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कड़ी सुरक्षा के साए में गणतंत्र दिवस

२६ जनवरी २०१६

भारत ने आतंकी हमलों के अलर्ट के बीच कड़ी सुरक्षा में गणतंत्र दिवस मनाया. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद समारोह में मुख्य अतिथि थे.

Indien feiert Tag der Republik mit Francois Hollande
तस्वीर: picture alliance / B. Armangue

राजधानी नई दिल्ली के भव्य राजपथ पर हुए समारोह में राजनीति, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक जगत के प्रतिनिधियों के अलावा हजारों लोग उपस्थित थे. राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ ओलांद राजपथ पर पहुंचे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नेताओं का स्वागत किया. इससे पहले प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

शहीदों की विधवाओं को राष्ट्रपति द्वारा परमवीर चक्र से सम्मानित किए जाने के बाद पारंपरिक परेड शुरू हुई. इसमें देश की विराट सैन्य शक्ति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया गया. पहली बार विदेशी सेना की किसी टुकड़ी के रूप में फ्रांस के मार्चिंग दस्ते ने भी भारतीय सैनिकों के साथ कदमताल किया. फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इससे पहले भी चार बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले चुके हैं. पिछले साल अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे.

तस्वीर: picture alliance / B. Armangue

जागरूक नागरिक

गणतंत्र दिवस की पूर्व बेला पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नागरिकों से शिकायत, मांग और विद्रोह करने की अपील करते हुए कहा कि देश को स्वीकार करना चाहिए कि ये लोकतंत्र के तत्व हैं. साथ ही उन्होंने लोगों से अब तक हासिल हुए की तारीफ करने की भी अपील की. कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित न होने से चिंतित राष्ट्रपति ने विकास को गति देने के लिए सुधारों और प्रगतिशील कानूनों की जरूरत पर जोर दिया.

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुखर्जी ने 2015 को चुनौतीपूर्ण साल बताते हुये कहा कि बीते साल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में रही और बाजारों पर असमंजस के बादल छाए रहे. ऐसे कठिन माहौल में किसी भी राष्ट्र के लिए तरक्की करना सरल नहीं होता, लेकिन चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ भारत तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बनने के मुकाम पर है.

तस्वीर: picture alliance / B. Armangue

सुधारों की जरूरत

राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि विकास को गति देने के लिए सुधारों और प्रगतिशील कानूनों की जरूरत है तथा यह सुनिश्चित करना विधि निर्माताओं का परम कर्तव्य है कि पूरे विचार-विमर्श और परिचर्चा के बाद ऐसे कानून लागू किए जाएं. उन्होंने कहा कि निर्णय लेने का तरीका सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति बनाने की भावना होना चाहिए.

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश में असहिष्णुता और हिंसा फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता के स्थापित आदर्शों पर चोट करने वालों से तत्काल बचाव जरूरी है. उन्होंने कहा, "अतीत के प्रति सम्मान राष्ट्रीयता का एक आवश्यक पहलू है. हमारी उत्कृष्ट विरासत, लोकतंत्र की संस्थाएं सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता तथा लैंगिक और आर्थिक समता सुनिश्चित करती हैं. जब हिंसा की घृणित घटनाएं इन स्थापित आदर्शों पर कुठाराघात करती हैं, तो उन पर तत्काल ध्यान देना चाहिए. हमें हिंसा, असहिष्णुता और अविवेकपूर्ण ताकतों से स्वयं की रक्षा करनी होगी." राष्ट्रपति ने कहा कि हरेक भारतीय को एक स्वस्थ, खुशहाल और कामयाब जीवन जीने का अधिकार है लेकिन इन अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.

तस्वीर: picture alliance / B. Armangue

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही. गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद की भारत यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना कोरोकने के लिए दिल्ली में 40 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए. 49 हजार सुरक्षाकर्मियों ने एक हजार निशानेबाजों और 15 हजार क्लोज सर्किट टेलीविजन की मदद से शहर की सुरक्षा की. इनमें से 35 हजार दिल्ली पुलिस और 14 हजार अर्धसैनिक बलों के जवान हैं.

पठानकोट में वायुसैनिक अड्डे पर हाल में हुए आतंकवादी हमले के कारण सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी. राजपथ के दो किलोमीटर के दायरे में ऊंची इमारतों पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के एक हजार निशानेबाजों को तैनात किया गया था और सेना ने शहर में जगह-जगह त्वरित प्रतिक्रिया बल तैनात किया था. खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकवादी हमलों की चेतावनी के बाद परेड स्थल और उसके आस पास के क्षेत्रों को अभेद्य किलेमें तब्दील कर दिया गया था.

एमजे/आईबी (पीटीआई, यूनीवार्ता)

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