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ओबामा के आने से पहले सुलझाएंगे वीजा विवाद

५ सितम्बर २०१०

भारत ने अमेरिका के साथ वीजा विवाद को राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौरे से पहले सुलझा लेने की इच्छा जाहिर की है. भारत नहीं चाहता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा से पहले कुछ मुद्दों पर दोनों देशों में तनातनी बनी रहे.

तस्वीर: picture-alliance/chromorange

भारत के वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा, "हर कोई चाह रहा है कि यह मुद्दा तर्कसंगत तरीके से सुलझ जाए. कोई नहीं चाहता कि यह एक घाव की तरह हमेशा कष्ट देता रहे क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहे हैं." राहुल खुल्लर के मुताबिक इस मुद्दे पर सहमति बनना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि दो हफ्ते बाद संयुक्त व्यापार नीति पर एक बैठक होने वाली है.

ओबामा नवंबर में भारत आ रहे हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. भारत का कहना है कि इतनी अहम यात्रा के दौरान आपसी मतभेद होना ठीक नहीं है. राहुल खुल्लर ने कहा कि पिछले हफ्ते उनकी कई अमेरिकी अधिकारियों से बात हुई है जिनमें अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि माइकल पन्के और फ्लोरिडा के सीनेटर जॉर्ज लेमिएक्स शामिल हैं.

तस्वीर: AP

सीमा सुरक्षा बिल के तहत अमेरिका ने एच-1बी और एल-1 वीजा की फीस में अगले पांच सालों के लिए 2000 डॉलर की बढ़ोत्तरी कर दी है. नैस्कोम के अनुमान के मुताबिक भारतीय आईटी कंपनियां हर साल करीब 50000 वीजा के लिए आवेदन करती हैं जिनमें एच-1बी और एल-1 वीजा हैं. इसके अलावा वीजा को बढ़ाने के लिए भी आवेदन किए जाते हैं.

अमेरिका का तर्क है कि वीजा फीस बढ़ाकर उसे करीब 55 करोड़ डॉलर की कमाई होगी जिससे अमेरिका मेक्सिको सीमा पर सुरक्षा पुख्ता करने में उसे मदद मिलेगी. अमेरिका का कहना है कि सुरक्षा बंदोबस्त चाकचौबंद करने में 60 करोड़ डॉलर का खर्चा आने का अनुमान है. लेकिन अमेरिका के इस फैसले से भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियां परेशान हैं क्योंकि उन्हें बढ़ी हुई फीस देनी पड़ेगी. अमेरिका जितने वीजा जारी करता है उनमें 12 फीसदी वीजा भारतीय कंपनियां लेती हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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