1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

करोड़ों तारों की खाक छान कर भी नहीं मिला एलियन

१० सितम्बर २०२०

वैज्ञानिकों ने एलियनों की खोज का अब तक का सबसे बड़ा अभियान पूरा कर लिया. अफसोस 1.03 करोड़ तारों की खोज करने के बाद भी उन्हें कोई एलियन नहीं मिला, कम से कम अब तक.

Astronomy Photographer of the Year 2020 I Galaxies
तस्वीर: Terry Robison

ऑस्ट्रेलिया में रेडियो टेलिस्कोप के जरिए वैज्ञानिक एलियन की खोज के लिए अंतरिक्ष की खाक छानते रहे. हमारे सौरमंडल के बाहर भी जीवन के चिन्ह खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने आधुनिक तकनीक का सहारा लिया. किसी तेज दिमाग वाले विकसित एलियन के आधुनिक संचार के संकेतों को भी ढूंढने की बड़ी कोशिश की गई लेकिन अब तक सब बेकार ही है.

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के मर्चिसन वाइडफील्ड आरे यानी एमडब्ल्यूए टटेलिस्कोप का इस्तेमाल कर रिसर्चरों ने वेला तारमंडल के तारों से निकलने वाली कम फ्रीक्वेंसी वाले रेडियो उत्सर्जन को खंगाल कर रख दिया. उनकी खोज के बारे में रिसर्च रिपोर्ट इस हफ्ते एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने छापी है.

खगोल भौतिकविज्ञानी चेनोआ ट्रेंबले का कहना है, "यह हैरानी की बात नहीं है कि हमें कुछ नहीं मिला, अभी भी बहुत सी चीजें अज्ञात हैं जो लगातार बदल रही हैं." ट्रेंबले ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी के एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस विभाग से जुड़ी हैं साथ ही कॉमनवेल्थ साइंटिफिक इंडस्ट्रील रिसर्च ऑर्गनाइजेशन से भी. ट्रेंबले ने बताया, "हमारे सौरमंडल के बाहर जीवन की तलाश एक बड़ी चुनौती है. हम नहीं जानते कि कब, कैसे, कहां और किस तरह के संकेत हमें मिल सकते हैं जिससे हमें पता चलेगा कि गैलेक्सी में हम अकेले नहीं हैं."

मर्चिसन वाइडफील्ड आरेतस्वीर: Reuters/International Centre for Radio Astronomy Research (ICRAR)/Curtin University

खगोल भौतिकविज्ञानी स्टीवन टिंगे ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी और इंटरनेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी रिसर्च से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बारों की तुलना में इस बार की खोज 100 गुना ज्यादा गहरी और विस्तृत थी. हालांकि ब्रह्मांड के लिहाज से देखें तो रिसर्च में बहुत कम ही तारों को शामिल किया गया. टिंगे ने कहा, "एक करोड़ तारे बड़ी संख्या मालूम होते हैं लेकिन हमारा आकलन है कि करीब 100 अरब तारे हैं (मिल्कीवे आकाशगंगा में). तो हमने हमारी आकाशगंगा के केवल 0.001 प्रतिशत तारों को ही देखा है. सोचिए कि किसी सागर में केवल 30 मछलियां हों और हम उन्हें ढूंढने के लिए घर के पीछे बने स्वीमिंग पूल के बराबर की जगह में नजर दौड़ाएं. ऐसे में उन मछलियों के मिलने की उम्मीद बेहद कम होगी."

एलियंस की परिकल्पना इंसानों को लुभाती हैतस्वीर: Getty Images/AFP/T. Kitamura

एमडब्ल्यूए स्क्वेयर किलोमीटर आरे का पूर्ववर्ती है. भविष्य की खोज स्क्वेयर किलोमीटर आरे की मदद से होगी जो और ज्यादा उन्नत है. टिंगे का कहना है, "सबसे जरूरी है कि तकनीकों को बेहतर करना साथ ही हर बार और ज्यादा गहराई और विस्तार में जाना. हमेशा इस बात के मौके होंगे कि अगली रिसर्च कुछ ऐसा सामने ले कर आएगी. तब भी जब आप इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं कर रहे हों."

एलियन या परग्रही जीवों के अस्तित्व की बात हमेशा से होती रही है लेकिन अब तक ऐसा कोई पक्का प्रमाण नहीं मिला है जिसके आधार पर इसे सच माना जा सके. ये और बात है कि इंसान का दिमाग इसकी खोज के लिए लगातार प्रयास करता रहा है.

एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)

_______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें