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कराची की हिंसा में 35 की मौत

३ अगस्त २०१०

पाकिस्तान के व्यवासायिक शहर कराची में एक नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में कम से कम 35 लोग मारे गए हैं. इसके बाद से शहर का माहौल तनाव भरा है. पौने दो करोड़ की आबादी वाले शहर में जातीय संघर्ष शुरू होने की भी आशंका है.

तस्वीर: AP

पुलिस ने बताया कि सोमवार को मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट के नेता रजा हैदर की गोली मार कर हत्या कर दी गई. वह एक मैयत में जा रहे थे, तभी उन पर हमला किया गया. उनका बॉडीगार्ड भी मारा गया. इसके बाद से कराची शहर में हमले शुरू हो गए. हिंसा के बाद नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर इलाके में तैनात पाकिस्तानी सेना को अलर्ट कर दिया गया है.

कराची के पुलिस प्रमुख वसीम अहमद ने कहा, "सोमवार से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. लगभग 90 लोग घायल हैं और शहर में दुकानों और गाड़ियों में आग लगाई जा रही है." अहमद का कहना है कि पुलिस को इस बात की पक्की जानकारी है कि हैदर की हत्या एक प्रतिबंधित जातीय गुट ने की है लेकिन उन्होंने गुट का नाम नहीं बताया. पुलिस का यह भी कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि हैदर के आखिरी रस्म के दौरान एक आत्मघाती हमला हो सकता है.

राजनीतिक और सुरक्षा मामलों के जानकार हसन असकरी रिजवी कहते हैं, "इससे निश्चित तौर पर जबरदस्त चिंता बढ़ी है. और अगर ऐसी हिंसा जारी रही, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था नीचे जा सकती है." कराची में पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक और स्टॉक एक्सचेंज है और इसी शहर में देश का प्रमुख बंदरगाह भी है. रिजवी का कहना है, "यह बेहद खराब स्थिति है और दिखाता है कि सरकार अपने नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं है."

तस्वीर: AP

रिजवी का कहना है कि पाकिस्तान में हर पार्टी के पास हिंसक गुट है और हैदर की हत्या के पीछे कोई भी हो सकता है. उन्होंने कहा, "कराची में सभी पार्टियों के पास सशस्त्र ग्रुप है. इसके अलावा आपराधिक ग्रुप, ड्रग माफिया और जातीय गुट जैसे ग्रुप भी हैं. इसलिए अभी नहीं कहा जा सकता है कि हत्या के पीछे कौन है."

हैदर की पार्टी मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने तीन दिनों के शोक का एलान किया है और शहर में तनाव के बीच स्कूलों को बंद कर दिया गया है. सड़कों पर न के बराबर गाड़ियां चल रही हैं. कराची में जनवरी से हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जिन पर घात लगा कर हमला किया गया है.

कराची शहर में जातीय, सांप्रदायिक और नस्ली हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद जब पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ मिल कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का फैसला किया तो अल कायदा ने इस शहर को निशाना बनाया. यहां कई बार विदेशियों पर भी हमले हो चुके हैं. 1947 में हिन्दुस्तान के बंटवारे के बाद भारत से उर्दू बोलने वाले जो लोग पाकिस्तान गए, उन्हें मोहाजिर कहते हैं. कराची में उनका बोलबाला है और एमक्यूएम उन्हीं की पार्टी है.

पाकिस्तान के सरहदी सूबे के बाहर सबसे ज्यादा पश्तून भी इसी शहर में रहते हैं. शहर की कुल आबादी एक करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा है और यह दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहरों में गिना जाता है. पुलिस का कहना है कि ड्रग माफिया और आपराधिक गिरोह शहर में अस्थिरता का फायदा उठा कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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