चीन के साथ संबंधों पर ऑस्ट्रेलियाई सांसद के खिलाफ जांच
२६ जून २०२०ऑस्ट्रेलिया की एक प्रांतीय विधान परिषद के एक सदस्य को चीन के प्रभाव में काम करने के आरोपों की वजह से उनकी पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. न्यू साउथ वेल्स विधान परिषद के सदस्य शौकत मुसलमान लेबर पार्टी के सदस्य थे. उनके खिलाफ चीन के प्रभाव में काम करने के आरोपों की जांच चल रही है.
राज्य में लेबर पार्टी की नेता जोडी मैकके ने बताया कि पुलिस और इंटेलिजेंस अधिकारियों ने शौकत के सिडनी स्थित घर की तलाशी ली और उनके पास उनके संसदीय दफ्तर की तलाशी का वारंट भी है. हालांकि शौकत पर किसी भी कानून को तोड़ने का इल्जाम नहीं लगा है और ये पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है कि आखिर ये जांच हो क्यों रही है. उन्होंने मीडिया से इस बारे में शुक्रवार को कोई बात नहीं की.
कौन हैं शौकत मुसलमान
शौकत मुसलमान लेबनानी मूल के हैं. उनका जन्म दक्षिण लेबनान के कोनिन में हुआ था. वह अपने माता-पिता और 10 भाई-बहनों के साथ 1977 में ऑस्ट्रेलिया आए थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वकालत की और फिर धीरे-धीरे राजनीति में आ गए. वह न्यू साउथ वेल्स संसद के पहले मुस्लिम सदस्य थे.
अप्रैल में उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के प्रयासों की प्रशंसा की थी और उसके बाद राज्य के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि शी ने महामारी का सामना करने में "अडिग नेतृत्व" और निर्णय लेने की क्षमता का प्रदर्शन किया था.
कैसे रहे हैं चीनी-कनेक्शन
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक खबर के अनुसार शौकत ने 2009 में राज्य की संसद का सदस्य बनने के बाद निजी खर्च पर चीन की नौ बार यात्रा की थी. उनके द्वारा खुद दी हुई जानकारी के मुताबिक चीन के सरकारी अफसरों या एजेंसियों ने अकसर उनके आने-जाने और रहने का खर्च उठाया.
लेबर नेता मैकके ने बताया कि शौकत के घर पर हुई जांच पर उन्हें आश्चर्य है. उन्होंने कहा, "ये बहुत ज्यादा चिंताजनक है. ये बहुत बुरा हुआ है." उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीद की जाती है कि संसद के सदस्य जो भी करेंगे वह जनहित में होगा. उन्होंने आगे कहा, "मैं उम्मीद करती हूं कि सिर्फ लेबर की तरफ ही नहीं बल्कि लिबरल और नेशनल पार्टी और दूसरी तरफ के दलों में भी संसद के एक-एक सदस्य के हर कार्य के केंद्र में यही भावना होगी."
लिबरल पार्टी के सदस्य और देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उन्हें इसकी खबर थी कि कुछ समय से जांच चल रही थी. उन्होंने कहा, "जांच का स्तर आज बढ़ा दिया गया. कार्रवाई करने की जरूरत है और सरकार ने दृढ़ संकल्प लिया है ये सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी ऑस्ट्रेलिया की गतिविधियों में हस्तक्षेप ना करे. हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई आए और हमारे राजनीतिक तंत्र में हस्तक्षेप करने की कोशिश करे."
चीन के साथ चल रही है खींचतान
पिछले कुछ हफ्तों में चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच मतभेद बढ़े हैं. मॉरिसन ने पिछले सप्ताह कहा था कि एक देश ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साइबर हमले बढ़ा रहा है. कई लोगों का मानना था कि वह चीन के बारे में बात कर रहे थे.
इसके पहले चीन ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े बूचड़खानों से बीफ के निर्यात पर बैन लगा दिया था, शुल्क की एक दीवार के जरिये ऑस्ट्रेलिया से जौ का व्यापार समाप्त कर दिया था और अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी. ऐसा माना जाता है कि चीन ने ये कदम ऑस्ट्रेलिया के उस वक्तव्य के पलटवार के रूप में उठाए थे जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनावायरस महामारी के शुरुआत और प्रसार के बारे में जानने के लिए एक स्वतंत्र जांच की वकालत की थी.
सीके/आरपी (एपी)
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