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कनाडा का रुख अस्वीकार्य: विदेश मंत्री

२८ मई २०१०

भारतीय अधिकारियों को कनाडा का वीजा नहीं दिए जाने पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया. विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा है कि कनाडा के व्यवहार को स्वीकार नहीं किया जा सकता. कनाडा ने सुरक्षा बलों का आदर करने की बात कही.

तस्वीर: AP

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा है कि कनाडा के उच्चायुक्त जोसेफ कोरेन को बुलाकर भारत सरकार ने उन्हें अपनी चिंता जाहिर की है. "हमने कनाडा की सरकार को संदेश दे दिया है कि कनाडा उच्चायोग का पत्र पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उस पत्र में भारत सरकार के या सुरक्षा बलों के अधिकारियों और सेवानिवृत्त अधिकारियों को वीजा देने से इनकार किया गया है: इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता. हम चाहते हैं कि कनाडा इस मुद्दे पर कार्रवाई करे."

तस्वीर: AP

यह पूछने पर कि भारत का अगला कदम क्या होगा. कृष्णा ने कहा कि कनाडा को पहले इसका जवाब देने दिया जाए. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अपना पक्ष साफ कर दिया है और साथ ही मीडिया से अपील की कि वह इस विषय को बढ़ा चढ़ा कर पेश न करे.

कनाडा उच्चायोग ने पिछले कुछ सालों में भारत सरकार में कार्यरत अधिकारियों या फिर रिटायर्ड हो चुके सुरक्षा अधिकारियों को वीजा देने से इनकार किया है. कनाडा का कहना है कि सुरक्षा बल जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.

गृह सचिव जीके पिल्लई ने कड़े शब्दों में एक पत्र विदेश सचिव निरुपमा राव को लिखा है और जोर दिया है कि विदेश मंत्रालय को कड़ा कदम उठाना चाहिए और उच्चायोग से माफी की मांग की जानी चाहिए.

भारतीय गृह मंत्रालय एक सप्ताह में कनाडा उच्चायोग से माफी चाहता है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता तो इसके अच्छे परिणाम नहीं होंगे. जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत के रास्ते अफगानिस्तान जा रहे कनाडा के अधिकारियों को भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

ओटावा में कनाडा के आप्रवासन मामलों के मंत्री जैसन केनै ने कहा कि उनका देश भारत सरकार और उसके सुरक्षाबलों का पूरा आदर करता है. "अगर वीजा अधिकारी के फैसले से इन मामलों में कोई गलतफहमी हुई है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कनाडा सरकार की ऐसी कोई नीति नहीं है जो भारतीय सुरक्षा बलों की अखंडता को नकारती हो या उन्हें वीजा नहीं देने की बात कहती हो."

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः एस गौड़

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