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करजई के बयान पर कड़ी पाकिस्तानी प्रतिक्रिया

आभा निवसरकर मोंढे १६ जून २००८

पाकिस्तान ने अफगानी राष्ट्रपति करजई के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है कि तालिबान को निशाना बनाने के लिए अफगानी सैनिक पाकिस्तान में भी हमला कर सकते हैं. पाकिस्तान ने कहा कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा.

पाक राष्ट्रपति मुशर्रफ और प्रधानमंत्री गिलानीतस्वीर: AP

रविवार को राष्ट्रपति करजई ने कहा था कि अफगानिस्तान को आत्मरक्षा का पूरा हक़ है. अगर तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी सीमा से आते हैं और अफगानी लोगों और वहां तैनात अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को मारते हैं तो हमें भी हक़ है यही सब करने का.

अफगान राजदूत तलब

करजई के बयान के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान जारी करके कहा कि वह इस बात को पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में अमेरिका का अहम सहयोगी है. कुरैशी ने करजई के बयान को गैरजिम्मेदार और धमकी भरा बयान बताया. उन्होंने कहा कि चरमपंथ से लड़ने अकेला यही तरीका है कि दोनों देशों के आतंरिक मामलों में दखल न दी जाए. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद सादिक ने बयाता कि पाकिस्तान में अफगानी राजदूत अनवर अनवरजई को सोमवार को विदेश विभाग में तलब किया गया और करजई के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने कहा है कि पाक अफगान सीमा इतनी लंबी है कि उनकी पूरी तरह निगरानी मुमकिन नहीं.

मिलकर लड़ें - बुश

तालमेल बढ़ाने की जरूरत - बुशतस्वीर: AP

लंदन दौरे पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने कहा है कि ढाई हजार किलोमीटर लंबी पाक अफगान सीमा पर उग्रवादियों से किस तरह निपट जाए, इस बारे में दोनों देशों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन के साथ मुलाकात के बाद बुश ने कहा कि दोनों पक्षों को इस बारे में अपनी बातचीत को विस्तार देना चाहिए. तालिबान लड़ाकों को निशाना बनाने के लिए पिछले हफ्ते अमेरिका सैनिकों ने भी पाक अफगान सीमा पर हवाई हमला किया था जिसमें 11 पाकिस्तानी सैनिक और आठ आम लोग मारे गए थे.

आत्मरक्षा का अधिकार - करजई

रविवार को अफगानी राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा था कि उनके देश को अपनी रक्षा का अधिकार है. इसलिए तालिबान के सफाए के लिए अफगानी सुरक्षा बल पाकिस्तान के अंदर तालिबान के ठिकानों पर भी हमला कर सकते हैं.यह बात करजई ने काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कही जो अफगानिस्तान पर पैरिस में हुए अंतरराष्ट्रीय दाता देशों के सम्मेलन के परिणामों के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया गया था. करजई ने कंधार में जेल पर हुए हमले और 390 तालिबानियों के भाग निकलने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि तालिबानियों से सख़्ती से निपटने की जरूरत है. करज़ई ने कहा जेल पर हमले की घटना दिखाती है कि अफ़ग़ानिस्तान के सामने क्या चुनौतियां है,उसकी क्या कमज़ोरियां हैं. इसलिये लिये ज़रूरी है कि अफ़ग़ानी सुरक्षा व्यवस्था और मज़बूत की जाए. साथ ही चरमपंथियों से निपटने के लिये लड़ाई भी तेज़ की जाए. अफ़ग़ानी राष्ट्रपति हामिद करज़ई इसलिये भी तिलमिलाए हुए हैं कि अफ़ग़ानिस्तान के पुनर्निमाण को लेकर इस सप्ताह पैरिस में हुए दाता देशों के सम्मेलन में करज़ई की काफ़ी आलोचना की गई कि वह अफ़ग़ानिस्तान में सरकार की स्थिती मज़बूत नहीं कर पा रहे हैं.

अफगानिस्तान को आत्मरक्षा का हक- करजईतस्वीर: AP

इसी बीच अफ़ग़ानी और अंतरराष्ट्रीय सैनिकों ने जेल से भागे पांच लोगों को पकड़ लिया है. अंतरराष्ट्रीय सेना ने बताया कि दक्षिण अफगानिस्तान में लड़ाकों के एक ठिकाने पर किए हवाई हमले में 15 चरमपंथी मारे गए हैं.

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