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ओबामा की सलाह: बने रहो हमारे साथ

१३ दिसम्बर २००९

अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर आगाह किया है कि अल क़ायदा के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने में उसे और प्रयत्न करने होंगे. अमेरिका के मुताबिक पाकिस्तान को अमेरिका से इस बारे में और मदद भी लेते रहनी होगी.

तस्वीर: AP

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पाकिस्तान को अल क़ायदा को जड़ से उखाड़ने के लिए अमेरिका से और अधिक सहकार करना चाहिए. सी बी एस टैलीविज़न पर एक इंटर्व्यू में , जो रविवार को प्रसारित किया जाएगा , अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अल क़ायदा की समस्या को पूरी तरह समाप्त करने के लिए , अमेरिका को पाकिस्तान के और अधिक सहयोग की ज़रूरत है , इसमें कोई संदेह नहीं है.

ओबामा ने अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच के इलाक़े को पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ लक्षित हिंसा और अतिवाद की धुरी बताया.

विदेशमंत्री हिलरी क्लिंटन ने भी अतिवादी संगठनों को नाकाम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है. शुक्रवार को न्यू यॉर्क में, नवगठित संस्था अमेरिकन पाकिस्तान फ़ाउंडेशन के उद्घाटन आयोजन में बोलते हुए क्लिंटन ने कहा कि पाकिस्तान को लोकतंत्र का निर्माण करने और साथ ही तालिबान और अन्य उग्रवादी संगठनों को मात देने की ज़रूरत है , " हम पाकिस्तान सरकार को अल क़ायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों की कार्रवाइयों में रुकावट डालने , उन्हें तोड़ने और हराने के लक्ष्य की दिशा में निश्चय के साथ क़दम उठाने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे."

क्लिंटन ने हाल में पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि उन्हें यह विश्वास करना कठिन लगता है कि पाकिस्तान सरकार में किसी को भी यह जानकारी नहीं है कि अल क़ायदा के सरगना कहां छिपे हुए हैं.

अमरीका और पश्चिमी देश पाकिस्तान पर केवल तालिबान को ही अपना निशाना का ही नहीं, बल्कि अल क़ायदा से जुड़े उन लड़ाकों और उग्रवादियों पर भी हमले करने का दबाव डाल रहे हैं , जो सीमा पार करके अफ़ग़ानिस्तान में नेटो के नेतृत्व वाली सेना पर वार करते हैं.

लेकिन ओबामा ने सी बी एस पर अपने इंटर्व्यू में अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना को निकालने की कालसीमा तय करने के अपने फ़ैसले को सही बताया. राष्ट्रपति ने कहा कि बिना कालसीमा के अफ़ग़ानों को यह संदेश मिलता है कि अमरीका की यह प्रतिबद्धता अनिश्चित काल के लिए है , " 2001 में अमेरिकी जनता ने उस देश में सैनिक भेजने का फ़ैसला इस दृष्टि से नहीं किया था. उसने यह् फ़ैसला अल क़ायदा को निशाना बनाने के लिए किया था."

ओबामा ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में ऐसे तत्व मौजूद हैं , जिन्हें उस देश को अमेरिका का संरक्षित राज्य बनाने में कोई एतराज़ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इससे अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा का सारा बोझ अमेरिका के कंधों पर आ पड़ेगा.

रिपोर्ट-गुलशन मधुर, वाशिंगटन से

संपादन-एस जोशी

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