बीयर के शौकीनों के लिए बुरी खबर है. हो सकता है कि आने वाले वक्त में आपको बीयर की दोगुनी कीमत चुकानी पड़े. दरअसल जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की पैदावार पर असर पड़ा है और नतीजा है कि बीयर का उत्पादन भी चपेट में आया है.
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जलवायु परिवर्तन ने न सिर्फ समुद्र के जलस्तर या जंगलों में आग को बढ़ाया है, बल्कि पूरी दुनिया में बीयर के उत्पादन पर भी बुरा असर डाला है. उत्पादन कम होने से कीमतों में उछाल देखा जा सकता है. जलवायु परिवर्तन के कारण कई इलाके सूखे की चपेट में आ गए हैं, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में जौ की पैदावार कम हुई है. बीयर को बनाने में जौ का इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है और इसकी कमी का बीयर के उत्पादन और कीमत पर असर पड़ेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया के साझा अध्ययन में पता चला है कि कम पैदावार की वजह से बीयर की कीमतों में उछाल देखा गया है और नतीजन बीयर की खपत कम हुई है. ब्रिटेन, चीन, मेक्सिको और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन की पहचान की और कुल 34 क्षेत्रों में जौ की फसल पर अध्ययन किया. इसके बाद इन्होंने जौ की आपूर्ति में आई कमी और बीयर की कीमतों की पड़ताल की.
बीयर की कीमत हो सकती है दोगुनी
अध्ययन से जुड़े कोऑर्डिनेटर और लेखक डाबो गुआन ने डॉयचे वेले से कहा, "ऐसा पहली बार किया गया है." गुआन यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में जलवायु परिवर्तन के प्रोफेसर हैं. वह चाहते थे कि पश्चिमी देशों के लोग जानें कि जलवायु परिवर्तन का उनकी जिंदगी पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ता है. वह कहते हैं, "भले ही जलवायु परिवर्तन से पश्चिमी देशों को विकासशील देशों की तरह खाने की कमी का सामना न करना पड़े लेकिन यह उनके जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर डालेगा."
अध्ययन के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों के उत्पादन में करीब 3 से 17 फीसदी तक का नुकसान हुआ है. मौसम के सबसे बुरे प्रभाव के दौरान पूरी दुनिया में बीयर की खपत में 16 फीसदी तक की कमी आ जाएगी. यह 29 अरब लीटर के बराबर है और लगभग इतनी ही बीयर अमेरिका में सालाना पी जाती है. अध्ययन बताता है कि बीयर की खपत चार फीसदी तक घट सकती है और कीमतों में 15 फीसदी का उछाल देखा जा सकता है. जिन देशों में प्रति व्यक्ति बीयर की खपत सबसे अधिक है, वहां भी कुल बीयर की खपत पर असर पड़ेगा.
इन देशों पर पड़ेगा असर
1.3 अरब की आबादी वाले चीन में बीयर की खपत सबसे ज्यादा होती है. मौसम में हो रहे बदलावों की वजह से वहां बीयर की खपत में कुल 4.34 अरब लीटर की कमी आ सकती है. यह मौजूदा खपत का लगभग 10 फीसदी है. गर्म हवाओं के थपेड़ों और सूखे से जूझ रहे अमेरिका में बीयर की खपत 20 फीसदी तक घट सकती है.
बीयर के लिए मशहूर जर्मनी में भी जलवायु परिवर्तन का असर दिखेगा और यहां करीब 30 फीसदी बीयर की खपत कम हो सकती है. ऐसा हुआ तो यकीनन अक्टूबर फेस्ट कुछ अलग दिखाई देगा. प्रोफेसर गुआन कहते हैं, ''पूर्वी यूरोप में एस्टोनिया, पोलैंड और चेक गणराज्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. यहां बीयर की कीमतों में छह से सात फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. यानी जो बीयर 70 सेंट की मिलती थी, वही अब तीन यूरो की मिलेगी.''
जलवायु परिवर्तन का असर न सिर्फ बीयर, बल्कि वाइन, चाय, कॉफी और चॉकलेट पर भी दिखाई देगा. प्रोफेसर गुआन कहते हैं, ''जलवायु परिवर्तन का प्रभाव आपको मारेगा नहीं, लेकिन जीवनशैली और गुणवत्ता पर असर डालेगा. और शायद इससे लोग जागरूक हों और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कुछ करने को तैयार हो जाएं.''
आने सोफी ब्रैंडलिन/वीसी
ये हैं दुनिया की 10 सबसे कड़क बियर
जर्मनी के म्यूनिख में दुनिया कि एक से एक स्ट्रॉन्ग बियर को पेश की जाती है. डालते हैं एक नजर दुनिया की दस स्ट्रॉन्ग बियर पर..
तस्वीर: Brewmeister
सैमुअल एडम्स यूटोपियास- 28% एल्कोहल
तांबे की केतली की तरह दिखने वाली इस सेरेमिक बॉटल में शेरी, ब्रांडी, कोनिएक, व्हिस्की और स्कॉच मिलती है. यह बियर 22 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों के तैयार की जाती है. बोस्टन की बियर कंपनी सैमुअल एडम्स हर दो साल में अपनी इस कड़क बियर की खेप बाजार में उतारती है. 200 डॉलर की रिटेल कीमत के साथ यह अमेरिका की सबसे महंगी बियर है.
