कभी गर्म यूरोप में रहते थे अजगर
१९ अक्टूबर २०११जर्मनी के दक्षिणी बवेरिया राज्य में मिला अजगर का जीवाश्म 11.5 फुट लंबा है. सांप की रीढ़ में 400 जोड़ हैं. अजगर के अलावा उसी जगह से आठ अन्य सांपों के जीवाश्म मिले हैं. हैरानी की बात है कि मौजूदा समय में इस तरह के बड़े सांप उष्णकटबंधीय इलाकों में पाए जाते हैं. जर्मनी जैसे ठंडे प्रदेश में यह सांप क्या कर रहा था, यह सवाल नई जानकारियां सामने ला रहा है.
जर्मन और चेक गणराज्य के वैज्ञानिकों की टीम के मुताबिक यूरोप कभी इन सांपों का घर हुआ करता था. ट्यूबिंगन यूनिवर्सिटी के मानव विकास और जीवाश्म विज्ञान विभाग की माडेलआईने बोएहम कहती हैं, "1.4 करोड़ साल पहले तापमान में अचानक गिरावट आई और यह सांप उसे बर्दाश्त नहीं कर सका."
अनुमान है कि उस दौर में दक्षिण जर्मनी का साल भर का औसत तामपान 19 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहा होगा. बोएहम कहती हैं, "अगर ऐसा नहीं होता तो यह सांप कभी जीवित ही नहीं रह पाता." मौजूदा दौर में बवेरिया का सालाना औसत तापमान सिर्फ आठ डिग्री सेल्सियस है. 1.4 करोड़ साल पहले जलवायु में आए बड़े बदलावों के बाद से मध्य यूरोप में कभी बड़े सांप नहीं दिखाई पड़े.
इन खोजों से मानव सभ्यता के बारे में भी काफी जानकारी मिल सकती है. अगर उत्तरी ध्रुव के इलाके कभी गर्म रहा करते थे तो क्या मानव की उत्पत्ति वहीं हुई. इन खोजों से इस बात को बल मिल रहा है कि मौसमी बदलावों की वजह से जीव-जन्तुओं की अनेक प्रजातियां गर्म इलाकों की तरफ पलायन कर गईं. अभी यह पता नहीं चला है कि करोड़ों साल पहले मौजूदा गर्म इलाकों की जलावायु कैसी रही होगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार