प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को कट्टरपंथियों के दबाव के आगे झुकना पड़ा है और अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय से चुने गए आर्थिक सलाहकार की नियुक्ति वापस ले ली गई है.
विज्ञापन
आतिफ मियां एमआईटी में पढ़े पाकिस्तानी अमेरिकी प्रोफेसर हैं जो फिलहाल प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें आर्थिक सलाहकार परिषद में जगह दी थी. आतिफ मियां पाकिस्तान में लंबे समय से शोषित और पीड़ित रहे अहमदिया समुदाय से आते हैं. उनकी नियुक्ति की खबर आते ही मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और इस्लामिक गुटों ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम मानते हैं लेकिन उनकी आस्था को इस्लाम की मुख्यधारा के ज्यादातर विचारकों ने ईशनिंदक माना है. पाकिस्तान के संविधान में उन्हें गैरमुस्लिम करार दिया गया है.
सरकारी अधिकारियों ने पहले इस फैसले का बचाव किया था लेकिन धार्मिक गुटों के बढ़ते दबाव के आगे उन्होंने अपना रुख पलट दिया है. सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है, "सरकार ने आर्थिक सलाहकार कमेटी से आतिफ मियां का नाम वापस लेने का फैसला किया है."
इमरान खान को कितना जानते हैं आप?
पाकिस्तान में बदहाल अर्थव्यवस्था और कुशासन का आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं हैं. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान का अब तक का सफर बेहद दिलचस्प है, चलिए जानते हैं.
तस्वीर: Saiyna Bashir/REUTERS
पूरा नाम?
क्या आप इमरान खान का पूरा नाम जानते हैं? उनका पूरा नाम है अहमद खान नियाजी इमरान, लेकिन बतौर क्रिकेटर और राजनेता वह दुनिया के लिए हमेशा इमरान खान रहे हैं.
तस्वीर: Reuters/C. Firouz
करियर की शुरुआत
इमरान खान के क्रिकेट करियर की शुरुआत 16 साल की उम्र में हुई, जब उन्होंने 1968 में लाहौर की तरफ से सरगोधा के खिलाफ पहला फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेला.
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library
पढ़ाई से पहले क्रिकेट
1970 में वह पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बन गए. यानी उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी और उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज हो चुका था.
तस्वीर: Getty Images
इंग्लिश क्रिकेट में धाक
बाद में वह पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए. वहां भी उनके खेल के चर्चे होने लगे. वह 1974 में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी इलेवन के कप्तान बने. उन्होंने काउंटी क्रिकेट भी खेला.
तस्वीर: picture-alliance/Dinodia Photo Library
पाकिस्तान की कप्तानी
इमरान खान 1982 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान बने. बतौर कप्तान उन्होंने 48 टेस्ट मैच खेले जिनमें से पाकिस्तान ने 14 जीते, आठ हारे और बाकी ड्रॉ रहे.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Dupont
वनडे करियर
इमरान ने 139 एकदिवसीय मैचों में पाकिस्तानी टीम का नेतृत्व किया. इनमें से 77 जीते, 57 हारे और एक मैच का कोई नतीजा नहीं निकला.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
वर्ल्ड चैंपियन
पाकिस्तान ने अब तक सिर्फ एक बार क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीता है और 1992 में यह कारनामा इमरान खान की कप्तानी में हुआ था.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Holland
सबसे सफल कप्तान
इमरान पाकिस्तान के लिए सबसे सफल कप्तान साबित हुए, जिनकी तुलना अकसर भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव से हुई है. दोनों ऑलराउंडरों के रिकॉर्ड भी प्रभावशाली रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B.K. Bangash
सियासत में कदम
इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी बना कर सियासत में कदम रखा. 2013 के आम चुनाव में उनकी पार्टी दूसरे स्थान पर रही और 2018 में पहले पर.
तस्वीर: Aamir QureshiAFP/Getty Images
निजी जीवन
इमरान खान अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं. 65 साल की उम्र में उन्होंने तीसरी शादी की. इससे पहले सेलेब्रिटी जमैमा और टीवी एंकर रेहाम खान उनकी पत्नी रह चुकी हैं.
तस्वीर: PIT
गंभीर आरोप
रेहाम खान ने अपनी किताब में इमरान पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि किसी महिला को इमरान की पार्टी में तभी बड़ा पद मिलता है जब वह इमरान के साथ हमबिस्तर हो.
तस्वीर: Facebook/Imran Khan Official
पाकिस्तान के ट्रंप
कई लोग इमरान खान पर पॉपुलिस्ट होने का आरोप लगाते हैं. चरमपंथियों के प्रति उनकी नरम सोच पर कई लोग सवाल उठाते हैं. कई कट्टरपंथियों से उनके करीबी रिश्ते रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B.K. Bangash
अमेरिका के आलोचक
प्रधानमंत्री बनने से पहले इमरान खान आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी जंग और उसमें पाकिस्तान की भागीदारी पर सवाल उठाते रहे हैं. वे इसे पाकिस्तान की कई मुसीबतों की जड़ मानते थे. लेकिन पीएम बनने के बाद उन्हें पता चला कि अमेरिका से रिश्ते कितने जरूरी हैं.
तस्वीर: YouTube/PTI Scotland
भ्रष्टाचार के खिलाफ
इमरान खान हमेशा से पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाते रहे थे. पूर्व पीएम नवाज शरीफ खास तौर से उनके निशाने पर रहे. लेकिन आज वो खुद बदहाल अर्थव्यवस्था और कुशासन का आरोप झेल रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Mughal
लोकप्रियता
इमरान खान युवाओं में बेहद लोकप्रिय रहे हैं. नया पाकिस्तान बनाने का उनका नारा युवाओं की जुबान पर रहा. 2012 में वह एशिया पर्सन ऑफ द ईयर चुने गए. लेकिन अब उनकी छवि बदल रही है. उन पर अपने चुनावी वादों को पूरा ना करने के आरोप लग रहे हैं.
तस्वीर: AP
15 तस्वीरें1 | 15
पाकिस्तान में ईशनिंदा बहुत बड़ा अपराध है और इसकी वजह से मौत की सजा भी हो सकती है. सरकार ने हालांकि कभी भी किसी को ईशनिंदा के अपराध में मौत की सजा नहीं दी है लेकिन इस तरह के आरोप लगने के बाद कभी गुस्साई भीड़ तो कभी कोई सिरफिरा या फिर उन्मादी लोगों का समूह हिंसक प्रदर्शनों पर उतारू हो जाता है और इसी के चलते लोगों की हत्याएं भी हुई हैं.
इमरान खान ने चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों का पूरी तरह से बचाव किया था. बहुत से लोगों को चिंता है कि इस रुख के साथ इमरान खान चरमपंथी सोच को मुख्यधारा का हिस्सा बना रहे हैं और इससे आगे चल कर देश में जातीय विभाजन, कट्टरपंथी गुटों का सशक्तिकरण और यहां तक कि हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है.
पिछले महीने उनकी सरकार ने बड़े जोर शोर से नीदरलैंड में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रतियोगिता की योजना का विरोध किया था. इस्लामी गुटों ने पाकिस्तान में नीदरलैंड के साथ कूटनीतिक रिश्ते खत्म करने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता के आयोजकों ने बाद में सुरक्षा कारणों का हवाला दे कर इस प्रतियोगिता को रद्द कर दिया.
विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त इमरान खान सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि वहां जल्दी भुगतान संकट भयानक स्थिति में पहुंचने वाला है. सरकार ने कहा है कि वह इस महीने के आखिर तक इस बात का फैसला कर लेगी कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज की जरूरत है या नहीं.