हर साल लाखों महिलाएं कंबोडिया से चीन शादी करने के लिये भेजी जाती है. कई अपनी पसंद से जाती हैं और बाकी को बेच दिया जाता है. कंबोडिया की महिलाओं ने गरीबी से बचने के लिये शादी का रास्ता अपनाया है.
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नैरी की शादी एक चीनी आदमी से हुई थी, उससे सभी को फायदा हुआ सिवाए नैरी के, जो छह साल बाद अपने देश कंबोडिया लौटी है. नैरी का एक बेटा भी है जिसे फिर से देखने की उम्मीद नैरी में बहुत कम है. जब नैरी सत्रह साल की थी तब उसके भाई ने उसे चीन भागने और वहां शादी करने के लिए फुसलाया.
इसके बाद उसका भाई दो लाख रुपये लेकर भाग गया, बाकी के पांच लाख रुपये जो नैरी के चीनी पति ने दिये थे वो दलालों ने ले लिए. नैरी की शादी घर से हजारों मील दूर एक ऐसे आदमी से हुई थी जिसकी वो भाषा भी नहीं समझती थी. नैरी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "वो मेरे लिये कोई खास दिन नहीं था." नैरी कंबोडिया, वियतनाम, लाओस और म्यांमार की उन हजारों युवतियों में से है, जो हर साल चीनी पुरुषों से शादी करने जाती हैं.
देखिए कहां किस उम्र में शादी कर सकते हैं
कहां किस उम्र में कर सकते हैं शादी
दुनिया के हर देश में शादी को लेकर अपने अलग नियम कानून हैं. भारत में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 21 और महिलाओं के लिए 18 तय की गई है लेकिन दुनिया के अन्य देशों में यह अलग है. एक नजर.
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चीन
शादी की न्यूनतम उम्र चीन में पुरूषों के लिए 22 साल और महिलाओं के लिए 20 साल तय की गई है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
पाकिस्तान
न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 16 साल है. लेकिन तमाम कानूनों के बावजूद बाल विवाह एक बड़ी समस्या है.
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बांग्लादेश
यहां कानूनन शादी की न्यूनतम उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरूषों के लिए 21 साल है, लेकिन बाल विवाह इस देश की बड़ी समस्या है.
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अफगानिस्तान
यहां शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम उम्र 16 साल और पुरूषों की न्यूनतम आयु 18 साल तय की गई है.
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भूटान
भारत के पड़ोसी देश में लड़के और लड़कियों दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है.
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म्यांमार
यहां भी कानून मुताबिक शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. लेकिन यहां बाल विवाह बहुत होते हैं.
तस्वीर: Reuters/Soe Zeya Tun
इंडोनेशिया
इस देश में महिलाओं के लिए न्यूनतम उम्र 16 साल है और लड़कों के लिए 19 साल. लेकिन लड़कियों की यहां जल्द शादी कर दी जाती है.
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मलेशिया
मलेशिया में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 16 साल तय की गई है. शरिया कोर्ट की इजाजत से लड़कियों की शादी जल्द भी की जा सकती है.
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उत्तर कोरिया
अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया में शादी की न्यूनतम उम्र पुरूषों के लिए 18 साल और महिलाओं के लिए 17 साल तय की गई है.
तस्वीर: Reuters/KCNA
ईरान
इस्लामी गणतंत्र में महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 13 साल है. लेकिन अदालत और लड़की के पिता की अनुमति होती है तो नौ साल में भी लड़कियों की शादी कर दी जाती है.
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इराक
कानूनन देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. लेकिन अगर मां-बाप की इजाजत हो तो शादी 15 साल की उम्र में भी हो सकती है.
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इस्राएल
इस देश में शादी की न्यूनतम आयु 18 साल रखी गई है लेकिन इसमें कुछ रियायतें भी हैं.
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जापान
यहां पुरूषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल और लड़कियों के लिए 16 साल तय की गई है.
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ऑस्ट्रेलिया
यहां पुरूष और महिलाओं दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल निर्धारित की गई है.
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ऑस्ट्रिया
इस यूरोपीय देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है.
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बोलिविया
यहां शादी की न्यूनतम उम्र महिलाओं के लिए 14 साल और लड़कों के लिए 16 साल है.
