ऐसे याद किया फ्रांस ने दूसरे विश्वयुद्ध के डी डे को
६ जून २०१९
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान डी डे को पश्चिमी मित्र सेना ने फ्रांस के नॉरमंडी में यूरोप की धरती पर कदम रखा. हालांकि मित्र देशों के बहुत से सैनिक मारे गए लेकिन इसने युद्ध की दिशा बदलने में मदद दी.
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दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी में मित्र सेनाएं और जर्मन सैनिक बुरी तरह एक पुल के लिए लड़ रहे थे. इसी पुल ने हिटलर के पतन में अहम भूमिका निभाई.
हिटलर को हराने वाला पुल
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी में मित्र सेनाएं और जर्मन सैनिक बुरी तरह एक पुल के लिए लड़ रहे थे. इसी पुल ने हिटलर के पतन में अहम भूमिका निभाई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
विशाल नदी पार
राइन नदी पर बने लुडेनडॉर्फ पुल पर 1945 में मित्र सेनाओं ने कब्जा कर लिया. इस पुल को नियंत्रण में लेते ही मित्र सेनाओं को अपने टैंक और सैन्य काफिले को नदी पार ले जाने का रास्ता मिल गया. बर्लिन की तरफ का रास्ता इस पुल से निकला.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
पहली अमेरिकी टुकड़ी
सात मार्च 1945 को पुल पर नियंत्रण के बाद अमेरिकी सेना की नवीं आर्म्ड डिविजन ने पहली बार राइन नदी पार की. पूरब से रूसी सेना जर्मन सैनिकों को खदेड़ रही थी और पश्चिम से अमेरिकी सेना.
तस्वीर: picture-alliance/Mary Evans Picture Library/ Illustrated London News Ltd
जर्मनी का गेटवे
हिटलर की सेना ने इस पुल को तबाह करने की काफी कोशिश की. खूब बमबारी के बावजूद जर्मन सेना 17 मार्च 1945 को पुल को तबाह करने में कामयाब रही. लेकिन तब तक 10 दिन बीत चुके थे.
तस्वीर: public domain/Source: Franklin D. Roosevelt Library & Museum
हिटलर को झटके
मित्र सेनाओं के करीब 25,000 सैनिक और वाहन पुल पार कर नए इलाके में दाखिल हो चुके थे. अमेरिकी सेना पहली बार जर्मनी के बिल्कुल नए भूभाग में दाखिल हुई. इसके बाद वह जीतती हुई बर्लिन तक जा पहुंची.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.-J. Rech
"द ब्रिज एट रेमागन"
1969 में शीतयुद्ध पर बनी फिल्म "द ब्रिज एट रेमागन" ने इस पुल के सामरिक महत्व को बखूबी दिखाया. दूसरे विश्वयुद्ध में इस पुल को पार करने के बाद अमेरिका और ब्रिटेन की अगुवाई वाली मित्र सेना जर्मनी के बड़े भूभाग को जीतती चली गई.
तस्वीर: picture-alliance/United Archives/IFTN
श्रद्धाजंलि
यह तस्वीर पुल पर नियंत्रण की 70वीं बरसी के दौरान 2015 में ली गई. इस दौरान विश्वयुद्ध लड़ चुके पूर्व सैनिक या उनके परिजन वहां जुटे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Frey
शांति का प्रतीक
1945 की तबाही के बाद लुडेनडॉर्फ पुल का पुर्नर्निमाण नहीं किया गया. आज भी रेमागन कस्बे में पुल का एक टावर साफ दिखाई पड़ता है. अब यह टावर शांति को समर्पित एक म्यूजियम है.