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ऐतिहासिक जीत के किनारे पर जोकोविच

१४ अगस्त २०११

दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच मॉन्ट्रियाल मास्टर्स के फाइनल में पहुंच गए हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें जीतना नहीं पड़ा. उन्हें टक्कर देने वाले जो विल्फ्रेंड सोंगा बीच में ही मैच छोड़ गए.

तस्वीर: dapd

इस मैच में दर्शकों को कड़ी टक्कर की उम्मीद थी. लेकिन जोकोविच का पलड़ा भारी था. उन्होंने शुरुआत से यह जाहिर भी कर दिया. पहला सेट उन्होंने 6-4 से जीता. दूसरे सेट में भी वह 3-0 की बढ़त ले चुके थे. लेकिन तब तक सोंगा की बाजू जवाब दे गई और वह मैच से हट गए.

जोकोविच को अब अमेरिका के मार्डी फिश से भिड़ना है और अगर वह जीतते हैं तो एक सीजन में पांच मास्टर्स सीरीज टाइटल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बनने का सेहरा उनके सिर पर होगा.

सोंगा ने मैच छोड़ने के बाद कहा कि चोट उन्हें पिछले तीन दिन से परेशान कर रही थी और दर्द इतना बढ़ गया कि उनके लिए खेलना मुश्किल हो गया. उन्होंने कहा, "मेरे लिए बॉल पर सही और जोरदार प्रहार करना मुश्किल हो रहा था. इसीलिए मैंने यह फैसला किया. मैं जानता हूं कि मैं बिना बाजू के नोवाक को नहीं हरा सकता."

तस्वीर: dapd

सोंगा और जोकोविच के बीच मुकाबला देखा जाए तो सोंगा 5-3 से उन पर भारी पड़ते हैं. मॉन्ट्रियाल में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा. उन्होंने दो बार के चैंपियन रोजर फेडरर को हराकर बाहर कर दिया. लेकिन इस वक्त टेनिस के बादशाह जोकोविच हैं. उन्होंने पिछले 53 मैचों में से 52 जीते हैं. इनमें विंबलडन और ऑस्ट्रेलियाई ओपन समेत 8 टाइटल शामिल हैं.

हालांकि सोंगा को लगता है कि जोकोविच को हराया जा सकता है. उन्होंने कहा, "वह बेशक अद्भुत टेनिस खेलते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह किसी और दुनिया से आए हैं. असल में उनकी खूबी है कि वह हर चीज को दूसरों से बेहतर करते हैं. वह बहुत जोर से हिट नहीं करते. लेकिन वह बॉल को वक्त से पहले भी हिट नहीं करते. वह सही वक्त पर वहां होते हैं. उनकी रिटर्न सबसे अच्छी नहीं है. लेकिन उनकी हर रिटर्न अच्छी होती है. यानी उनकी कोई कमजोरी नहीं है."

तस्वीर: AP

हाल ही में नंबर एक पर पहुंचे सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच के लिए मॉन्ट्रियाल का ताज बादशाहत की तरफ बेहतरीन शुरुआत होगी. नंबर एक की पोजीशन पर पहुंचते ही एटीपी टूर्नामेंट जीतने वाले 1993 के बाद वह पहले खिलाड़ी होंगे. ऐसा अब तक सिर्फ पीट सैंप्रस ने किया है. जोकोविच की बातों से उनका आत्मविश्वास झलकता है. उन्होंने कहा, "यह अचानक नहीं होता है. मैं पूरे सीजन में अच्छा खेल रहा हूं. और मैं इसे बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहा हूं."

जोकोविच कहते हैं कि उनकी सफलता सिर्फ और सिर्फ मेहनत का कमाल हैं. उनके शब्दों में, "यह प्रतिभा या ऐसी कोई बात नहीं है. मैं कोर्ट पर और उसके बाहर कई कई घंटे मेहनत कर रहा हूं. यह मेहनत और समर्पण का नतीजा है."

अब उन्हें फिश की चुनौती का सामना करना है. पिछले कुछ दौरों में उनका खेल शानदार रहा है और वह आत्मविश्वास से लबालब हैं. उन्हें जोकोविच को हराने का भरोसा है. वह कहते हैं, "मुझे अपना सबसे अच्छा खेल दिखाना होगा. अगर मैं वैसा ही खेलता रहा तो मेरे अंदर कई खिलाड़ियों को हराने की ताकत है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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