बांग्लादेश में बढ़ेगी कपड़ा मजदूरी
२१ अक्टूबर २०१३बांग्लादेश की कपड़ा फैक्ट्रियों में हाल में हुई हड़ताल के कारण कई कारखाने ठप्प हो गए थे. दुनिया में दूसरे सबसे ज्यादा कपड़ा निर्यात करने वाले देश को उम्मीद है कि अगले महीने तक नई न्यूनतम मजदूरी घोषित कर दी जाएगी. कपड़ा फैक्ट्रियों में कई दुर्घटनाओं के बाद अंतरराट्रीय समुदाय ने कपड़ा उद्योग में मजदूरों की सुरक्षा सुधारने के लिए काफी दबाव डाला.
मजदूरों की मांग है कि मासिक मजदूरी 8000 टका कर दी जाए, जो वर्तमान दर से करीब करीब ढाई गुना है. वहीं कारखाना मालिकों ने तीन हजार टका महीना करने की बात कही हैं. कुछ मालिकों का मानना है कि बांग्लादेश का आधिकारिक मजदूरी बोर्ड मजदूरी दरों को साढ़े चार से साढ़े पांच हजार टका कर सकता है. साथ ही रिटेलरों से पांच से पंद्रह फीसदी कीमत बढ़ाने को कहा जा सकता है.
37 मजदूर संघों वाली नेशनल गारमेंट वर्कर्स फेडरेशन के प्रमुख अमीरुल हक आमिन ने कहा, "इन मजदूरों के अधिकारों के बारे में पूरी दुनिया में बहस हो रही है और सरकार नर्वस है. अब दबाव है. इससे हमें अपनी आवाज उठाने का मौका मिला है."
पिछले साल तो बांग्लादेश की सरकार ने मजदूरी बढ़ाने की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी लेकिन एक के बाद एक हुई दुर्घटनाओं के बाद अधिकारियों पर कदम उठाने का दबाव है. अप्रैल में ढाका के पास राणा प्लाजा फैक्ट्री की इमारत गिरने से 1100 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई थी.
बांग्लादेश से वॉल मार्ट स्टोर, जेसी पेनी, को इंक, एच एंड एम, हेनेस और मॉरित्स एबी जैसी कंपनियों को कपड़ा बना कर निर्यात किया जाता है. वॉल मार्ट के प्रवक्ता केविन गार्डनर ने कहा कि रिटेलर दूसरे हिस्सेदारों के साथ मिल कर कोशिश कर रहे हैं कि बांग्लादेश की सरकार कपड़ा मजदूरों की तनख्वाह बढ़ाए और सुनिश्चित करे कि मजदूरों की जरूरतें पूरी हों.
एच एंड एम ने बांग्लादेश की सरकार से न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की अपील की है और इसकी सालाना समीक्षा करने की भी. कंपनी में सस्टेनिबिलिटी विभाग की प्रमुख हेलेना हेल्मरसन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "टेक्सटाइल उद्योग में बेहतरी के लिए हमारे एजेंडा में सबसे ऊपर मजदूरी ही है." बांग्लादेश में न्यूनतम मजदूरी 3000 टका मासिक है. वियतनाम और कंबोडिया में कपड़ा मजदूरों को इससे आधा वेतन मिलता है वहीं चीन में इसका एक चौथाई वेतन कपड़ा मजदूरों को मिलता है. अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ के अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक वह सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है.
ओवरटाइम के कारण अधिकतर बांग्लादेशी मजदूर करीब 4155 टका घर ले जाते हैं. यह जानकारी बांग्लादेश गारमेंट निर्माताओं और नियार्तकों के संघ बीजीएमईए ने दी है.
मजदूरी बढ़ाने पर बड़े कारखानों को तो नुकसान नहीं होगा लेकिन छोटे कारखानों की हालत खराब हो सतती है. ढाका में मझौले कारखाने के मालिक मुजफ्फर सिद्दिकी के कारखाने में 650 लोग काम करते हैं. वे कहते हैं कि मजदूरी बढ़ने पर उन्हें रिटेलरों से 30 फीसदी ज्यादा लेना पड़ेगा. श्रम और रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी माइकल शिपार ने बताया कि सरकार उद्योग की छवि सुधाने की कोशिशों के तहत ये कदम उठा रही है. उम्मीद है कि नवंबर के पहले हफ्ते में इस बारे में घोषणा की जा सकती है.
सितंबर में कपड़ा मजदूर छह दिन की हड़ताल पर चले गए जिससे देश की 3200 फैक्ट्रियों को नुकसान उठाना पड़ा. ईद अल अदहा से पहले एक कारखाने में मजदूरों ने मालिक को तब तक बंद रखा, जब तक कि उसने ईद का बोनस नहीं बांटा.
2010 में आखिरी बार बढ़ाई गई मजदूरी बढ़ी हुई महंगाई की तुलना में कम है. दूसरी शंका जो स्थानीय लोगों को लग रही है, वह है बढ़ी मजदूरी से बढ़ी कीमतें. बीजीएमईए के अध्यक्ष मोहम्मद अतिकुल इस्लाम कहते हैं कि समीकरण एकदम आसान है, वो (अंतरराष्ट्रीय कंपनियां) वहीं जाएंगे जहां माल सस्ता हो.
अगर एक बार फिर मजदूर हड़ताल पर चले जाते हैं, तो सत्ताधारी आवामी लीग को चुनाव से पहले नुकसान हो जाएगा. बांग्लादेश में जनवरी में चुनाव होने हैं. कपड़ा मजदूरों को मासिक आय के तौर पर कम से कम 6450 टका मिलने चाहिए तभी उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकती हैं. 24 साल के कपड़ा मजदूर मोसम्मत झूमुर कहते हैं,"अगर यह 8000 टका से कम हुआ तो हम फैक्ट्री मालिकों से इसे बढ़ाने की मांग करेंगे. अगर इसके लिए हमें विरोध प्रदर्शन करना पड़ा तो वह भी करेंगे."
एएम/एनआर (रॉयटर्स)