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कर्जदारों को राहत दिलाएंगे प्रधानमंत्री

११ नवम्बर २०१२

स्पेन में आर्थिक संकट नए पैमाने गढ़ रहा है. पिछले हफ्ते देश के उत्तरी हिस्से में एक महिला ने अपने घर का कर्ज न चुका पाने के बाद खुदकुशी कर ली. प्रधानमंत्री ने तेजी से सुधार लाने की बात कही.

तस्वीर: dapd

प्रधानमंत्री मारियानो राखोय ने माना है कि स्पेन में कानूनों की वजह से इस तरह के "अमानवीय हालात" बन रहे हैं क्योंकि नौकरी न रहने के बावजूद लोग अपने घर का कर्ज चुकाने के लिए मजबूर हैं. पिछले हफ्ते 53 साल की आमाया एगाना ने अपने घर की बालकनी से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली. उनके घर की नीलामी करने अधिकारी पुहुंचने वाले थे और उससे पहले ही एगाना ने अपनी जान देने का फैसला कर लिया. राखोय ने कहा है कि वह घरों की नीलामी पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए उधार देने वाले संगठनों की कार्यवाही में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि एक समझौते के जरिए कर्जदार अपने घरों में रह सकें.

अक्टूबर में ही दक्षिणी स्पेन के ग्रानादा में खोसे लुइस दोमिंगो ने घर की नीलामी से पहले खुदकुशी कर ली. मैड्रिड में सैंकड़ों लोग काखा मैड्रिड बैंक के बाहर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि बैंक उनके घरों की नीलामी रोके और उनके कर्जों पर दोबारा बातचीत हो. पिछले महीने स्पेन में जजों के एक संगठन ने एक रिपोर्ट छापी किया जिसमें उन्होंने नीलामी की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि 2008 से लेकर 2011 तक स्पेन में साढ़े तीन लाख घरों की नीलामी हुई है. उन्होंने कहा कि अधिकारी कर्जदारों के साथ बहुत ही आक्रामक कानूनी रवैया दिखाते हैं. कर्जदार अपनी जगह पर बेबस हैं और एक ऐसे संकट से पीड़ित हैं जिसे लाने में उनका अपना कोई हाथ नहीं.

स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राखोय (बीच में)तस्वीर: Reuters

सरकार ने अब कहा है कि जल्द ही विपक्षी सोशलिस्ट पार्टी को वह अपने प्रस्ताव पेश करेगा ताकि कर्जदारों को बचाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जा सकें. प्रधानमंत्री राखोय ने कहा है कि अस्थायी रूप से नीलामी को रोकने से संवेदनशील परिवारों को मदद मिलेगी. उनका कहना है कि कर्ज चुकाने की प्रक्रिया को भी बदलने की कोशिश की जाएगी ताकि कर्जदार बैंक से बात करके कर्ज की शर्तों पर दोबारा समझौता कर सकें.

स्पेन यूरो क्षेत्र की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. पिछले साल से देश आर्थिक संकट की चपेट में है और देश में 25 प्रतिशत से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं.

एमजी/एनआर(एपी, एएफपी)

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