1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ओलंपिक में वर्ल्ड चैंपियन स्पेन चित्त

२७ जुलाई २०१२

विश्वविजेता स्पेन को हरा कर जापान ने ओलंपिक में उमंग से भरा ऐसा आगाज किया है जिसकी हलचल जल्द न थमेगी. गुरुवार को एक गोल से मिली जापान की जीत को फुटबॉल के इतिहास का सबसे बड़े उलटफेर कहा जा रहा है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

मुकाबले में हाफ टाइम से पहले किए गए यूकी ओत्सू के गोल ने जापान की टीम को नॉकआउट राउंड में पहुंचने का रास्ता साफ कर दिया. उधर बेहद मजबूत मानी जाने वाली टीम ब्राजील बड़ी मुश्किल से मिस्र के साथ मुकाबले में 3-2 की जीत दर्ज कर अपनी नाक बचा सकी.

इस हार से पहले स्पेन ऐसी पहली विलक्षण टीम मानी जा रही थी जो एक ही वक्त में वर्ल्ड कप, यूरो कप और साथ ही ओलंपिक विजेता हो सकती है. हैम्पडन पार्क में ग्रुप डी के मुकाबले में स्पेन को हार का मुंह देखना पड़ा. स्पेन के मिडफिल्डर इनिगो मार्टिनेज को हाफ टाइम से पहले भी रेड कार्ड दिखा दिया गया और उन्हें बाहर भेजना पड़ा. इसके बाद 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही स्पेन की टीम यूकी ओत्सू के 34वें मिनट में किए गोल का जवाब नहीं दे सकी.

यह पूछने पर कि क्या यह ये जापान की सबसे बड़ी जीत है, टीम के कोच ताकाशी कीजुका ने कहा, "हम बेसब्री से मैच का इंतजार कर रहे हैं और असल मुद्दा यह होगा कि हम क्या दिखा पाते हैं. अब हमें मोरक्को और होंडुरास के खिलाफ जीत की तैयारी करनी है और आज की जीत ने हमें बेहद खुशी दी है."

1996 के अटलांटा ओलंपिक में जब जापान की टीम ने ब्राजील को शिकस्त दी थी तब इसे मियामी में चमत्कार नाम दिया गया. इसी तर्ज पर शुक्रवार की जीत को अखबारों ने ग्लासगो में चमत्कार कहा है. खेल अखबार निकॉन स्पोर्ट्स डेली ने पहले पेज पर बैनर हेडलाइन दी है, "हम जीत गए! हम सचमुच जीत गए!" जापान के अखबार और टीवी चैनल इस ऐतिहासिक जीत की खबरों से भरे पड़े हैं.

देर रात मुकाबले का रिजल्ट आने के बाद से ही टीवी के समाचार चैनलों पर और कुछ देख पाना मुमकिन नहीं हो रहा. जहां तहां प्रशंसकों को बस उत्साह से भरी तस्वीरें और ज्यादा से ज्यादा नाटकीय अंदाज में खबर परोसने की होड़ लगी है. माइनाची डेली ने हेडलाइन दिया, "ओत्सू ने अविजित आर्मदा को डूबोया" इसी तरतह स्पोर्ट्स निप्पन ने लिखा है, "दुनिया और मातृभूमि को हैरान करते हुए ओलंपिक के पहले मैच में ग्लासगो में चमत्कार हो गया."

जापान के लड़कों ने 1968 के मेक्सिको ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. 2000 के सिडनी ओलंपिक के बाद से वो कभी भी ग्रुप मुकाबलों से आगे नहीं बढ़ सके. वैसे जापान के खिलाड़ी इस जीत को कोई बड़ा चमत्कार नहीं मान रहे हैं. खेल खत्म होने के बाद ओत्सू ने कहा, "यह कोई चमत्कार नहीं है. यह कड़ी मेहनत और तैयारी का नतीजा है."

एनआर/एजेए (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें