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कनिमोड़ी को नहीं मिली जमानत

८ जून २०११

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में आरोपी कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब उन्हें तिहाड़ जेल में ही रहना पड़ेगा. पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा भी तिहाड़ जेल में पिछले कई महीने से बंद हैं.

तस्वीर: UNI

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को डीएमके सांसद और टेलीकॉम घोटाले में आरोपी कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कलइग्नर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की भी याचिका रद्द कर दी. कोर्ट ने यह कहकर दोनों की याचिका खारिज कर दीं कि उनके खिलाफ पहली नजर में सबूत हैं. न्यायाधीश अजित भरिहोक ने कहा, "आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कुछ सबूत हैं. अपराध में आरोपियों की सह अपराधिता पर विचार करते हुए जमानत याचिकाएं खारिज की जाती हैं. कनिमोड़ी की मां दयालु अम्माल और डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू आदेश सुनाए जाने के वक्त अदालत में मौजूद थे.

200 करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप

डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी और शरद कुमार पर सीबीआई ने 200 करोड़ रुपए रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं,. कनिमोड़ी और कुमार की कलइग्नर टीवी में 20 फीसदी हिस्सेदारी है. आरोप है कि शाहिद बलवा की कंपनी डीबी रियल्टी ने कलइग्नर टीवी को 200 करोड़ रुपए दिए. डीएमके प्रमुख करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल की कलईग्नर टीवी में 60 फीसदी हिस्सेदारी हैं. सीबीआई ने उन्हें आरोपियों की सूची से हटा दिया है. निचली अदालत के जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद कनिमोड़ी और कुमार ने 23 मई को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

निचली अदालत ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि दोनों के द्वारा किए गए अपराध गंभीर है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने 20 मई को दोनों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए तुरंत गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. फिलहाल दोनों तिहाड़ जेल में बंद हैं.

ईडी प्रमुख जेपीसी के सामने पेश होंगे

प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख अरुण माथुर संयुक्त संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. वित्त मंत्रालय के भी अधिकारी जांच से जुड़ी जानकारी जेपीसी के सामने पेश करेंगे. माथुर अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के प्रतिनिधि भी जेपीसी को उनके द्नारा किए जा रहे जांच की कार्यवाही के बारे में बताएंगे. एक दिन पहले ही सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह जेपीसी के सामने पेश हुए थे और मामले की जांच की गतिविधियों के बारे में बताया था. उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों स्वान, लूप और एस-टेल के फेमा के उल्लंघन के तहत 4300 करोड़ रूपए के नुकसान का अनुमान लगाया है.

रिपोर्टः पीटीआई/आमिर अंसारी

संपादनः एस गौड़

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