बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री करिश्मा कपूर का कहना है कि उनकी बहन करीना कपूर उनकी दोस्त जैसी हैं और दोनों एक दूसरे के बेहद करीब हैं.
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करिश्मा कपूर ने कहा कि हालांकि दोनों व्यक्गित तौर पर काफी करीब हैं लेकिन करियर से जुड़े एक दूसरे के फैसले में दखल नहीं देतीं. एक सवाल पर करिश्मा ने कहा, "करीना अब शादीशुदा हैं और फिल्में चुनने का फैसला उनका अपना है." करिश्मा को लगता है कि करीना ने अपने करियर की पहली फिल्म से आज तक वही किया जो वह करना चाहती थी और परिवार ने उनके फैसले का सम्मान किया. करिश्मा कहती हैं, वह करियर के चुनाव को लेकर अपने बच्चों के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं करेंगी, "मेरे बच्चे जिंदगी में जो भी बनना चाहते हैं मैं उन्हें उसकी पूरी छूट दूंगी."
पहली पसंद दीपिका
दूसरी ओर खबर है कि जाने माने निर्देशक होमी अदजानिया अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को लेकर एक बार फिर से फिल्म बनाने जा रहे हैं. होमी ने दीपिका को लेकर कॉकटेल और अभी हाल ही में आई फिल्म फाइंडिग फैनी बनाई थी. कहा जा रहा है कि वह एक बार फिर से दीपिका को लेकर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं. होमी और दीपिका की अच्छी बनती है. उन्होंने दीपिका को महिला सशक्तिकरण पर आधारित अपनी अगली शॉर्ट फिल्म के लिए अप्रोच किया है. दीपिका को उनका विचार बेहद पसंद आया है और उन्हें खुशी हुई कि वह होमी की पहली पसंद हैं. अभी इस फिल्म की कहानी पर काम किया जा रहा है.
एए/एएम (वार्ता)
रंगबिरंगी रोशनी का त्योहार
पूरे दस दिनों के लिए रंगीन रोशनी में नहाई जर्मनी की राजधानी बर्लिन नई सी लगती है. यह बहुत अच्छा मौका है शहर में घूम कर इतिहास को नए रंगों में देखने का. सैर पर चलिए...
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पूरा शहर होता है कला का मंच
बर्लिन का 'फेस्टिवल ऑफ लाइट्स' दुनिया के कुछ सबसे जाने माने रोशनी की कला के आयोजनों में से एक है. सड़कें, चौराहे और सभी ऐतिहासिक स्थल रंगीन रोशनी में घुल कर नए से लगने लगते हैं.
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सबसे बड़ा आकर्षण
बर्लिन में रंगीन रोशनियों के त्योहार का यह 10वां साल है. जर्मनी और दुनिया भर से आए कलाकारों ने शहर में अपनी कला को पेश किया है. पिछले साल इसे देखने करीब 20 साख पर्यटक पहुंचे थे.
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केवल पर्यटकों के लिए ही नहीं
दूर से आने वालों को तो रंग बिरंगी प्रस्तुति भाती ही है. साथ ही बर्लिन के निवासी भी अपने शहर को एक नए अंदाज में सजा पाते हैं. हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी की ये चमक कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता.
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बर्लिन की खुली दीवार
25 साल पहले जर्मनी को दो हिस्सों में बांटने वाली यह दीवार अब चटक गुलाबी रंग में दमक रही है.
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इतिहास बताते रंगीन वीडियो
बर्लिन के जेंदार्मेनमार्क्ट थिएटर की बाहरी दीवार पर इस इमारत के 200 सालों के इतिहास को फिल्म के जरिए दिखाया जाता है. यह नियो-क्लासिकल वास्तुकला का नमूना है जिसे वास्तुकार कार्ल फ्रीडरीष शिंकेल का मास्टरपीस माना जाता है.
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जीती जागती रोशनी
'दि गार्जियन ऑफ टाइम्स' कहलाने वाला चलता फिरता कला का रहस्यमयी नमूना भी एक बड़ा आकर्षण है. राजधानी में हर दिन यह किसी अलग जगह पर प्रकट होता है.
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डरना मना है
रोशनी के इस त्योहार में कुछ डरावनी चीजें अचानक आपके सामने आ सकती हैं. मशहूर फिल्म पार्क बाबेल्सबर्ग स्टूडियो के कलाकार भी कई बार किसी हॉरर शो के किरदारों के रुप में दिख जाते हैं.
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इससे किसको होता है फायदा?
बर्लिन के पर्यटन उद्योग को होता है सबसे ज्यादा फायदा. मार्केटिंग के एक टूल के रूप में इस आयोजन का इस्तेमाल किया जाता है. 2013 में ही लाइट फेस्टिवल को मीडिया में करीब 1.8 अरब उल्लेख मिले.
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सबसे लिए कुछ ना कुछ
19 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव का आनंद आप नदी के रास्ते, साइकिल पर या फिर बग्घी में बैठ कर तो ले ही सकते हैं, गर्म हवा के गुब्बारे में उड़ते हुए भी इसका मजा लिया जा सकता है.