कफन दफन और अंतिम क्रिया पर भी डिस्काउंट
३ नवम्बर २०११"अगर आप को कहीं हम से बेहतर दाम मिलें तो ज्यादा पैसे हम आपको वापस करेंगे ही, साथ ही तीस यूरो और भी देंगे." आम तौर पर ऐसे बोर्ड उन दुकानों के बाहर लगे होते हैं जहां इलेकट्रॉनिक्स का सामान मिलता है. लेकिन जर्मनी में यह लगा है एक 'फ्यूनरल होम' के बाहर. पश्चिमी देशों में फ्यूनरल होम अंतिम क्रिया की जिम्मेदारी संभालते हैं. वे चर्च और कब्रिस्तान से संपर्क साधते हैं, अखबार में मौत की खबर छपवाते हैं और अन्य कागजी काम का भी ध्यान रखते हैं.
आधा हुआ खर्चा
2009 से जर्मनी में लोग अपने परिवारजनों को दफनाने के लिए कम खर्चा करने लगे हैं. राशन की दुकान पर बड़े बड़े डिस्काउंट लेते लेते लोगों को इस काम में भी डिस्काउंट लेने की आदत पड़ने लगी है. जर्मनी में किसी को दफनाने का कुल खर्चा 2800 और 3500 यूरो यानी करीब दो से ढाई लाख के बीच होता है. हालांकि इसमें कब्र पर लगने वाले पत्थर और ताबूत का दाम नहीं मिलाया गया है. अगर कब्र का लम्बे समय तक रख रखाव करना हो तो यह राशि दोगुनी हो जाती है. लेकिन पिछले कुछ समय में यह 1200 यूरो यानी करीब एक लाख तक पहुंच गई है.
फ्यूनरल होम से इंटनेट के जरिए भी संपर्क साधा जा सकता है. ऐसी ही एक वेबसाइट bestattung.de के अनुसार इस साल लोग पिछले साल के मुकाबले बीस प्रतिशत कम खर्चा कर रहे हैं. वेबसाइट के अनुसार अधिकतर लोग किसी दूर के रिश्तेदार को दफनाने के लिए अधिक खर्चा करने की जगह डिस्काउंट का फायदा उठाना पसंद करते हैं. कई लोग अपने रिश्तेदारों से बहुत दूर रहते हैं और जल्द से जल्द क्रिया कर्म खत्म करना पसंद करते हैं. इस साइट पर आने वाले कम से कम 41 प्रतिशत लोग बुरी आर्थिक स्थिति के चलते डिस्काउंट की मांग करते हैं.
डिस्काउंट पर उठे सवाल
बर्लिन की कंपनी जार्गडिस्काउंट (जार्ग यानी ताबूत) के हार्टमूट वोइटे बताते हैं, "कई लोगों का अपने पिता के साथ कई साल से कोई संपर्क नहीं होता, लेकिन उन्हें लगता है कि अंतिम संस्कार तो करना ही पड़ेगा. यह बात स्वाभाविक है कि वे हजारों यूरो खर्चना नहीं चाहते. सारी तैयारियां फोन, फैक्स या ईमेल पर ही हो जाती हैं." जार्गडिस्काउंट में 479 यूरो से पैकेज शुरू होते हैं. वोइटे कहते हैं कि उनके ग्राहकों को उनकी कंपनी के नाम से दिक्कत है, लेकिन वह इसे बदलना नहीं चाहते, "मैं पारदर्शिता कायम करना चाहता हूं."
जर्मन अंडरटेकर्स फेडरेशन को भी इन कम दामों से दिक्कत है. फेडरेशन के प्रवक्ता रॉल्फ लिष्ट्नर का कहना है, "बात पारदर्शिता की नहीं है. 500 यूरो से कम में तो खर्चा निकल ही नहीं सकता. या तो इसमें कुछ छुपे हुए खर्चे हैं, या मृतक के शरीर को सम्मान के साथ नहीं दफनाया जाता."
वहीं बर्लिन की एक अन्य कंपनी आराउ के पेट्रिक श्नाईडर इसके जवाब में कहते हैं, "सम्मान का पैसे से कोई लेना देना नहीं है." श्नाईडर की कंपनी 499 यूरो में मृतक को दफनाने की जिम्मेदारी लेती है. रईस लोगों के लिए महंगे फ्यूनरल का इंतेजाम किया जाता है और जिनके पास पैसों की कमी हो उनके लिए सरल साधे फ्यूनरल का. बॉन यूनिवर्सिटी के डाग्मर हेनल इसे कफन दफन के वर्गसंघर्ष का नाम देते है.
रिपोर्ट: एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: आभा मोंढे