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कतर से मुट्ठी भर लोग ही जायेंगे हज यात्रा पर

२९ अगस्त २०१७

सऊदी अरब और दूसरे देशों के साथ विवाद के कारण कतर ने बहुत कम लोगों को ही इस साल हज करने के लिए भेजा है. इस हफ्ते से शुरू हो रही हज यात्रा पर साफतौर से खाड़ी के पड़ोसी देशों में चल रही तनातनी का असर दिख रहा है.

Katar Grenze zu Saudi-Arabien
तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Jaafar

इस सालाना तीर्थयात्रा के लिए दुनिया भर से करीब दो करोड़ मुसलमान सऊदी अरब आते हैं. इस साल की हजयात्रा बुधवार से शुरू होगी लेकिन दोहा और रियाद के बीच तीन महीने से चले आ रहे विवाद ने इसे अपनी जद में ले लिया है. कतर की जमीनी सीमा केवल सऊदी अरब से लगती है. फिलहाल यह सीमा बंद है और इसके साथ ही आवाजाही, कूटनीति और आर्थिक गतिविधियां भी ठप्प है. सऊदी अरब का आरोप है कि कतर इस्लामी आतंकवादियों को समर्थन दे रहा है. साथ ही वह ईरान के काफी करीब चला गया है जिसे सऊदी अरब अपना दुश्मन मानता है. कतर इन आरोपों से साफ इनकार करता है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Jaafar

इस तनातनी का नतीजा ये हुआ है कि इस साल कतर से महज कुछ दर्जन लोग ही मक्का और मदीना जा रहे हैं. यह इलाका सऊदी अरब के पश्चिमी हिस्से में है. कम लोगों के हज पर जाने की खबर कतर की सरकार से जुड़ी राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी के एक सदस्य ने दी है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "सीमा के रास्ते हमारा अनुमान है कि पिछले हफ्ते 60-70 लोग गये हैं. यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, हम आधिकारिक आंकड़े का इंतजार कर रहे हैं." मीडिया में आ रही खबरों में सऊदी अरब ने यह संख्या करीब 1200 बताई है. उधर सरकारी समाचार एजेंसी कतर न्यूज एजेंसी का कहना है कि पिछले साल कतर से 12000 लोगों ने हजयात्रा की थी. इस्लाम में यह मान्यता है कि हर इंसान को जीवन में कम से कम एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए.

तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Jaafar

सऊदी अरब ने सीमा पर लगी रोक को अस्थायी रूप से निलंबित कर रखा है. इसके साथ ही उसने एलान भी किया है कि कतर के यात्रियों को हज यात्रा के लिए आने की छूट दी जायेगी. कतर और सऊदी अरब के बीच हवाई यात्रा भी बंद है. सऊदी अरब ने अपनी वायु सीमा का इस्तेमाल कतर के जहाजों के लिए बंद कर दिया है. हालांकि सऊदी अरब ने हजयात्रियों को लाने के लिए सऊदी अरब के जहाजों की सेवा मुहैया कराने का प्रस्ताव रखा है. ये प्रस्ताव भी कूटनीति के पचड़े में फंस गया है. कतर का आरोप है कि सऊदी अधिकारी धार्मिक अधिकारों पर राजनीति कर रहे हैं.

उधर सऊदी अरब की एयरलाइन कतर की जमीन पर अपने जहाजों को उतरने देने से इनकार करने की बात कह रही है. सऊदी अरब की एयरलाइन के मुताबिक कतर ने ऐसा "उचित दस्तावेजों की" कमी का बहाना बना कर किया. इसके जवाब में कतर का कहना है कि सऊदी एयरलाइन ने गलत विभागों के दस्तावेज पेश किये. सीमा को खोलने का फैसला सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और कतर के शाही परिवार के एक कम चर्चित सदस्य के बीच हुई अचानक बातचीत में लिया गया. इससे इन आरोपों को सिर उठाने का मौका मिला कि सऊदी अरब कतर में सत्ता परिवर्तन कराने की फिराक में है.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Hamra

बीते सालों में कतर के ज्यादातर यात्री मक्का सऊदी अरब की जमीन पार कर आधिकारिक तौर पर बने गुटों में मक्का गये. इस साल जो लोग सऊदी अरब गये हैं वो निजी तौर पर गये हैं और उन्होंने कतर की उस चेतावनी को भी अनसुना किया है कि उनके साथ सऊदी अरब में कैसा व्यवहार हो सकता है. कतर का कहना है कि उसे अपने नागरिकों के साथ सऊदी अरब में "दुर्व्यवहार" की आशंका सता रही है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी के मुताबिक करीब 24 हजार लोगों ने आधिकारिक ऑपरेटरों के जरिये हज यात्रा के लिए आवेदन दिया है, लेकिन इनमें से करीब 2400 लोग ही वास्तव में जा सकेंगे. कमेटी का कहना है कि जिन आठ कंपनियों ने हज यात्रा कराने की योजना बनाई थी उन्हें सऊदी अरब की "पाबंदियों" के कारण 80 लाख डॉलरों से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कतर का कहना है कि वह पड़ोसी देशों के प्रतिबंधों के लिए अरबों डॉलर के हर्जाने की मांग करेगा. प्रतिबंध लगाने वाले देशों में सऊदी अरब और उसके सहयोगी संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र शामिल हैं.

एनआर/एमजे (एएफपी)

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