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कंगाल मैनचेस्टर को एशिया से उम्मीद

१७ अगस्त २०११

दुनिया के सबसे मशहूर फुटबॉल क्लबों में से एक मैनचेस्टर यूनाइटेड के एशिया में खूब फैन हैं. क्लब इस लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश में है. वह सिंगापुर में अपने 30 फीसदी शेयरों को बाजार में उतार रहा है.

एशिया में मैनचेस्टर के दीवाने बहुततस्वीर: picture-alliance / dpa

क्लब को उम्मीद है कि इससे एक अरब डॉलर तक मिल सकेंगे. अखबार द स्ट्रेट टाइम्स ने खबर दी है कि हाल ही में क्लब के अधिकारियों ने सिंगापुर एक्सचेंज के अधिकारियों से मुलाकात की. कर्ज में दबे इस क्लब का मालिकाना हक अमेरिकी परिवार ग्लेजर्स के पास है. अखबार ने कहा है कि क्लब के अधिकारी निवेशकों की तलाश में अलग अलग बैंकरों से मिल रहे हैं. सरकारी निवेश एजेंसी तेमासेक होल्डिंग्स पर भी क्लब की नजर है.

जल्द आएगा आईपीओ

इस बारे में शेयर बाजार ने किसी तरह की टिप्पणी नहीं की है. लेकिन सूत्रों के हवाले से डाऊ जोंस न्यूजवायर ने खबर दी है कि साल की चौथी तिमाही में आईपीओ लाने की योजना बनाई जा रही है. क्रेडिट सूइसे ग्रुप को समझौते का अंतरराष्ट्रीय संयोजक बनाया गया है.

तस्वीर: picture alliance/abaca

अगर 30 फीसदी शेयरों के लिए क्लब एक अरब डॉलर जुटाने का अनुमान लगा रहा है तो इसका मतलब है कि क्लब ने अपनी कीमत 3 अरब डॉलर के आसापास मानी है. यह अन्य जानकारों की उम्मीद से कहीं ज्यादा है. 2011 में ही क्लब को फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया की सबसे कीमती टीम माना था. तब उसने टीम की कीमत 1.86 अरब डॉलर लगाई थी.

विश्लेषकों का कहना है कि आईपीओ को एशिया के पूंजी बाजारों को दुहने के मकसद से ही तैयार किया गया है. एक अनुमान के मुताबिक इस बाजार में टीम के 19 करोड़ फैन्स हैं. यानी दुनियाभर में उसके कुल 30 करोड़ फैन्स के आधे से ज्यादा यहीं हैं.

सिंगापुर के अखबार बिजनस टाइम्स ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया है कि मैनचेस्टर यूनाइटेड का आईपीओ ऐसे वक्त में आ रहा है जब नए नियमों के तहत यूरोपीय क्लबों को 2013/14 के सीजन से पहले अपना घाटा खत्म करना होगा. अगर क्लबों ने ऐसा नहीं किया तो उन्हें यूरोपीय प्रतियोगिताओँ से बाहर किया जा सकता है.

एशिया ही क्यों

लंदन के स्टॉक एक्सचेंज में मैनचेस्टर यूनाइटेड पीएलसी के नाम से दाखिल हो चुके क्लब ने पहले हॉन्ग कॉन्ग में सूचीबद्ध होने की योजना बनाई थी. लेकिन अब डाऊ जोंस के सूत्रों के मुताबिक उसने योजना बदलकर सिंगापुर को चुना है. हालांकि क्लब को 2005 में ही लंदन स्टॉक एक्सचेंज से हटा दिया गया था. ऐसा अमेरिकी उद्योगपति मैलकम ग्लेजर के क्लब खरीदने के बाद हुआ. सिंगापुर के बिजनस टाइम्स का कहना है कि क्लब फिलहाल 1.18 अरब डॉलर के घाटे में है. सिंगापुर के स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना उसके भरोसे को बढ़ा सकता है.

तस्वीर: dapd

अर्थशास्त्री सोंग सेंग वुन कहते हैं कि यूनाइटेड का एशियाई शेयर बाजार को चुनना हैरत की बात नहीं है. वह कहते हैं, "उसके आधे से ज्यादा प्रशंसक एशिया में हैं. चीन से लेकर कोरिया और पूरे दक्षिणपूर्व एशिया में."

वुन का मानना है कि क्लब के आईपीओ का स्वागत होगा. वह कहते हैं, "मैनचेस्टर का हर फैन वहां होगा. क्लब के ऐसे बहुत सारे फैन हैं जो शेयर खरीद सकते हैं. हालांकि नौजवान फैन भी बड़ी तादाद में हैं जिन्हें शेयर खरीदने के लिए अपने माता पिता की मदद लेनी होगी."

एशिया के कई धनकुबेर मैनेचेस्टर यूनाइटेड के प्रशंसकों में हैं. सिंगापुर के अरबपति पीटर लिम खुद को क्लब का बड़ा फैन बताते हैं. क्लब उन जैसे लोगों से बड़ी उम्मीद लगा रहा होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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