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ओबामा ने ठुकराई गद्दाफी की चिट्ठी

७ अप्रैल २०११

लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निजी तौर पर अपील की है कि नाटो के हवाई हमले बंद किए जाएं. अमेरिका ने गद्दाफी की इस अपील को ठुकरा दिया है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने बुधवार को गद्दाफी की निजी अपील को ठुकराते हुए कहा कि लीबियाई नेता को अपनी फौजें वापस बुलानी चाहिए और निर्वासन में चले जाना चाहिए.

तस्वीर: picture alliance/dpa

तीन पेज का खत

ओबामा को गद्दाफी की तरफ से तीन पेज का खत मिला है जिसमें पश्चिमी देशों का अभियान रोकने की बात कही गई है. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इस अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया है. क्लिंटन ने कहा, "गद्दाफी जानते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए. संघर्षविराम होना चाहिए. जिन शहरों पर उनकी फौजों ने हिंसा के दम पर कब्जा कर लिया है, उन्हें फौरन छोड़ देने चाहिए. गद्दाफी को सत्ता और देश छोड़ने पर फैसला करने की जरूरत है."

गद्दाफी के विद्रोही एक नए हमले की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा है कि 41 साल लंबे गद्दाफी के शासन को खत्म करने के लिए नाटो पूरी मदद नहीं कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने नाटो का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि नाटो सेना नो फ्लाई जोन लागू करवाने और नागरिकों को हमलों से बचाने के लिए कार्रवाई कर रही है.

तस्वीर: dapd

तेल क्षेत्र पर हमला

लीबिया ने कहा है कि ब्रिटेन ने एक मुख्य तेल कुएं पर हमला किया है जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों को मौत हो गई है और एक तेल पाइप को नुकसान पहुंचा. उप विदेश मंत्री खालिद करीब काएम ने कहा, "ब्रिटेन के लड़ाकू विमानों ने सरीर तेल क्षेत्र पर हमला किया. इस हमले में कुएं के तीन गार्डों की मौत हो गई जबकि कई दूसरे कर्मचारी घायल हुए."

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने अभी इस खबर की पुष्टि नहीं की है.

लोगों को जाने दो

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि मिसराता शहर में लोगों तक जरूरत की चीजें नहीं पहुंच पाने के कारण हालात बहुत नाजुक हो गए हैं. मानवीय मामलों के अंडर सेक्रटरी जनरल वैलेरी आमोस ने बुधवार को कहा, "जमीनी हालत नाजुक हैं. ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है जिन्हें फौरन खाना, साफ पानी और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं की जरूरत है."

आमोस ने कहा कि अब लोगों का शहर से निकलना जिंदगी और मौत का सवाल बन गया है इसलिए अस्थायी तौर पर कार्रवाई रोक देनी चाहिए ताकि जो लोग जाना चाहते हैं वे अपने परिवारों के साथ जा सकें.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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