ओबामा से भी ताकतवर पुतिन
३० अक्टूबर २०१३2009 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर नेता नहीं चुना गया है. सीरिया के मुद्दे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस तरह अमेरिकी कूटनीति की हवा निकाली, उससे साफ हो गया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुतिन ज्यादा प्रभावी साबित हुए हैं.
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पूर्व जासूस एडवर्ड स्नोडन को शरण देने के रूस के फैसले से भी वॉशिंगटन कमजोर पड़ता दिखा. स्नोडन द्वारा लीक किए गए दस्तावेजों की वजह से ही इस वक्त अमेरिका दुनिया भर के देशों की निंदा झेल रहा है. स्नोडन ने ऐसे एनएसए की जासूसी से जुड़े ऐसे दस्तावेज जारी किये कि अमेरिका पर 34 देशों के शीर्ष नेताओं की जासूसी करने के आरोप लग रहे हैं.
ओबामा की स्थिति घरेलू हालात की वजह से भी कमजोर हुई. विपक्षी पार्टी के असहयोग की वजह से बीते दिनों अमेरिका में लगातार 16 दिन तक सरकारी दफ्तर बंद रहे.
फोर्ब्स ने लिखा है, "पुतिन ने रूस पर अपना नियंत्रण और मजबूत किया है, वहीं दूसरे राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान आने वाला बुरा समय ओबामा के सामने अनुमान से पहले ही आ गया है. ताजा उदाहरण है, शटडाउन संकट."
सीरिया में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने की रिपोर्टों के बाद ओबामा ने दमिश्क पर हमले की तैयारी कर दी थी, लेकिन मॉस्को ने ऐसा दबाव बनाया कि अमेरिका को पीछे हटना पड़ा. फोर्ब्स के मुताबिक, "सीरिया और एनएसए लीक के आधार पर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यक्तिगत प्रभाव का समीकरण इधर से उधर जा रहा है."
ताकतवर नेताओं की सूची में तीसरे स्थान पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रखा गया है. माना जा रहा है कि जिनपिंग के कार्यकाल में चीनी अर्थव्यवस्था अमेरिका को पीछे छोड़ देगी. कैथोलिक चर्च के शीर्ष नेता पोप फ्रांसिस चौथी सीढ़ी पर हैं. बीते साल दुनिया की दूसरी ताकतवर शख्सियत जर्मनी की चासंलर अंगेला मैर्केल नई सूची में पांचवें स्थान पर हैं. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन पिछले साल 19वें नंबर पर थे, इस साल उनकी ताकत और कमजोर पड़ी है और वो 28वें स्थान पर फिसल गए हैं.
ओएसजे/एएम (एएफपी)