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ब्राजील
इस देश में यूं तो शादी की उम्र कानूनन 18 साल है लेकिन यूनिसेफ के आंकड़े जल्दी शादी को बड़ी समस्या बताते हैं.
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कनाडा
उत्तरी अमेरिका के इस देश में शादी की न्यूनतम उम्र 16 साल रखी गई है.
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क्यूबा
अमेरिका के करीब स्थित इस समाजवादी देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल रखी गई है.
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फ्रांस
यहां कानूनन शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. लेकिन यहां बसे एशियाई और अफ्रीकी समुदाय के बीच बाल विवाह प्रचलित है.
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जर्मनी
जर्मनी में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. जबरन विवाह कराना यहां एक कानूनी अपराध है जिसके लिए पांच साल की सजा है.
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ग्रीस
शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है. आधिकारिक आंकड़ों मुताबिक बाल विवाह यहां बसे रोमानियाई मूल के लोगों के बीच प्रचलित है.
शीत युद्ध की समाप्ति से पहले समाजवादी रहे इस देश में शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है.
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स्पेन
स्पेन सरकार ने साल 2015 में शादी की न्यूनतम उम्र को 14 साल से बढ़ाकर 16 साल किया है.
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एस्टोनिया
यूरोप में शादी की न्यूनतम उम्र इस देश में सबसे कम है. अभिभावकों की अनुमति से यहां किशोर 15 साल की उम्र में शादी कर सकते हैं.
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बीजिंग में तीन दशक लंबी चली एक बच्चा नीति की वजह से लड़कियों की कमी हो गई है. हालांकि नीति को समाप्त कर दिया गया है मगर अभी भी लगभग 3.3 करोड़ महिलाओं की कमी हैं जिससे पुरुषों का जीवन भी रुक गया है. मेकॉन्ग क्षेत्र की कई लड़कियां गरीबी, कम शिक्षा और समाज के दवाब के कारण शादी करने का जुआ खेलती है. कुछ लड़कियां काम करने के लिए निकलती हैं मगर उनकी भी जबरदस्ती शादी करा दी जाती है. अपहरण और तस्करी के मामले में सामने आते हैं. कई बार महिलायों को चीनी आप्रवासन के तहत हिरासत में ले लिया जाता है या देह व्यापार की दुनिया में धकेल दिया जाता है.
नैरी ने अपने भाई के कहने पर एक शादी कराने वाले दलाल से बात की थी. नैरी ने बताया, "मैंने उसका भरोसा किया था, मेरा परिवार गरीब है और मैंने सोचा था की मैं चीनी आदमी से शादी करके अपने परिवार की मदद करूंगी. मैं इसी लिए गई थी." नैरी को जो पैसा दहेज में मिला था वह उसका भाई लेकर फरार हो गया.
चीन में शादी करने के लिए सात से ग्यारह लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. जिसमें से दलाल कुछ पैसा दुल्हन लाने के लिए अपने विदेशी सहयोगी को देते हैं. दहेज के नाम पर लड़की के परिवार को दो लाख रुपये तक दिए जाते हैं, इसी में से लड़की को भी कुछ पैसे मिलते हैं.
कंबोडिया के काउंटर ट्रैफिकिंग के राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष चौउ बुन इंग कहते हैं, "अब परिवार अपनी लड़कियों से उम्मीद कर रहे हैं कि वो कैसे उनके लिये पैसे कमा सकती हैं. शादी का कारोबार बहुत बड़ा है, अगर सरकारी आंकड़े माने तो चीन के दो दक्षिणी प्रांतों में ही 10 हजार कंबोडियाई महिलाओं ने शादी करने के लिए पंजीकरण कराया है.
पत्नी पाने के लिए जापानी कुंवारे करते हैं ऐसे जतन
शादी करना तो हर किसी के लिए बड़ा फैसला होता है, लेकिन कहीं कहीं तो ये बहुत मुश्किल भी होता है. जापान के अविवाहित लड़के शादी के लायक बनने के लिए सीखते हैं कुछ खास कौशल भी. जानिए इस अनोखी परंपरा 'इकुमेन' के बारे में.
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शादी की संभावना बढ़े
इसके लिए जापान में युवा अविवाहित लड़के व्यक्तित्व के बाकी गुणों के अलावा कुछ खास गुण भी विकसित कर रहे हैं. इसे 'इकुमेन' कहा जाता है और इसके बाकायदा कोर्स कराए जाते हैं.
