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कप्तान बन कर मेसी ने चलाया जादू

२३ जून २०१०

ग्रीस के खिलाफ लायोनल मेसी ने भले ही गोल न किया हो लेकिन पहली बार अर्जेंटीना के लिए कप्तानी की और पहले मैच में बाकायदा जीत दर्ज की. मेसी ने दिखा दिया कि वह सिर्फ अपनी कला में ही नहीं, कप्तानी में भी फिट हैं.

मेसी और मैराडोना.. वाहतस्वीर: AP

दुनिया के सबसे बेहतर स्ट्राइकर समझे जाने वाले मेसी का जन्मदिन 24 जून को है. गुरुवार को उनके साथी खिलाड़ी जरूर ढेर सारे तोहफे देंगे. लेकिन मेसी ने अपनी टीम अर्जेंटीना और अपने कोच डियागो मैराडोना को इससे पहले ही तोहफा दे दिया. मेसी की अगुवाई में टीम ने अपने ग्रुप में सारे मुकाबले जीत लिए और पूरे नौ अंकों के साथ चोटी पर पहुंच गया है.

अर्जेंटीना की टीम दूसरे दौर में पहले ही पहुंच चुकी है और ऐसे में उनके लिए ग्रीस के खिलाफ मैच जीतना कोई जरूरी नहीं था. इसलिए कोच मैराडोना ने नियमित कप्तान खावियर मैशेरानो, गाब्रियाल हाइन्जे, कार्लोस टेवेज और गोनजालो हिगुवान को आराम देने का फैसला किया था. ऐसी स्थिति में टीम की कप्तानी मेसी को दी गई. 22 साल के मेसी वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के लिए कप्तानी करने वाले सबसे कम उम्र के फुटबॉलर बन गए.

तस्वीर: AP

मेसी ने जहां एक तरफ पूरे मैच में ग्रीस के डिफेंडरों को नचाए रखा, वहीं ग्रीस के गोलकीपर ने उनके कम से कम तीन बेहद खतरनाक शॉट्स रोक लिए. गोलकीपर जोरवास ने अपना पूरा जोर लगा दिया था और उन्होंने अर्जेंटीना जैसी मजबूत टीम को पहले हाफ में गोल के लिए तरसा कर रख दिया. ऐसा लगने लगा था कि जैसे जोरवास को पार करना मेसी के खिलाड़ियों के बस की बात नहीं.

मेसी की कप्तानी में कोई त्रुटि नहीं दिख रही थी. टीम पूरे लय में थी. लेकिन सिर्फ एक कमी रह गई. मेसी गोल नहीं कर पाए. आखिरी मिनटों में मेसी ने गोल कर ही दिया था लेकिन उनके शक्तिशाली शॉट को ग्रीस के गोलकीपर अलेक्जेन्द्रोस जोरवास ने किसी तरह खुद से दूर ढकेल दिया. हालांकि वह गोल टाल नहीं पाए. मेसी के शॉट से रीबाउंड हुई गेंद अर्जेंटीना के मार्टिन पलेरमो के पास पहुंची और उन्होंने इसे जाल में सरका दिया.

मेसी की कप्तानी वाले इस मैच में ग्रीस की रक्षा पंक्ति किसी दीवार की तरह नजर आ रही थी और 77 मिनट तक उन्होंने मेसी या किसी दूसरे खिलाड़ी को गोल तक फटकने नहीं दिया. लेकिन बाद में मेसी का करिश्मा चल निकला और उन्होंने अपनी टीम के लिए कई बार गोल के मौके बनाए. आखिरकार पहले डेमिशेलिस ने पहला गोल किया.

तस्वीर: AP

ग्राउंड के अंदर मेसी तो ग्राउंड के बाहर मैराडोना. लगता था जैसे अर्जेंटीना के कोच मैराडोना भी इस मैच में खेल रहे हों. जब कभी गेंद अर्जेंटीना के खिलाड़ियों के पास पहुंचती, वह भी साइड लाइन तक पहुंच जाते. लेकिन जब उनके खिलाड़ी चूक जाते, मैराडोना दुखी होकर मुंह फेर लेते.

मैच के बाद उन्होंने अपने सभी खिलाड़ियों का चूम कर स्वागत किया. लेकिन साथ ही ग्रीस के गोलकीपर जोरवास को भी बाहों में भर लिया. शायद मैराडोना कह रहे थे कि अगर वह अपने देश अर्जेंटीना को प्यार करते हैं तो फुटबॉल को भी कोई कम प्यार नहीं करते.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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