दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में आज भी लड़कियों को भगवान के नाम पर वेश्यावृति में धकेलने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ है. इस पुरानी परंपरा को देवदासी कहा जाता है.
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साल 2019 की शुरुआत में दो ऐसी रिपोर्टें आई हैं जो कर्नाटक में जमानों से चली आ रही देवदासी प्रथा की ओर ध्यान खींचती हैं. ये रिपोर्टें नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने प्रकाशित की हैं. रिपोर्टों की सहलेखक बिनसी विलसन का कहना है कि यह एक "खुले राज" जैसा है, "पूरे समाज को लड़की के बारे में पता होता है लेकिन इसे अपराध के रूप में नहीं, बल्कि एक सामाजिक समस्या के रूप में देखा जाता है जिसे संस्कृति का हिस्सा मान कर अपना लिया जाता है." विलसन का कहना है कि इस प्रथा के खिलाफ बने कानून को आज भी ठीक तरह से लागू नहीं किया गया है और कई जगहों पर चुपचाप लड़कियों को देवदासी बनने पर मजबूर किया जा रहा है.
कर्नाटक में 1982 में देवदासी प्रथा पर रोक लगा दी गई थी. इसे एक "सामाजिक बुराई" बताया गया था जो महिलाओं को देह व्यापार में जाने पर मजबूर कर रही थी. इस वक्त राज्य में कितनी "देवदासियां" हैं, इस पर कोई विश्वसनीय आंकड़ा तो मौजूद नहीं है लेकिन 2007-2008 के एक सरकारी अनुमान के अनुसार कर्नाटक के 14 जिलों में आज भी 46,660 लड़कियां और महिलाएं देवदासी के रूप में जीने को मजबूर हैं.
देवदासी प्रथा के खिलाफ काम कर रही कर्नाटक की एक अधिकारी सी वसुंधरा देवी ने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन से बातचीत में कहा, "हम इस अपराध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दोनों रिपोर्टों में जो मुद्दे उठाए गए हैं, उन पर ध्यान देंगे." उन्होंने आगे कहा, "हम ऐसे कई कार्यक्रम चला रहे हैं जिनसे देवदासी रह चुकी महिलाओं के परिवारों की मदद की जा सकेगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वे इस परंपरा को आगे ना ले जाएं."
देवी ने बताया कि पिछले साल सिर्फ दो ही ऐसे मामले उनके सामने आए जहां लड़कियों को इस कुरीति में धकेला जा रहा था. पर साथ ही उन्होंने यह भी माना कि छिपते छिपाते जहां लड़कियों को देवदासी बना दिया जाता है, उन मामलों तक पहुंचना बेहद मुश्किल है.
इस प्रथा की शुरुआत प्राचीन भारत में हुई. पहले मासिक धर्म के साथ ही तय कर दिया जाता कि लड़की अब अपना जीवन भगवान की सेवा में बिताएगी. लड़की को दुल्हन की तरह सजाया जाता, उसके गले में फूलों की माला डाली जाती, खूब जश्न के साथ उसे मंदिर ले जाया जाता. मंदिर ही उसका घर बन जाता जहां वह प्रभु की आराधना में शास्त्रीय संगीत और नृत्य भी सीखती. लेकिन वक्त के साथ साथ इसका रूप बदलता गया. लड़कियों के अकेलेपन का फायदा उठा कर उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए जाने लगे. क्योंकि परिवार लड़कियों को त्याग चुके होते हैं, इसलिए उनका कहा कोई मायने नहीं रखता.
रिपोर्ट की एक और सहलेखक शैरन मेनेजेस का कहना है कि जबसे इस प्रथा पर रोक लगी है लोग छिप छिपा कर घर पर ही छोटी सी रस्म करने लगे हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर पीड़ित लड़कियां गरीब दलित परिवारों से नाता रखती हैं, "जो भी कोई प्रथा का विरोध करने की कोशिश करता है, उसका सामाजिक रूप से बहिष्कार कर दिया जाता है, इसलिए यह प्रथा आज भी चली आ रही है." उन्होंने आगे कहा, "हमने रिसर्च के दौरान जितनी भी लड़कियों से बात की, सभी ने बताया कि वे कितना दर्दनाक जीवन बिता रही हैं और हर किसी ने कहा कि उनके पास इसके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं है." गले में फूलों की माला डाल कर लड़कियों को कांटों के बिस्तर पर फेंका जा रहा है.
आईबी/एके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
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12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
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11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
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4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
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3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.