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अडानी की परियोजना में फंसे फ्रांस के टीवी रिपोर्टर

२२ जुलाई २०१९

ऑस्ट्रेलिया में अडानी की कारमाइकल कोयला परियोजना का लंबे समय से विरोध हो रहा है. विरोध प्रदर्शन और विवादित परियोजना पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने पहुंचे फ्रांस की एक टीवी टीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 

Australien Proteste gegen Kohle-Mine
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/D. Peled

ऑस्ट्रेलिया के पूर्वोत्तर राज्य क्वींसलैंड में फ्रासं के एक टेलीविजन रिपोर्टर और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया कर लिया गया. ये रिपोर्टर क्वींसलैंड में कोल पोर्ट के खिलाफ जुटे प्रदर्शनकारियों पर रिपोर्टिंग करने गए थे. कोल पोर्ट मतलब कोयला बंदरगाह, जहां से कोयले को ढोकर ले जाया जाएगा.

पुलिस के मुताबिक सात लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें से चार फ्रांस के हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों के ऊपर एबोट प्वाइंट कोयला टर्मिनल पर रेलवे कॉरिडोर में घुसपैठ का आरोप लगाया गया है. दरअसल भारत का अडानी समूह की क्वींसलैंड में कोयला खनन का काम कर रहा है. इस परियोजना में अडानी समूह के सामने चुनौती खनन से निकाले गए कोयले को बंदरगाह तक पहुंचाने की है जिसके लिए एक रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है. पर्यावरण समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं.

तस्वीर: Getty Images/L. Maree Williams

गैर लाभकारी संस्था फ्रंटलाइन एक्शन ऑन कोल विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है. प्रदर्शनकारियों ने बताया कि रिपोर्टर हूगो क्लीमो और उनकी टीम फ्रांस 2 के लिए एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म बना रहे थे. प्रदर्शनकारियों के पास से मिली तस्वीरों से पता चलता है कि क्लेमेंट और दो अन्य लोगों को एक पुलिस वैन में बैठे. इनमे से एक के पास वीडियो कैमरा था और दूसरे के हाथ में सामान्य कैमरा.

राष्ट्रीय प्रसारक ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के मुताबिक क्लीमो को कुछ शर्तों को साथ जमानत दी गई है. हालांकि जमानत पर छोड़े गए सभी लोगो को तीन सितंबर को अदालत में उपस्थित होना होगा.

अडानी की कारमाइकल खदान और रेल परियोजना का विरोध पिछले तकरीबन एक दशक से हो रहा है.

लेकिन विरोधियों को जून में उस समय झटका लगा जब कंपनी को निर्माण शुरू करने की मंजूरी मिल गई. एबोट प्वाइंट टर्मिनल वह खदान है, जहां से कोयला निकालने की योजना है. फ्रंटलाइन एक्शन ऑन कोल के एक प्रतिनिधि ने बताया कि फ्रेंच टीम यहां विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का वीडियो बना रही थी. उन्होंने कहा, "पुलिस ने पत्रकारों को कहा कि वे रेलवे कॉरिडोर को बाधित कर रहे हैं और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जबकि पुलिस को पहले उन्हें वहां से हटने के लिए कहना चाहिए था."

फ्रांस दूतावास ने इस पूरी घटना पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. कोयला बंदरगाह के मालिक अडानी ने कहा कि उन्हें इस विरोध की जानकारी है लेकिन उन्होंने पूरे मामले पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है. उन्होंने ई-मेल के माध्यम से भेजे एक जवाब में कहा, "हम लोगों को तथ्यों पर उनकी राय बनाने के लिए कहते हैं. वे शांतिपूर्वक अपने और हमारे कर्मचारियों की जान की सुरक्षा को जोखिम में ना डालते हुए प्रदर्शन कर सकते हैं."

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आरआर/एए (रॉयटर्स)

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