कब्रें खोदने की तैयारी करती जर्मन पुलिस
२९ जून २०१८पश्चिमोत्तर जर्मनी के श्लोष होल्टे-स्टुकेनब्रोक शहर की एक मेटल फिटिंग कंपनी को समझ ही नहीं आ रहा था कि उसके कर्मचारी क्यों मारे जा रहे हैं. सन 2000 से लेकर अब तक 21 कर्मचारी मारे गए. कर्मचारी अचानक बीमार पड़े और डॉक्टर भी उन्हें बचा नहीं सके.
लेकिन मई 2018 में एक बड़ा सुराग मिला. लंच के दौरान एक कर्मचारी को अपने खाने में सफेद पाउडर मिला. कर्मचारी ने इसकी जानकारी अपने सुपरवाइजरों की दी. फिर सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी गई. रिकॉर्डिंग में एक कर्मचारी दूसरे के लंच में कुछ मिलाता हुआ दिखाई पड़ा.
कंपनी के मैनजेर टीलो ब्लेशिंगर के मुताबिक, "शुरूआत में हमें लगा कि कर्मचारी आपस में कोई मजाक कर रहे हैं, हत्या की कोशिश के बारे में तो किसी ने सोचा तक नहीं." संदिग्ध से जब साथी कर्मचारियों ने पूछताछ की तो शक गहराने लगा. इसके बाद पाउडर मिले खाने की जांच कराई गई. जांच में पता चला कि सफेद पाउडर असल में बेहद जहरीला पदार्थ, लेड एसीटेट है. स्वादहीन लेड एसीटेट इंसान के भीतरी अंगों को भारी नुकसान पहुंचाता है.
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. जांच अधिकारियों ने 56 वर्षीय संदिग्ध के घर पर छापा मारा. वहां पारा, सीसा और कैडमियम जैसी बेहद विषैली जहरीली धातुएं मिलीं.
करीब महीने भर की जांच के बाद अब पुलिस का कहना है कि संदिग्ध 21 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार हो सकता है. ज्यादातर की मौत कैंसर और हार्ट अटैक से हुई. पारा, सीसा और कैडमियम के विषैले प्रभाव से भी ऐसी शिकायतें सामने आती हैं. दो कर्मचारी अब भी कोमा में हैं और एक डायलिसिस पर.
मामले की जांच 15 पुलिस अधिकारी कर रहे हैं. मृतकों के रिश्तेदारों से बातचीत की जा रही है. मृतकों और गंभीर रूप से बीमार पड़े कर्मचारियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी पुलिस बात कर रही है. अधिकारी कब्र खोदने पर भी विचार कर रहे हैं. अगर मौत भारी धातुओं से हुई होगी तो कब्र में उसके सुराग जरूर मिलेंगे.
(ट्रेन, हवाई जहाज, बस के एक्सीडेंट या अन्य हादसों में अक्सर हादसे का शिकार हुए व्यक्ति की शिनाख्त मुश्किल होती है. ऐसे में कुछ खास तरीकों को पहचान के लिए अपनाया जाता है.)
दार्को यान्येविच/ओएसजे