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कराची की हिंसा में अब तक 76 की मौत

५ अगस्त २०१०

मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के नेता की हत्या के बाद कराची में खून खराबा जारी. चार दिन में 76 लोगों की हत्या, 100 से ज्यादा घायल. शहर के कई इलाकों में खुलेआम घूम रहे हैं हथियारबंद लोग, छतों पर चढ़कर फायरिंग.

सुरक्षा बलों की गश्ततस्वीर: AP

सोमवार को एमएक्यूएम विधायक रजा हैदरा और उनके बॉडी गार्ड की हत्या कर दी गई, जिसके बाद से कराची में भारी हिंसा हो रही है. चार दिन से शहर के ज्यादातर बाजार बंद हैं. भारी मात्रा में अर्धसैनिक बल तैनात करने के बावजूद कई इलाकों में छतों में लोग एक दूसरे पर फायरिंग कर रहे हैं.

शहर में हिंसातस्वीर: AP

कराची के पुलिस प्रमुख वसीम अहमद का कहना है कि चार दिन की हिंसा में अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी है. दर्जनों घर, वाहन और दुकानें फूंक दी गई हैं. स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं. कई पेट्रोल पंपों को भी आग के हवाले कर दिया गया.

पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने हिंसा के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है. मलिक ने कहा, ''कराची हमारा व्यापारिक केंद्र है और तालिबान इसे बंद कराना चाह रहा है. तालिबान पश्तून लोगों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं.'' कराची में पश्तून मूल के लोगों की बड़ी आबादी रहती है. इनमें से ज्यादातर लोग पाक अफगान सीमा से घर बार छोड़कर यहां बसे हैं.

मलिक का कहना है कि कराची के औरंगी टाउन और कहाती इलाके में तालिबान ने गढ़ बना लिया है. कराची में अक्सर पश्तून मूल के लोगों का भारत से पाकिस्तान गए लोगों से टकराव होता रहता है. विभाजन के वक्त पाकिस्तान गए लोगों की सबसे ज्यादा संख्या कराची में ही है.

रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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