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बच्चे पालने की कला
ऐसे युवाओं की शादी की संभावना बढ़ जाती है जिन्हें बच्चे पालने का सलीका आाता हो. जापान में केवल पुरुषों के लिए चलने वाले 'इकुमेन' कोर्स में शिक्षक उन्हें बच्चों को नहलाने, कपड़े बदलने से लेकर महिलाओं की मनोस्थिति और उनका नजरिया समझने की ट्रेनिंग भी देते हैं.
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गर्भ का बोझ
जापान के ओसाका स्थित "इकुमेन यूनिवर्सिटी" नाम की कंपनी ने इसकी शुरुआत की है. कोर्स करने वाले पुरुषों को शरीर पर करीब सात किलो भारी प्रेगनेंसी जैकेट बांध कर अभ्यास कराया गया जिससे उन्हें उस बोझ का अंदाजा लगे जो गर्भवती महिलाएं ढोती हैं.
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महिलाओं की पसंद
शारीरिक बोझ के अलावा होने वाली मानसिक परेशानियों से जूझने के गुर भी सिखाए जाते हैं. जैसे कि संभावित पार्टनर से अच्छा संवाद स्थापित करना और उनकी पसंद नापसंद को समझने का तरीका इत्यादि.
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सर्टिफाइड दूल्हा
पुरुषों से उन गुणों की एक लंबी सूची भरवाई जाती है जिन्हें आम तौर पर महिलाएं नापसंद करती हैं और उन्हें दूर कर पुरुषों को एक तरह का सर्टिफिकेट मिल जाता है कि वे शादी के लिए एक सुयोग्य उम्मीदवार हैं.
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बाजार में मांग
शादी के विज्ञापन देने वाले अखबार, पत्रिकाओं या वेबसाइटों पर लड़कों के परिचय में इस सर्टिफिकेशन का जिक्र करने से उन्हें बाकियों के मुकाबले ज्यादा अहमियत मिलती है. यह दिखाता है कि ना केवल वे शादी और परिवार को संभालने के लायक हैं बल्कि बच्चे संभालने में भी चैंपियन हैं.
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जापान में ही क्यों
हाल में आया एक सर्वेक्षण दिखाता है कि जापान में विवाह योग्य आयु वाले यानी 18 से 34 की उम्र के करीब 70 फीसदी पुरुष और 60 फीसदी महिलाएं अविवाहित हैं. जापान में बुजुर्ग लोगों की तादाद युवाओं और बच्चों के मुकाबले बहुत अधिक है. देश को अगली पीढ़ी की सख्त जरूरत है.
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दुल्हनों को चीन पहुंचाने के बाद एक जगह पर रखा जाता है और उनकी तस्वीरों को वीचैट और दूसरी डेटिंग वेबसाइटों पर दिखाया जाता है. शादी के इच्छुक चीनी पुरुष इन्हीं वेबसाइटों के जरिए अपने लिए युवती चुनते हैं. लड़की जितनी सुंदर और जवान होगी, उसके लिए उतनी ही ज्यादा कीमत चुकाई जाती है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अगर किसी भी महिला के लिए पैसा दिया जाये, उसे खरीदा बेचा या सीमा पार भेजा जाए और यह सब अगर उस महिला की सहमति से भी हो तो भी उस महिला को तस्करी का शिकार माना जाता है. कंबोडिया में तस्करी करते पकड़े जाने पर पंद्रह साल की जेल हो सकती है और अगर लड़की नाबालिग हैं तो और कैद की सजा और भी लंबी हो सकती है. मगर ऐसा बहुत कम होता है कि कोई दलाल पकड़ा जाए.
रिपोर्टों के मुताबिक दलाल लड़कियों को चुप रहने के लिए चार लाख रुपये तक देते है. चीन में भी तस्करी के खिलाफ कानून हैं, लेकिन उसको लागू करना मुश्किल है क्योंकि चीन में पारिवारिक मामलों को ज्यादा महत्व दिया जाता है.
व्यवस्था को सुधारने के लिए कंबोडिया में शादी करने वाले विदेशी पुरुषों से कहा जाता है कि कंबोडिया के स्थानीय कानून के तहत शादी करें, सहमति और आयु प्रमाण पत्र दें. लेकिन गरीबी में घिरे परिवार तस्करों और दलालों के झांसे में आ ही जाते हैं.