तस्वीर: Samuel Adams
ब्रयूडॉग टैक्टिकल न्यूक्लियर पैंगुइन- 32%
स्टॉकलैंड में बनने वाली शराब ब्रयूडॉग पिछले कई सालों से रिकॉर्ड बनाती आ रही है. साल 2009 में लॉन्च की गई यह बियर दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बियर मानी जाती थी. इसे बनाने वाले मानते हैं कि इसका आनंद व्हिस्की की तरह छोटे घूंटों में लिया जा सकता है.
तस्वीर: BrewDog
स्ट्रयूज ब्लैक डेमनेशन VI-मैसी- 39%
द स्ट्रयूज ब्राउवर्स बेल्जियम में तैयार की जाती है. इनकी सीरीज में VI - मैसी 39 फीसदी एबीव्ही (एल्कोहल बाय वॉल्यूम) के साथ सबसे कड़क मानी जाती है. हालांकि इसे कमर्शियल रूप में बाजार में कभी नहीं उतारा गया. फेस्टिवल में इसका स्वाद चखने वाले लोग इसे असली बियर जैसा ही मानते हैं.
तस्वीर: De Struise Brouwers
स्रोशब्रराऊ स्रोशबोक 40- 40%
जर्मनी में तैयार होने वाली स्रोशब्रराऊ दुनिया की सबसे कड़क बियर बनने की टक्कर में ब्रयूडॉग को सीधी टक्कर देती है. कंपनी पहले ही स्रोशबोक 31 फीसदी को लेकर अपनी इच्थाएं साफ कर चुकी है. इसका 40 फीसदी वाले वर्जन ने साल 2009 में ब्रयूडॉग पैंगुइन को पीछे छोड़ दिया था.
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ब्रयूडॉग सिंक द बिस्मार्क- 41%
अपने जर्मन प्रतिस्पर्धी पर सीधा निशाना साधते हुए कंपनी ने साल 2010 में पहले के मुकाबले और अधिक कड़क बियर उतारी. इसका नाम जर्मनी के पूर्व शासक के नाम पर रखा. कंपनी ने इसे चौगुने असर वाला बताया. इसकी 1 बोतल की कीमत 100 यूरो है जो आम बियर के मुकाबले 40 गुना अधिक है.
तस्वीर: BrewDog
ब्रयूडॉग द ऐंड ऑफ हिस्ट्री- 55%
ब्रयूडॉग ने 55% ब्लॉन्ड बेल्जियम एले के साथ दुनिया की सबसे मजबूत बियर की लड़ाई को खत्म करने की तैयारी की. ब्रयूडॉग ने अपनी इस पेशकश में एक विवादास्पद विजुअल भी लगाया. साल 2010 में इसकी महज 12 बोतलें तैयार की गईं. हालांकि 2016 में इसकी कुछ बोतलें निकाली जिसे कंपनी में निवेश करने वालों को दिया गया.
तस्वीर: BrewDog
स्रोशब्रराऊ स्रोशबोक 57- 57%
साल 2010 में आई स्रोशब्रराऊ 43 फीसदी को अपडेट करते हुये कंपनी ने साल 2011 मे स्रोशब्रराऊ 57 को बाजार में उतारा. इसकी जर्मन प्रतिस्पर्धी ने दावा किया कि जर्मनी में शराब बनाने के कानूनों की अनदेखी किये बिना एबीव्ही के इस स्तर पर आना संभव नहीं है. 200 यूरो की कीमत वाली इस बियर कि शुरुआत में महज 36 बोतल ही तैयार की गईं थी.
तस्वीर: Schorschbräu
द कोयेलचिप स्टार्ट द फ्यूचर- 60%
डच शराब कंपनी कोयेलचिप भी कुछ अल्ट्रा स्ट्रॉन्ग बियर बनाती है. कोयेलचिप का शाब्दिक अर्थ होता है "द रेफ्रिजिरेटिड शिप". कंपनी ने 60 फीसदी एबीव्ही मात्रा वाली बियर को नाम दिया स्टार्ट द फ्यूचर. इसका भी सीमित उत्पादन किया गया और काफी किफायती कीमत में इसे बाजार में उतारा गया.
तस्वीर: Koelschip
ब्रूमेइस्टर आर्मेगाडन- 65%
स्काटलैंड की शराब कंपनी ब्रूमेइस्टर ने साल 2020 में आर्मेगाडन नाम की एक बियर लाइन जारी कर दुनिया की सबसे मजबूत बियर पेश करने का दावा किया. हालांकि लैब टेस्ट से पता चला कि इस उत्पाद में इथेनॉल मतलब शुद्ध शराब का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद इसे ब्रूमेस्टर की लाइनअप से हटा दिया गया.
तस्वीर: Brewmeister
ब्रूमेइस्टर स्नैक वेनम- 67.5%
साल 2013 में ब्रूमेइस्टर ने सबसे स्ट्रांग बियर आर्मेगाडन को हटाकर स्नैक वेनम बाजार में उतारी. इसकी एक बोतल, किसी स्ट्रॉन्ग शराब के 15 शॉट के बराबर है. कंपनी ने अपनी बोतलों में यह भी हिदायत लिखी है कि एक बार में 35 मिलीलीटर से अधिक मात्रा का सेवन न करें. रिपोर्ट- ऐलिजाबेथ ग्रेनियर