहे हैं. वे दूसरे देशों के एथलीटों को खरीद रहे हैं और अपने देश के एथलीटों को प्रशिक्षण नहीं दे रहे हैं जो कि एशियाई देशों के हित में नहीं हैं."
हालांकि ओसीए ने साथ ही कहा कि अफ्रीकी मूल के खिलाड़ियों की सफलताओं से एशियाई देशों के खेलों के कौशल में बढ़ोतरी हो रही है. नाइजीरियाई मूल के उगुनोड ने कतर के झंडे के तले 100 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही नया एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया है. इसके अलावा केन्या, मोरक्को और इथियोपिया के एथलीट भी 17वें एशियाई खेलों में पदक जीत रहे हैं. चार साल पहले ग्वांग्झू एशियाई खेलों में पुरुषों की 5000 मीटर और 10000 मीटर स्पर्धाओं में सभी छह पदक अफ्रीकी मूल के एथलीटों ने जीते थे. हालांकि ओसीए के महानिदेशक हुसैन अल मुसल्लम ने कहा कि अफ्रीकी मूल के एथलीटों के एशियाई खेलों में भाग लेने से वह चिंतित नहीं हैं.
महिलाओं की 10000 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली जापान की अयूमी हगिवारा ने कहा कि अफ्रीकी एथलीटों की मौजूदगी सिर पर तलवार लटकने जैसी है. वहीं मेजबान दक्षिण कोरिया के किम योग गू का कहना है कि अफ्रीकी मूल के एथलीटों से मुकाबला कठिन हो रहा है. किम कहते हैं, "मुझे लगता है कि अगर अफ्रीकी मूल के एथलीट इसमें भाग न लेते तो दक्षिण कोरियाई खिलाडियों को और भी चमकने का मौका मिलता."
एए/एमजे (एएफपी, वार्ता)
स्वस्थ रहने के 13 आसान तरीके
हमारे आसपास हवा और पानी में कई तरह की बीमारियां मौजूद होती हैं, जिन पर हम ध्यान नहीं देते. लेकिन खुद को इनसे दूर रखने के लिए कुछ बातें अपनाना बेहद जरूरी है...
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कार, रिक्शा, कुर्सी हो या दरवाजे का हैंडल, कब उन पर किस तरह के संक्रमण मौजूद हैं हमें पता नहीं चलता. ये हमें गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं. इन्हें छूने के बाद साबुन से हाथ धोना हमें इनसे बचा सकता है.
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आजकल लगभग हर काम के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. काम खत्म करने के बाद हाथों को सफाई से धोना या फिर सैनिटाइजर से साफ करना अच्छा होता है. कहीं बाहर से घर आने पर भी हाथ मुंह सफाई से धोना चाहिए.
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रसोई में भी कई भयानक बीमारियों वाले जीवाणु हमारे मुंह में जा सकते हैं. कटिंग बोर्ड पर मांस या कोई भी सब्जी काटने के बाद इसे धोना जरूरी है. इस्तेमाल से पहले चेक कर लें कि आप धुला हुआ बोर्ड ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
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नहाने की जगह भी कई बीमारियों को न्यौता देती है. स्नानगृह का गीला होना खतरे पैदा कर सकता है. जितना हो सके इसे साफ और सुखाकर रखना चाहिए.
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आपके घर में इस्तेमाल होने वाले तरह तरह के ब्रश भी कई बीमारियों का घर हो सकते हैं. इस्तेमाल के बाद इन्हें धो कर रखना चाहिए. अगर मुमकिन हो तो ब्रश को हर महीने बदलना चाहिए.
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टूथब्रश इस्तेमाल करने के बाद इसमें कई जीवाणु छूट सकते हैं. जरूरी है कि इस्तेमाल के बाद इसे हमेशा सफाई से धोकर रखा जाए. और गर्म पानी से धोना सबसे अच्छा है.
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पौधों के लिए पानी जरूरी है ये सही है लेकिन गमलों में जमा पानी बीमारियों की वजह बन जाता है. ज्यादा पानी भरा रहने से मच्छर और अन्य कीड़ों के पानी में रहने की आशंका बढ़ जाती है. ये कीड़े आपको बीमार कर सकते हैं.
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कभी भी इंजेक्शन लगवाएं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि सूई हमेशा नई हो. किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इस्तेमाल की जा चुकी सूई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.
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बस, ट्रेन या मीटिंग में किसी बीमार व्यक्ति से आपको भी जुकाम और अन्य हवा से फैलने वाली बीमारियां लग सकती हैं. इनसे दूर रहें. खासकर वे जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं क्योंकि ऐसे में बीमारी ज्यादा आसानी से आक्रमण करती है.
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पानी पीने से पहले यह पता करना जरूरी है कि वह पानी साफ है या नहीं. कई बीमारियों को फैलाने वाले सूक्ष्म जीव पानी में रहते हैं. अगर शक हो तो केवल मिनरल वॉटर ही लें.
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बच्चों को बहुत बचपन में ही संक्रमण के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. उन्हें यह समझाना बहुत जरूरी है कि गंदगी उन्हें बीमार कर सकती है. खासकर शरीर की साफ सफाई की जानकारी अच्छे से दी जानी चाहिए.
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सड़क पर ठेलों पर बिकने वाला चटपटा खाना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन यह बीमारियों की जड़ हो सकता है. जितना हो सके इससे बचना चाहिए. फल और सलाद को खाने से पहले बहुत देर तक खुला नहीं रखना चाहिए. इन्हें काटते ही खा लेना चाहिए.
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कई बार छुट्टियों से लौट कर हम बीमार हो जाते हैं. यात्रा के दौरान हम खानपान और सफाई का ज्यादा ख्याल नहीं रखते. यह ठीक नहीं. इस दौरान सेहत का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए.