ऑस्ट्रेलिया ने वापस लिया भारत से आने पर सजा का आदेश
विवेक कुमार
७ मई २०२१
ऑस्ट्रेलिया ने भारत से अपने यहां आने पर लगा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. भारत में फंसे ऑस्ट्रेलियाइयों को वापस लाने के लिए उड़ानों की संख्या दोगुनी की जाएगी.
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ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि भारत में फंसे ऑस्ट्रेलियाइयों को वापस लाने के लिए उड़ानों की संख्या दोगुनी की जाएगी. हालांकि उन्होंने भारत से सीधे उड़ानें ऑस्ट्रेलिया आने पर लगी पाबंदी जारी रखने की बात कही है. उन्होंने कहा, "इस बारे में अगले हफ्ते समीक्षा की जाएगी.”
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले महीने भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी और इसका उल्लंघन करने पर करीब 35 लाख रुपये का जुर्माना या पांच साल की सजा का प्रावधान भी किया था. इस फैसले की चौतरफा आलोचना हुई थी और देश के मानवाधिकार संगठन ने भी इस आदेश पर चिंता जताई थी. शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री ने प्रतिबंध लगाने का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध ने देश के क्वॉरन्टीन सिस्टम पर दबाव नहीं बढ़ने दिया.
प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा, "जो आदेश हमने जारी किया था, वह बहुत कारगर साबित हुआ है. यह अपना काम बखूबी कर रहा है और हमें इसकी जरूरत थी. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि हम अपने यहां कोविड-19 की तीसरी लहर को आने से रोकने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.”
घरलौटनेकालंबाइंतजार
इस आदेश की आलोचना इसलिए भी हो रही थी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के करीब नौ हजार स्थायी निवासी या नागरिक सीमाएं बंद होने के कारण भारत में फंसे हुए हैं और घर नहीं लौट पा रहे हैं. इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जिन्हें भारत में फंसे एक साल हो चुका है. प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि वह लोगों को घर लाना चाहते हैं और साथ ही ऑस्ट्रेलिया को तीसरी लहर से भी बचाना चाहते हैं.
उन्होंने लोगों को वापस लाने के लिए चलाई जाने वाली उड़ानों की संख्या दोगुनी करने का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने इन लोगों को वापस लाने के लिए कोई समयसीमा नहीं दी. मॉरिसन ने कहा, "हमारा पहला लक्ष्य 900 उन लोगों को स्वदेश लाना है, जो सबसे ज्यादा खतरे में हैं. हरेक उड़ान में करीब 150 लोग आ सकते हैं और कुछ लोगों के साथ उनके परिजन भी आना चाहेंगे तो नहीं कहा जा सकता कि कितना समय लगेगा.”
मॉरिसन ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 पॉजीटिव लोगों को ऑस्ट्रेलिया आने की इजाजत नहीं होगी. दुनिया के बहुतेरे देशों ने भारत से सीधी उड़ानें बंद कर रखी हैं. इसकी वजह देश में कोरोनावायरस की घातक दूसरी लहर है जिसके कारण रोजाना रिकॉर्ड संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और मारे जा रहे हैं.
भारत में सांसों का संकट
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की कमी से मरीज और उनके रिश्तेदार लाचार घूम रहे हैं. ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से कई मरीजों की मौत हो जा रही है. कई मरीजों को अस्पताल में बेड भी नहीं मिल पा रहा है.
तस्वीर: ADNAN ABIDI/REUTERS
शहर दर शहर लोग बेहाल
भारत के बड़े शहर हो या छोटे हर जगह कोरोना के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. देश की स्वास्थ्य व्यवस्था कोरोना के मरीजों का भार नहीं उठा पा रही है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
शहर दर शहर लोग बेहाल
देश के कई गुरुद्वारों में कोरोना के मरीजों को निशुल्क ऑक्सीजन दी जा रही है. मरीजों के लिए राजधानी दिल्ली में खास इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी की तरफ से 250 बेड का कोविड फैसिलिटी सेंटर बनया गया.
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शहर दर शहर लोग बेहाल
उत्तर भारत में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. मरीज ही नहीं उनके रिश्तेदारों को कड़ी धूप में अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
तस्वीर: Naveen Sharma/ZUMA Wire/imago images
शहर दर शहर लोग बेहाल
कोरोना के जो मरीज घर पर अपना इलाज करा रहे होते हैं जब उनका ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर जाता है तो उन्हें अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं. ज्यादातर उनके हाथ निराशा ही लगती है.
तस्वीर: Adnan Abidi/REUTERS
शहर दर शहर लोग बेहाल
भारत में कोरोना वायरस विकराल रूप ले चुका है. बड़े अस्पताल और छोटे अस्पताल दोनों ही कोरोना के मरीज लेने से इनकार कर रहे हैं. कई बार डॉक्टर भी मजबूरी में मरीजों को घर ले जाने की सलाह दे देते हैं.
अस्पताल में जगह नहीं मिलने के बाद परिजनों का बुरा हाल हो जाता है. वे अस्पताल प्रशासन के आगे कई बार हाथ जोड़ते भी नजर आते हैं.
तस्वीर: -/Hindustan Times/imago images
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दिल्ली के कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज को अस्थायी कोविड-19 देखभाल केंद्र के रूप में बनाया गया है. दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन, इंजेक्शन और दवाइयों का संकट हो गया है.
तस्वीर: Raj K Raj/Hindustan Times/imago images
शहर दर शहर लोग बेहाल
सिर्फ दिल्ली ही नहीं कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन का संकट बना हुआ है. हाईकोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को ऑक्सीजन सप्लाई करने को लेकर आदेश भी दे चुका है.
अस्पताल में बेड ही नहीं बल्कि एंबुलेंस जैसी जरूरी सेवा भी कई मरीजों को नसीब नहीं हो रही है. अनेक राज्यों में मरीज रिक्शा, ऑटो रिक्शा, मोटर साइकिल पर सवार होकर अस्पताल तक पहुंचते हैं.