ब्रिटेन के नक्शे कदम पर चलते हुए जर्मनी ने चार रूसी राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया है. कई दूसरे देशों ने भी रूस के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं.
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जर्मन अखबार ज्युडडॉयचे त्साइटुंग की इस खबर की विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर पुष्टि की. रूसी जासूस को जहर देने के मामले में जर्मनी के अलावा अमेरिका ने भी 60 रूसी अधिकारियों को निष्कासन का आदेश दिया है. इसमें करीब दर्जन भर अधिकारी संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं.
इसी कार्रवाई के तहत अमेरिका के सिएटल में रूसी कान्सुलेट को बंद कर दिया गया है. जर्मनी के अलावा पोलैंड समेत लिथुएनिया जैसे अन्य यूरोपीय देशों ने भी रूसी राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई की है. जर्मनी और पोलैंड ने रूसी राजनयिकों के निष्कासन की बात कही है. वहीं लिथुएनिया और फ्रांस ने रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. जर्मन विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा, "यह कदम जासूसी मामले में यूरोपीय देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया है."
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक रूस भी यूरोपीय देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा. अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों ने रूसी जासूस पर हुए हमले के लिए रूस का हाथ होने का शक जताया है. हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मामले में रूस के शामिल की बात से साफ इनकार करते आए हैं.
66 वर्षीय पूर्व रूसी जासूस सर्गेइ स्क्रिपाल और इनकी 33 वर्षीय बेटी यूलिया को इंग्लैंड के सालिसबरी शहर में जहर देकर निशाना बनाया गया था. ब्रिटेन ने रूस से इस हमले की साजिश में शामिल होने को लेकर निशाना साधा था और रूस के 23 राजनयिकों को ब्रिटेन से निष्कासित कर दिया था. इस मामले में अमेरिका समेत यूरोपीय देश ब्रिटेन के साथ खड़े हैं.
रूस के विरोधियों का हुआ यह हश्र
रूस की सरकार पर अकसर अपने विरोधियों को साफ करने के आरोप लगते रहे हैं. इस तरह की घटनाओं में कई बार घातक जहर का इस्तेमाल किया गया है. एक नजर कुछ ऐसे ही मामलों पर.
तस्वीर: Reuters/J. Roberts
अज्ञात पदार्थ
सबसे ताजा मामला रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी का है. ब्रिटिश पुलिस का कहना है कि उन पर एक दुर्लभ पदार्थ से हमला किया गया जिसके बाद उनकी हालत काफी वक्त तक गंभीर बनी रही. ब्रिटेन में रूसी दूतावास ने स्क्रिपाल और उनकी बेटी को जहर दिए जाने के बारे में ब्रिटिश मीडिया की खबरों पर चिंता जताई है. रूस का कहना है कि वह इस मामले की जांच में हर तरह के सहयोग को तैयार है.
जहरीला छाता
शीत युद्ध के दौर में एक बुल्गारियाई विद्रोही को जहरीली नोक वाले एक छाते से मारा गया था. मारकोव एक लेखक और पत्रकार थे. उस समय के कम्युनिस्ट नेतृत्व के कटु आलोचक मारकोव ने 11 सितंबर 1978 को दम तोड़ा. विद्रोहियों का कहना है कि उनकी हत्या के पीछे सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी का हाथ था.
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पोलोनियम-210
केजीबी के पू्र्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको ने लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी पी, जिसमें जहरीला पदार्थ पोलोनियम-210 मिला था. आरोप लगते हैं कि यह हत्या खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कहने पर हुई थी, हालांकि रूसी सरकार ने इससे हमेशा इनकार किया. पुतिन के कटु आलोचक लितविनेंको लंदन में रह रहे थे.
तस्वीर: Reuters/V. Djachkov
अचानक मौत
नवंबर 2012 में लंदन के एक होटल के बाद अपने एक आलीशान घर में 44 वर्षीय रूसी नागरिक एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी मृत पाए गए. उन्होंने रूसी मनी लॉन्ड्रिंग की छानबीन करने वाली एक स्विस जांच में मदद की थी जिसके बाद उन्हें रूस से भागना पड़ा. उनकी अचानक मौत के बाद भी हत्या होने का संदेह गहराया. लेकिन रूस ने भी इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया.
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अब तक बाकी निशान
यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर युशचेंकों के चेहरे पर 2004 में उस समय जहरीला पदार्थ फेंका गया जब वह राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक रैली में थे. पश्चिम समर्थक युशचेंको तत्कालीन प्रधानमंत्री और रूस समर्थक विक्टर यानुकोविच के खिलाफ मैदान में थे. दर्जनों बार सर्जरी के बावजूद युशचेंकों के चेहरे और शरीर से अब तक निशान नहीं गए हैं. रूस ने इसमें भी अपना हाथ होने से इनकार किया.
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कई बार हमले की कोशिश
रूस के विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा-मुर्जा का मानना है कि उन्हें 2015 से 2017 के बीच कई बार जहर देने की कोशिश हुई. बाद में जर्मनी प्रयोगशाला के टेस्ट में उनके शरीर में तीव्र स्तर का पारा, तांबा, मैगनीज और जिंक के अवशेष मिले. रूस ने इस मामले से भी पल्ला झाड़ लिया.
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में कहा था कि ब्रिटेन को इस मामले में रूस के साथ चर्चा छेड़ने से पहले स्वयं इसकी तह में जाना चाहिए. रूस ने ब्रिटेन से कहा था कि वह रूसी साजिश के सबूत दे या माफी मांगे. लेकिन ब्रिटेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि जहर कांड के पीछे रूस का हाथ है.