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क्या है नई ग्लोबल कॉरपोरेट टैक्स व्यवस्था

७ जून २०२१

दुनिया के सबसे अमीर देशों के वित्त मंत्रियों ने फेसबुक और अमेजॉन जैसी विशालकाय टेक कंपनियों पर कम से कम 15 फीसदी का कॉरपोरेट टैक्स लगाने का ऐतिहासिक फैसला किया है.

Symbolbild GAFA
तस्वीर: Hans Lucas/imago images

जी-7 के देशों ने शनिवार को इस ऐतिहासिक फैसले पर सहमति जता ही दी, जिसे लेकर सालों से चर्चा चल रही थी. इस कदम का मकसद बहुराष्ट्रीय कंपनियों, खासकर विशालकाय टेक कंपनियों से ज्यादा धन वसूलना है.

लंदन में बैठक के बाद ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सूनक ने कहा, "मैं बहुत खुशी के साथ इस बात का ऐलान कर रहा हूं कि कई साल के विचार विमर्श के बाद आज जी-7 के वित्त मंत्री एक ऐतिहासिक फैसले पर पहुंच गए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कर व्यवस्था में सुधार करेगा. यह पेचीदा मसला है और आज पहला कदम उठाया गया है.”

समझौते का स्वागत

जर्मनी के वित्त मंत्री ओलाफ शोल्त्स ने इस समझौते का ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा, "कर-न्याय के लिए यह बहुत अच्छी खबर है और दुनियाभर की कर-पनाहों के लिए यह बुरी खबर है. अब सबसे कम टैक्स लेने वाले देशों में अपना मुनाफा ले जाकर कंपनियां कर देने की जिम्मेदारी से बच नहीं पाएंगी.”

फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ला मेअर ने कहा कि यह समझौता एक शुरुआत है. उन्होंने कहा, "यह शुरुआती कदम है और आने वाले महीनों में हम यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करेंगे कि न्यूनतम कॉरपोरेट टैक्स जितना अधिक हो सके, किया जाए.”

 

अमेरिकी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने इस कदम को वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाला बताया. उन्होंने कहा कि बराबरी के नियम बनने से सभी देश सकारात्मक आधारों पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे.

जी-7 में अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा शामिल हैं. इटली अगले महीने वेनिस में होने वाली एक बैठक में इस प्रस्ताव को जी-20 देशों के सामने रखेगा.

क्या है वैश्विक न्यूननतम कॉरपोरेट टैक्स

मौजूदा वैश्विक कर व्यवस्था 1920 के दशक में बनाई गई थी. इसे बदलने पर बातचीत आठ साल से चल रही थी. हालांकि अमेरिका में नई सरकार बनने के बाद इस साल इस बातचीत की रफ्तार बढ़ी थी और अमेरिका ने ही 15 फीसदी टैक्स का यह प्रस्ताव पेश किया था. इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों से एक निश्चित न्यूननतम टैक्स लेने और उसके लिए विशेष नियम बनाने की बात है. ये नियम सुनिश्चित करेंगे कि कंपनियां कितना टैक्स देंगी और किस देश में देंगी. यह टैक्स दुनिया की 100 सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर लगाया जाएगा. इसका अर्थ होगा कि कंपनियों को एक न्यूनतम टैक्स तो देना ही होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसकी दर 15 फीसदी रखने का सुझाव दिया है. यानी यदि कोई कंपनी किसी देश में 15 फीसदी से कम टैक्स दे रही है, तो बाकी का टैक्स उसे टॉप-अप के तौर पर देना होगा.

यह व्यवस्था कर-पनाह कही जाने वाली उस व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश है, जिसके तहत कंपनियां अपना मुनाफा सबसे कम टैक्स लेने वाले देशों में दिखाकर अधिक कर देने से बच जाती हैं. कर-पनाह उन देशों को कहा जाता है, जो कम टैक्स का लालच देकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने यहां कारोबार करने के लिए आमंत्रित करते हैं.

 

नई कर व्यवस्था की आलोचना

टैक्स जस्टिस नेटवर्क के प्रमुख आलेक्स कोबाम ने इस फैसले को ऐतिहासिक तो कहा, लेकिन इसे बहुत अन्यायपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना भी की है. डॉयचे वेले को दिए एक इंटरव्यू में अर्थशास्त्री कोबाम ने कहा कि टैक्स कम से कम 25 प्रतिशत होना चाहिए था. उन्होंने कहा, "जी-7 ने जो इतनी कम दर रखी है, तो इसका अर्थ है कि जितना फायदा हो सकता था, उससे बहुत कम होगा. यह दिखाता है कि ओईसीडी और जी-7 देश किस तरह इस मकसद के खिलाफ हैं क्योंकि अमीर देश ही बाकियों के लिए नियम बनाते हैं. हमें इसे संयुक्त राष्ट्र में ले जाना होगा और ऐसा समझौता करना होगा जो सबके लिए फायदेमंद हो ना कि सिर्फ जी-7 के लिए.”

कंपनियों की प्रतिक्रिया

फेसबुक ने जी-7 की पहल का स्वागत किया है. हालांकि इस समझौते का असर फेसबुक के मुनाफे पर हो सकता है, लेकिन कंपनी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उपाध्यक्ष निक क्लेग ने कहा, "हम इस महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करते हैं. इसका अर्थ होगा कि फेसबुक को अलग-अलग जगहों पर ज्यादा टैक्स देना होगा.”

अमेजॉन ने भी इस कदम का स्वागत किया है. ऑनलाइन रीटेल कंपनी अमेजॉन के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि जी-20 देशों और इन्क्लूसिव फ्रेमवर्क अलायंस के साथ विमर्श जारी रहेगा.” दुनिया की सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली कंपनियों में शामिल गूगल ने उम्मीद जताई है कि जल्द से जल्द एक संतुलित समझौता होगा. एक प्रवक्ता ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि विभिन्न देश एक संतुलित और लंबे समय तक चलने वाले अंतिम समझौते पर जल्द से जल्द पहुंच जाएंगे.”

वीके/एए (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)

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