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ऑनलाइन खुदरा बाजार पर कब्जे की बढ़ती होड़

प्रभाकर मणि तिवारी
२६ अक्टूबर २०१८

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट की आपसी होड़ की वजह से देश के खुदरा बाजार पर कब्जे की होड़ लगातार तेज हो रही है. अब इस बाजार में रिलायंस भी नई तैयारी के साथ उतरने की फिराक में है, कंपनियों की होड़ से ग्राहकों का क्या मिल रहा है?

Indien Flipkart & Amazon
तस्वीर: Imago/ZumaPress

एमेजॉन ने हाल में 4,200 करोड़ रुपये खर्च कर बिड़ला समूह के रिटेल चेन मोर का अधिग्रहण किया है. दूसरी तरफ वालमार्ट ने 16 अरब अमेरिकी डॉलर में फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण किया है. अब एमेजॉन की नजर फ्यूचर समूह में हिस्सेदारी हासिल करने की है.

त्योहारी सीजन में भारी सेल का एलान कर फ्लिपकार्ट और एमेजॉन एक-दूसरे को पछाड़ने का प्रयास कर रही हैं. भारत के ऑनलाइन खुदरा बाजार के 60 से ज्यादा फीसदी हिस्से पर इन दोनों कंपनियों का ही कब्जा है. दोनों कंपनियों ने दावा किया है कि इस बार के सेल ने पिछले तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं. इन दोनों प्रमुख कंपनियों ने इस बार मीडिया प्रचार पर लगभग दो-दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

 

नई-नई रणनीति

अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए यह कंपनियां तमाम तरह के हथकंडे अपना रही हैं. इनमें क्रिकेटर विराट कोहली और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन जैसे चेहरों को ब्रांड अंबेसडर बनाने से लेकर अखबारों में पूरे-पूरे पेज के विज्ञापन देना और विभिन्न उत्पादों पर 30 से 80 फीसदी तक की छूट का एलान करना शामिल है.

पहले दौर के बाद अब दोनों कंपनियों ने दीवाली के पहले दोबारा सेल शुरू की है. फ्लिपकार्ट ने 24 से 27 अक्तूबर तक फ्लिपकार्ट फेस्टिव धमाका डेज सेल का एलान किया है तो एमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल के तहत 24 से 28 अक्टूबर तक खरीदारी पर भारी छूट दे रहा है. दशहरे के पहले हुई सेल में दोनों कंपनियों ने रिकॉर्ड बिक्री का दावा किया है.

एमेजॉन इंडिया के प्रमुख अमित अग्रवाल कहते हैं, "हमने पहले दो दिनों के दौरान ही महीने भर की बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया. लाखों नए ग्राहक हमसे जुड़ रहे हैं.” दूसरी ओर, फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति कहते हैं, "हमने एक दिन के दौरान 30 लाख स्मार्टफोन बेच कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. ऑनलाइन फैशन बाजार के 85 फीसदी हिस्से पर हमारा कब्जा है.” उनका दावा है कि इस सीजन में ऑनलाइन  बिक्री के 70 फीसदी हिस्से पर कंपनी का कब्जा रहा है.

इस साल इन कंपनियों ने पांच दिनों की फेस्टिव सेल के दौरान लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की बिक्री की है. सलाहकारी फर्म रेडसीर कंसल्टिंग ने अपने ताजा सर्वेक्षण में कहा है कि मोबाइल और फैशन से जुड़ी चीजों की बिक्री में पहले दौर में फ्लिपकार्ट ने एमेजॉन को पीछे छोड़ दिया है. हालांकि अमित अग्रवाल इस रिपोर्ट को ज्यादा तवज्जो नहीं देते. वह कहते हैं, "ग्रेट इंडियन सेल शुरू होने के पहले 36 घंटों के दौरान ही पिछले पूरे साल की बिक्री का रिकॉर्ड टूट गया. इसने कंपनी के तमाम पूर्वानुमानों को पीछे छोड़ दिया है.”

तस्वीर: Getty Images/N.Seelam

रिलायंस की योजना से हड़कंप

इस बीच, रिलायंस की ओर से ऑनलाइन खुदरा बाजार में प्रवेश के एलान ने फ्लिपकार्ट और एमेजॉन को नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल में कहा है कि रिलायंस जल्द ही ऑनलाइन बाजार में उतर सकती है. अंबानी के मुताबिक, कंपनी ऑनलाइन और रिटेल मिलाकर एक नया प्लेटफॉर्म तैयार करने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी की योजना हाइब्रिड ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन रिटेल शुरू करने की है. यह एक तरह से हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर का तालमेल है.

रिलायंस पहले से ही रिलायंस ट्रेंड्स और रिलायंस डिजिटल के नाम से रिटेल स्टोर चला रही है. इसके अलावा एजियो एप और वेबसाइट के जरिए उसका ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म भी है.

क्यों बढ़ रहा है ऑनलाइन बाजार?

आखिर भारत में इन कंपनियों की बिक्री के हैरतअंगेज आंकड़ों की वजह क्या है ? विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट का प्रसार बढ़ने और ऑफलाइन बाजारों के मुकाबले घर बैठे सस्ती कीमत पर मनपसंद चीजों की खरीद की सुविधा ने दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी एमेजॉन व फ्लिपकार्ट के लाखों नए ग्राहक बना दिए हैं.

फॉररेस्टर इंडियन ऑनलाइन रिटेल मार्केट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ऑनलाइन खुदरा बाजार है. वर्ष 2015 से अब तक यानी बीते तीन वर्षों के दौरान यह बाजार तीन गुना बढ़ गया है. फिलहाल यह बाजार 32.70 अरब अमेरिकी डॉलर का है जिसके वर्ष 2022 तक बिक्री बढ़ कर 71.94 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

एक और मार्केट रिसर्च कंपनी ईमार्केटियर का अनुमान है कि वर्ष 2018 के आखिर तक देश की एक-चौथाई आबादी डिजिटल खरीदार बन जाएगी. वर्ष 2022 तक इस आंकड़े का बढ़ कर 41.6 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. वैसे, खुदरा बाजार में अभी ऑफलाइन स्टोरों के जरिए बिक्री का पलड़ा ही भारी है. अगले पांच साल में ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री के बराबर होने की संभावना है.

विशेषज्ञों का कहना है कि रिलायंस के बाजार में उतरने के एलान और स्नैपडील व पेटीएम जैसी कंपनियों के विस्तार की वजह से आने वाले दिनों में ऑनलाइन खुदरा बाजार में होड़ और तेज होने का अंदेशा है.

कंसल्टेंसी फर्म टेक्नोपैक एडवाइजर्स के अध्यक्ष अरविंद सिंघल कहते हैं, "ऑनलाइन खुदरा बाजार पर कब्जे की बढ़ती होड़ से ग्राहकों को ही फायदा हो रहा है. अब लोग घर बैठे अपने स्मार्टफोन पर ही सैकड़ों वेरायटी देखने और उनकी तुलना करने के बाद उसका ऑर्डर कर सकते हैं. इसके लिए उनको कहीं जाना नहीं होता. एक दिन से एक सप्ताह के भीतर ग्राहकों को अपना पसंदीदा सामान घर बैठे ही मिल जाता है. वह चाहे देश के किसी कोने में रहता हो.”

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