कयामत की माया का स्वागत
२१ दिसम्बर २०१२लोगों ने इसे पार्टी करने का एक बहाना बना लिया और इस मुद्दे पर चटखारे ले लेकर जश्न मनाया जा रहा है. ग्वातेमाला में लोग माया सभ्यता के खंडहरों के पास जमा हुए और उन्हें इस बात "इंतजार" है कि कब दुनिया खत्म होती है.
ऑस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल है, जहां सबसे पहले 21 दिसंबर का सूरज उगा और कुछ अंधविश्वासियों के मुताबिक माया कैलेंडर के अनुसार इसी दिन कयामत आनी है. लेकिन इस दिन ऑस्ट्रेलिया के टूरिस्ट विभाग के फेसबुक पर टिप्पणियों की लाइन लग गई.
लगातार यूजर के आ रहे कमेंट के जवाब में लिखा गया, "जी हां, हम जिन्दा हैं." ताइवान में कुछ विज्ञानियों ने उल्टी गिनती वाली घड़ी लगा दी, जो माया कैलेंडर पर आधारित है. इसके बाद नेचुरल साइंस म्यूजियम में इसे देखने लोगों की भीड़ जमा हो गई.
उल्टी गिनती वाली घड़ी
लेकिन सात साल की वांग सी-शीन इससे जरा भी प्रभावित नहीं हुई, "मुझे बिलकुल डर नहीं लग रहा है." वह अपने साथी छात्रों के साथ इस घड़ी को देखने गई.
लोग इस मौके पर अच्छा मजाक कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड का कहना है कि भले ही दुनिया खत्म हो रही हो लेकिन हमें अपना संघर्ष जारी रखना है. इसी तरह कुछ लोगों ने इंटरनेट पर तर्क दिया कि अगर साई के "गैंगनैम स्टाइल" वीडियो को यूट्यूब पर एक अरब क्लिक मिल गया है, इसका मतलब भी है कि कयामत नजदीक है.
एशिया, अफ्रीका और यूरोप में कई लोगों ने इस मौके पर पार्टी करने का फैसला किया क्योंकि उनका कहना है कि कल तो दुनिया रहेगी ही नहीं. हांग कांग के एक रेस्तरां ने इस दिन छह कोर्स का भोजन तैयार किया है, जिसे 275 डॉलर यानी 13,000 रुपये में खाया जा सकता है. रेस्तरां का कहना है कि "कयामत से पहले अच्छा खाना खाना चाहिए."
कैसे रहें सुरक्षित
चीन ने ऐसा कैप्सूल तैयार किया है, जिसमें 30 लोग एक साथ जमा हो सकते हैं और जो सूनामी और भूकंप जैसी तबाहियों को झेल सकता है. चीन के ही एक हिस्से में लोग अनजानी उड़नतश्तरियों के इंतजार में जमा हुए हैं. उनका मानना है कि माया सभ्यता के मुताबिक दूसरे ग्रह के लोगों के आने से पृथ्वी पर जीवन खत्म होगा.
लेकिन अफवाह फैलाने वालों को नहीं बख्शा जा रहा है. चीन में 1000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो ईसाई धर्म का हवाला देते हुए अफवाह फैला रहे हैं कि इस दिन वाकई दुनिया खत्म हो जाएगी.
सैकड़ों सदियों से बार बार कयामत की भविष्यवाणियां होती आई हैं और हर बार ये सिर्फ अफवाह साबित हुई हैं. माना जा रहा है कि मेक्सिको के चिचन इतजा में भी शुक्रवार को भारी भीड़ जमा होने वाली है. इस जगह भी माया सभ्यता के खंडहर हैं. हालांकि मेक्सिको प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस मौके पर कोई जश्न नहीं मनाया जाएगा, फिर भी करीब 20,000 लोग वहां जमा हो चुके हैं.
नासा की सफाई
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा से हजारों लोगों ने संपर्क किया है, जो जानना चाहते हैं कि क्या दुनिया वाकई में खत्म हो रही है. नासा ने एक खास वेबपेज तैयार कर लोगों को भरोसा दिलाया है कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.
इसमें कहा गया है, "हमारा ग्रह पिछले चार अरब सालों से अच्छी तरह चल रहा है और भरोसेमंद विज्ञानियों का दावा है कि 21 दिसंबर के बाद भी यह इसी तरह चलता रहेगा."
लेकिन अंधविश्वासी लोगों को समझाना मुश्किल हो रहा है. हजारों लोग दुनिया के ऐसे हिस्सों में जमा हो रहे हैं, जो उनके मुताबिक ज्यादा सुरक्षित हैं. उनके पास खास बैग हैं, जिनमें संकट से निपटने के सामान बंद हैं.
तुर्की के पश्चिमी हिस्से का सिरिंसे गांव भी ऐसी ही जगह है, जहां खूब लोग जमा हुए हैं. मान्यताओं के अनुसार मां मेरी इसी जगह से जन्नत गई थीं और इसलिए यह बिलकुल महफूज जगह है.
इसी तरह इटली के दक्षिण में सिस्टेरिनो में एक भारतीय गुरु ने तमाशा कर रखा है, जो कहता है कि यहां आने वाले सुरक्षित रहेंगे.
मेक्सिको के एक पत्थर पर माया सभ्यता के अवशेष पाए जाने के बाद यह अफवाह फैली कि 21 दिसंबर, 2012 को दुनिया खत्म हो जाएगी. हालांकि ज्यादातर जानकारों का कहना है कि इस तारीख का मतलब यह है कि माया सभ्यता 5200 साल बाद इस दिन खत्म होगी और इसका विश्व के समापन से कुछ लेना देना नहीं.
एजेए/एमजी (एएफपी)