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कराची पर आतंकी हमले की कोशिश नाकाम

१ दिसम्बर २०१०

पाकिस्तान की पुलिस ने तालिबान से जुड़े चार आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम करने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक ये आतंकी कराची पर हमला करने की फिराक में थे.

तस्वीर: AP

चारों आतंकी तहरीक ए तालिबान से जुड़े हैं. पुलिस ने इन्हें कराची के सोहराब गोठ इलाके में छापा मार कर पकड़ा. वरिष्ट पुलिस अधिकारी उमर शाहिद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "पुलिस अमानुद्दीन मुन्नू, एहसान उल्लाह, बरकत उल्लाह और उमर सोहराब नाम के इन चारों आदमियों से पूछताछ कर रही है. ये चारों हाल ही में उत्तरी वजीरिस्तान के कबाइली इलाके से कराची आए. इन लोगों ने हमें ये बताया है कि तालिबान के मुखिया हकीमुल्लाह महसूद ने इन्हें कराची में आतंकी हमला करने के लिए भेजा था."

तस्वीर: AP

उमर शाहिद के मुताबिक इन लोगों की योजना पुलिस दफ्तर, दरगाह और मस्जिदों को निशाना बनाने की थी. ये लोग आतंकी विचारों का विरोध करने वाले राजनीतिक और धार्मिक नेताओं को भी मारना चाहते थे. पुलिस ने उनके पास से तीन सुसाइड जैकेट, राइफल, पिस्टल औऱ गोला बारूद बरामद किया है. पुलिस के एक और वरिष्ठ अधिकारी मोहम्मद असलम खान ने बताया कि ये लोग उत्तरी वजीरिस्तान से कुछ आत्मघाती हमलावरों को भी शहर में बुलाने वाले थे. इन गिरफ्तारियों से कराची में आतंकी हमले की साजिश नाकाम हो गई है.

असलम खान ने ये भी बताया कि पुलिस इनसे हाल के दिनों में कराची के पुलिस मुख्यालय और सूफी दरगाहों पर हुए हमलों के बारे में भी पूछताछ कर रही है.

11 नवंबर को बंदूक और ट्रक बम से लैस आतंकवादियों ने संदिग्ध आतंकवादियों को हिरासत में रखने वाले पुलिस विभाग को उड़ा दिया. इस हमले में 18 लोगों की मौत हुई और 130 लोग घायल हुए. इससे पहले 7 अक्टूबर को दो आत्मघाती बम हमलावरों ने कराची के अब्दुल्लाह शाह गाजी की दरगाह में खुद को उड़ा लिया जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में दो बच्चे भी थे.

पिछले तीन सालों में पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति में काफी गिरावट आई है. जुलाई 2007 से अब तक आतंकी हमलों में 3000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. अमेरिका ने पाकिस्तान को अल कायदा के खिलाफ चल रही जंग में अपना सबसे बड़ा सहयोगी माना है. अमेरिका पाकिस्तान पर लगातार दबाव बना रहा है कि वो आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के लिए काम करे. पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी इलाके में इन आतंकवादियों को पनाह मिली हुई है और यहीं से वो अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों की फौज पर हमला करने की योजना बनाते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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